उत्तर भारत में आज कई जगह बारिश के साथ तेज ओले गिरे. (न्यूज18)
उत्तर भारत में दिल्ली समेत कई जगहों पर ओले गिरे हैं या फिर गिरने की संभावना है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और एनसीआर में दोपहर हुई बारिश ने मौसम का रुख ही बदल दिया. यहां ओले गिरे और आधे घंटे से ज्यादा गिरते रहे. क्या आपको मालूम है आसमान से बारिश के साथ ये बर्फ के छोटे छोटे टुकड़े क्यों गिरने लगते हैं. इसके आसमान में बनने और गिरने की वजह कुछ तो होती ही होगी.
आमतौर पर सालभर में ओलों की बारिश तीन से चार या अधिक बार देखने को मिल ही जाती है. हालांकि ये अक्सर कृषि के लिए आफत बन जाती है. तैयार फसलों को बर्बाद कर देती है. अगर मौसम के बदलाव के तौर पर देखें तो ये तापमान को गिराने वाली साबित होती है. अक्सर लोग तब हैरान रह जाते हैं जबकि मौसम गर्मी का होता है और आसमान से ओले गिरने शुरू हो जाते हैं.
आइए जानते हैं कि क्या होती है इसकी वजह. जब नदियों और समुद्र से पानी भाप बनकर ऊपर उठता है, तो नियमित प्रक्रिया में ये बादल बनाते हैं. ये बादल ही जब सघन होने लगते हैं तो बारिश के तौर पर पानी बरसाना शुरू करते हैं. हालांकि काफी हद तक बारिश हवा की गति, दबाव और तापमान पर भी निर्भर करती है.
आप जैसे जैसे आसमान पर ऊपर जाते हैं, वहां का तापमान कम होता जाता है. 03 किलोमीटर ऊपर आसमान का तापमान शून्य या उससे कम होने लगता है, तब वहां पहुंचने वाले बादल या पानी की छोटी छोटी बूंदें जमने लगती हैं. जब छोटे छोटे बर्फ के बिंदुओं में रूपांतरिक होती हैं तो इनके संपर्क में आने वाला और पानी भी बर्फ बनने लगता है. इनका आकार गोल हो जाता है.
करीब एक किलो के ओले भी गिर चुके हैं
जैसे ही इन गोल टुकड़ों का वजन ज्यादा होता है तो ये नीचे गिरने लगते हैं. हालांकि नीचे गिरने वाले ओले जब आसमान में ऊपर होते हैं तो इनका आकार और बड़ा होता है लेकिन नीचे नीचे आते आते ये छोटे छोटे होते जाते हैं. लेकिन कई बार ओलों में काफी बड़े टुकड़े भी गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं. 23 जुलाई 2010 अमेरिका के साउथ डोकोटा में जो ओलावृष्टि हुई वो तो भयावह थी. इसमें 7.87 यानि 20 सेंटीमीटर मोटाई वाले ओले के टुकड़े गिरे, जिनका वजन एक किलो से कुछ ही कम था. अंग्रेजी में इन्हें हेल स्टॉर्म (Hail Storm) कहा जाता है.
सवाल – ओले कैसे बनते हैं?
– बर्फ पानी की ही एक अवस्था है जो कि पानी के जमने से बनती है. जब भी पानी शून्य तापमान से नीचे के संपर्क में आता है तब वह बर्फ बन जाता है. समुद्र तल की अपेक्षा जैसे-जैसे हम उंचाई की और बढ़ते है, तो तापमान धीरे -धीरे कम होता जाता है, इसलिए तो पहाड़ों पर ठंडक रहती है या तापमान कम होता है.
जब आसमान में तापमान शून्य से कई डिग्री कम हो जाता है तो वहां मौजूद हवा में नमी पानी की बूंदों के रूप में इकट्ठा होकर जमने लगती हैं.
सवाल – आसमान बनने वाले ओले क्यों धरती पर आने लगते हैं?
– वजन बढ़ने के साथ धरती का गुरुत्वाकर्षण उन्हें नीचे की ओर खींचता है. जिसे ओले पड़ना या ओलावृष्टि कहते हैं, आमतौर पर यह तेज आंधी से जुड़ी होती है.
सवाल – ओलावृष्टि कब अधिक होती है?
– ओले को बर्फ के छल्ले के रूप में देखा जा सकता है. कुछ छल्ले दूधिया सफेद होते हैं, ओले दो अलग-अलग प्रक्रियाओं से बढ़ सकते हैं, गीला और सूखा. ये तब ज्यादा होती है, जब तूफान की स्थिति बनती है, वहां आसमान में ऊपर तब तापमान काफी ठंडा होने लगता है.
सवाल – भारत में ओलावृष्टि कब होती है?
– सर्दियों और मानसून से पहले ओलावृष्टि का सबसे अधिक खतरा होता है. आमतौर पर मार्च और अप्रैल में ओला कम गिरता है. लिहाजा इस समय ओले गिरना सामान्य से अलग है. दक्षिण पश्चिम मानसूनी मौसम में ओलावृष्टि की घटनाएं नहीं के बराबर होती हैं. ओलावृष्टि होने के लिए वातावरण अत्यधिक अस्थिर होना चाहिए. ओलावृष्टि का समय दोपहर और शाम के कुछ घंटों के दौरान होता है.
सवाल – ओला गिरने से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं?
– ओलावृष्टि से फसलों, लोगों और पशुओं के अलावा, विशेष रूप से विमान, ऑटोमोबाइल, कांच की छत वाली संरचनाओं, रोशनदानों को गंभीर नुकसान हो सकता है। मुख्य रूप से मार्च और अप्रैल के महीनों में होने वाली ओलावृष्टि से फसल के पकने पर आम की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. क्योंकि इस समय आम के पेड़ों में बौर आने लगती है.
सवाल – किन भारतीय राज्यों में ओलावृष्टि होने का खतरा ज्यादा रहता है?
-उत्तर पूर्वी राज्यों में ओलावृष्टि का अधिक खतरा रहता है. तटीय स्टेशनों और प्रायद्वीपीय भारत में ज्यादातर ओलावृष्टि नहीं होती है. महाराष्ट्र और तेलंगाना के कई इलाकों में ओलावृष्टि नहीं होती है. ये स्थान ज्यादातर गर्म और नम रहते हैं और जैसे ही तापमान ऊपर चढ़ता है, बारिश होने लगती है, जिससे ओलों के बनने में मुश्किल से ही समय लगता है. इसलिए, तेलंगाना, विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में मानसून से पहले सीजन के दौरान ओलावृष्टि की सबसे अधिक आशंका होती है. मानसून पूर्व के मौसम के दौरान पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी ओलावृष्टि होती है.
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Tags: Bad weather, Hail rain in Bundelkhand, Rain, UP hailstorm
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