अमेरिका की बाइडेन सरकार गैस चूल्हे से होने वाले नुकसानों को देखते हुए इस पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है.
Risky Gas Stove: अमेरिका की प्रेसीडेंट जो बाइडेन सरकार एलपीजी या पीएनजी से चलने वाले गैस स्टोव्स के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है. दरअसल, अमेरिका के उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा के मुताबिक गैस चूल्हा इस्तेमाल करने पर ऐसी गैसों का उत्सर्जन करता हे, जो इंसानों के स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी काफी नुकसानदायक होती हैं. इस बीच इंटरनेट पर भी इस बात को लेकर बहस छिड़ गई कि क्या गैस स्टोव हमारे लिए हानिकारक हैं? क्या अमेरिकी सरकार को गैस स्टोव पर बैन लगा देना चाहिए? हालांकि, ये दोनों मसले नहीं हैं. पहले भी इसको लेकर चर्चा होती रही है.
वैज्ञानिक पहले भी कहते आए हैं कि खाना बनाने वाला गैस स्टोव ऐसे प्रदूषण फैलाने वाला उत्सर्जन करता है, जो हमारे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं. हाल में सीपीएससी के कमिश्नर रिचर्ड ट्रुमका जूनियर ने कहा था कि गैस चूल्हे पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है क्योंकि ये सुरक्षित नहीं है. उनका कहना है कि ये छुपा हुआ खतरा है, जो सामने से दिखाई नहीं देता, लेकिन बहुत नुकसान पहुंचाता है. उन्होंने इससे होने वाले दूसरे नुकसानों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी उत्पाद के इस्तेमाल की छूट नहीं दे सकते, जो सुरक्षित ना हो.
सरकार और विपक्ष का क्या है रवैया?
ट्रुमका जूनियर के बयान से साफ पता चलता है कि अमेरिका में गैस चूल्हे को लेकर जो बाइडन सरकार कभी भी बड़ा फैसला ले सकती है. वहीं, अमेरिकी सरकार पर्यावरण को इससे होने वाले नुकसान को भी ध्यान में रखकर गैस चूल्हे पर पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है. हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और डेमोक्रेटिक सीनेटर जो मंचिन गैस स्टोव पर पाबंदी के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं. यही नहीं, हाउस रिपब्लिकंस सीपीएससी को ऐसी पाबंदी लगाने से रोकने के लिए कानून भी प्रस्तावित किया है. इस पर सीपीएससी ने स्पष्ट किया है कि आयोग का फिलहाल पाबंदी लगाने का कोई इरादा नहीं है. हम केवल लोगों की राय ले रहे हैं कि इस पर पाबंदी लगाई जाए या नहीं.
क्या कहते हैं अमेरिका के वैज्ञानिक?
अमेरिका के वैज्ञानिक और कुछ विशेषज्ञों ने गैस स्टोव के स्वास्थ्य व पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे असर के बारे में काफी कुछ कहा है. ड्रेक्सल विश्वविद्यालय में पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य विभाग के सहायक प्रोफेसर जोशिया केफर्ट के अनुसार, गैस स्टोव प्राकृतिक गैस को जलाते हैं. इससे कई अदृश्य बाय-प्रोडक्ट पैदा होते हैं. उनके मुताबिक, मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी चिंता नाइट्रोजन डाइऑक्साइड है. वातावरण में नाइनाइट्रोजन डाइऑक्साइडजन की उपस्थिति में प्राकृतिक गैस को उच्च तापमान पर जलाने पर यह गैस बनती है. हम जानते हैं कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं.
कौन-सी गैसें हैं हमारे लिए घातक?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, गैस चूल्हा जलाने पर कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर वातावरण में जाते हैं. ये पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक होते हैं. इलेक्ट्रिक चूल्हे के मुकाबले गैस चूल्हे पर खाना बनाने पर ढाई गुना ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर पैदा होते हैं. इसके चलते जहरीली गैस हमारे शरीर को श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याएं होती हैं. यही नहीं, इससे दिल से जुड़ी बामारियों के साथ ही कैंसर की भी आशंका बढ़ जाती है.
नाइट्रोजन ऑक्साइड नुकसानदायक कैसे?
अमेरिका की एंवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी ने नाइट्रोजन ऑक्साइड के खुले में उत्सर्जन को रेग्युलेट कर दिया है. इसके उलट इनडोर एक्सपोजर को लेकर कोई नियम नहीं बनाए गए हैं. जबकि, दशकों पुराने अध्ययनों में भी गैस स्टोव जलाने से पैदा होने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस को हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया जा चुका है. केफर्ट कहते हैं कि नाइट्रोजन ऑक्साइड के आउटडोर उत्सर्जन से स्वास्थ्य पर होने वाले बुरे असर को लेकर पिछले 10 साल में हमारी समझ काफी बढ़ी है. अब हमें ये भी पता चल गया है कि घर के अंदर गैस स्टोव के कारण बनने वाली नाइट्रोजन ऑक्साइड भी आउटडोर के बराबर ही नुकसानदायक होती है.
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मेटा-एनालिसिस में क्या पाया गया?
अध्ययनों में पता चला है कि बिना जली नेचुरल गैस लीक होने पर बेंजीन बनाती है. इसके साथ ही गैस स्टोव जलाने पर पीएम 2.5 भी पैदा होते हैं, जो श्वसन तंत्र से जुड़ी हुई समस्याएं पैदा होती हैं. साल 1992 में इस विषय पर अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण में, ईपीए और ड्यूक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि गैस स्टोव से निकलने वाले नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में आने से बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ने की आशंका लगभग 20 फीसदी बढ़ जाती है.साल 2013 में 41 अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि गैस से खाना पकाने से बच्चों में अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है. एक अध्ययन में पाया गया कि यूएस में बचपन में अस्थमा के 12.7 फीसदी मामलों को गैस स्टोव के उपयोग के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. कुल साढ़े 6 लाख अमेरिकी बच्चों में अस्थमा गैस चूल्हे के कारण हुआ है.
किसे है ज्यादा जोखिम और कैसे बचें?
कुछ अध्ययनों में गैस स्टोव के व्यस्कों पर पड़ने वाले प्रभाव की पड़ताल भी की गई है. इनके मुताबिक, गैस स्टोव से बनने वाली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में ज्यादा आने से महिलाओं में स्वास्थ्य जोखिम भी पुरुषों के मुमाबले ज्यादा रहता है. इस समय अमेरिका के 35 फीसदी घरों में गैस चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है. कैलिफोर्निया और न्यू जर्सी में 70 फीसदी घरों में गैस चूल्हे पर खाना पकाया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम गैस स्टोव के बजाय बिजली से चलने वाले स्टोव का इस्तेमाल करें तो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहेगा. अगर आप इसे महंगा होने के कारण नहीं खरीद सकते तो गैस स्टोव के ऊपर चिमनी जरूर लगवाएं. इसके अलावा गैस का इस्तेमाल करते समय एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें.
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Tags: Air pollution, America News, Health problems, LPG gas, Respiratory Problems, WHO
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