बिहार समेत देश के 04 राज्यों में शराब के बेचने, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. ऐसे में इन राज्यों में अक्सर चोरी चुपके अवैध शराब बनाई जाती है. (PTI)
बिहार के छपरा जिले में जहरीली शराब से 38 से लोगों की मौत हो चुकी है. बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती हैं. बिहार वो राज्य भी है जहां लंबे समय से शराबबंदी है. मतलब वहां शराब बेचना, बनाना और पीना प्रतिबंधित है. इसके बाद भी हर साल वहां जहरीली शराब से काफी मौत हो जाती है. कुछ महीने पहले गुजरात में भी जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों के मौत की खबर सामने आई थी. जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा काफी हाहाकारी है. 06 साल में 6000 से ज्यादा लोग इससे मरे.
भारत के कई राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है. वहां इस तरह की मौत की खबरें अक्सर आती है. कुछ महीने पहले संसद में जहरीली या नकली शराब का मामला उठा. इससे संबंधित सवाल पूछा गया. जिस पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब भी दिया. निश्चित तौर पर उन्होंने जो आंकडे़ बताए वो सरकारी हैं यानि असल में इन मौतों की संख्या ज्यादा ही होगी. निश्चित तौर पर ये चिंता का विषय है और गंभीर भी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालिया जहरीली शराब से हुई मौतों की घटना की कड़ी निंदा की है. हालांकि इस निंदा में उन्होंने इस तरह की शराब को पीने वालों को आड़े हाथों लिया है. हालांकि उन्होंने जिस अंदाज में इस मामले की निंदा की और जहरीली शराब पीने वालों को कोसा, उसकी विपक्ष निंदा कर रहा है.
सवाल – कुछ माह पहले लोकसभा में जहरीली शराब से संबंधित सवाल पूछा गया था, क्या है देश में इससे मौतों का आंकड़ा?
– भारत में अवैध रूप से बनाई गई नकली या जहरीली शराब से हर साल हजारों लोगों की मौत होती है. लोकसभा में 19 जुलाई को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली ने अवैध और नकली शराब से हुई मौतों को लेकर सवाल पूछा. जिसका जवाब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिया. राय के जवाब के मुताबिक साल 2016 से 2022 के बीच भारत में 6 हजार 172 लोगों की मौत अवैध और नकली शराब पीने से हुई है. सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2016 में 1054, 2017 में 1510, 2018 में 1365, 2019 में 1296 और 2020 में 947 लोगों की मौत हुई. गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है, वहां इन पांच सालों में अवैध और नकली शराब से 50 लोगों की मौत हुई है.
सवाल – किस राज्य में शराब से ज्यादा मौतों की बात सामने आई है?
– सबसे ज्यादा 1214 मौतें मध्य प्रदेश में हुईं, दूसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां 909 लोगों की मौत हुई. तीसरे नंबर पर पंजाब है, जहां 725 लोगों की मौत हुई. पिछले पांच सालों में अवैध और नकली शराब पीने से हरियाणा में 476 लोगों की जान गई. वर्ष 2016-20 तक के आंकड़े कहते हैं देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान 291 लोगों की मौत हुई है.
दिल्ली में 05 सालों में 94 लोगों की मौत हुई, जिसमें 2017 में सबसे ज्यादा 33 लोगों की मौत हुई. बिहार में वर्ष 2016 से लेकर 2020 के दौरान 05 वर्षों में सरकारी आंकड़ों में 21 लोगों की मौत दिखाई गई. वर्ष 2021 का आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है लेकिन इस साल बिहार में ताजातरीन जहरीले शराब हादसे में मरने वालों की संख्या 35 से ऊपर हो चुकी है और इसके बढ़ने की भी आशंका है.
सवाल – कैसे बनाई जाती है अवैध शराब?
– जाहिर है कि ये गैरकानूनी तरीके से बनाई जाती है, क्योंकि इसे बगैर लाइसेंस लिए बनाना गैरकानूनी है. जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां तो इसे बनाने या बेचना और पीना सब गैरकानूनी है. ऐसे में चोरीचुपके ये बनाई जाती है और लोगों तक पहुंचती है. ये आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में चोरी छिपे ही बनाई और बेची जाती है. ये काफी सस्ती होती है. लेकिन उतनी ही रिस्की भी.
सवाल – क्यों अगर चोरी से बनाने वाली देसी शराब के जहरीली होने की आशंका ज्यादा रहती है?
– इसको बनाने की प्रक्रिया काफी खतरनाक होती है. यही जानलेवा हो जाती है. क्योंकि उन्हें इसके आसवन या बनाने की सही प्रक्रिया का ना तो ज्ञान रहता है और ना ही वो इसकी परवाह करते हैं. इसके आसवन यानि डिस्टिल करने की प्रक्रिया मुश्किल होता है, इसे एक्सपर्ट ही कर सकता. इसको बनाने की प्रक्रिया में पहले मिथाइल निकलता है और उसके बाद इथाइल निकलता है.ये पता होना जरूरी है कि कैसे इथाइल को अलग किया जाएगा. अगर मिथाइल को तरीके से अलग नहीं किया गया तो पूरी शराब ही जहरीली हो जाती है.
सवाल – कच्ची शराब किन तरीकों से बनाई जाती है?
– आमतौर पर गुड़, पानी, यूरिया आदि के जरिए कच्ची शराब बनाई जाती है. इसमें कई ऐसे कैमिकल का इस्तेमाल किए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होते हैं. लंबे समय तक इसे रखने से इसमें कई बार कीड़े भी चले जाते हैं, जो जहरीली शराब का कारण बनते हैं.
इन्हें सड़ाने के लिए ऑक्सीटॉक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें नौसादर, बेसरमबेल की पत्ती और यूरिया भी मिलाया जाता है. ये शरीर के लिए काफी खतरनाक होती है. जब इसमें जब यूरिया, ऑक्सीटॉक्सिन, बेसरमबेल की पत्ती वगैरह मिलाकर फर्मेंटेशन यानी किण्वन कराया जाता है, तो इन रसायनों के मिलने से मिथाइल एल्कोहॉल बन जाता है, जो बहुत खतरनाक साबित होता है.
सवाल – कैसे ये जहरीली शराब शरीर के लिए घातक हो जाती है?
– ये शरीर में जाकर फार्मेल्डिहाइड या फार्मिक एसिड नामक जहर बनती है. ये दिमाग पर सीधा असर करती है.मिथाइल अल्कोहल शरीर में जाते ही तेज केमिकल रिएक्शन करता है. शरीर के अंगों पर असर करता है और वो काम करना बंद कर देते हैं.
मिथाइल अल्कोहल से निकलने वाला फार्मिक एसिड शरीर के नर्वस सिस्टम को ब्रेक डाउन करता है. कई बार शराब को अधिक नशीला बनाने के चक्कर में इसमें यूरिया और ऑक्सिटोसिन मिला देते हैं, जो मौत की वजह बढ़ा देती है.
सवाल – ये फार्मिक एसिड क्या होती है और क्यों जानलेवा होती है?
– जहरीली शराब में फार्मिक एसिड काफी अधिक होती है. उसी से तमाम परेशानियां भी आती हैं. चिंटी जब काटती है तो शरीर में बेहद कम मात्रा में फार्मिक एसिड छोड़ती है और हम उसे सहन नहीं कर पाते हैं. इसमें ये उस काट लाखों या करोड़ों गुना ज्यादा असर दिखाता है.
सवाल – इसके शरीर में और क्या असर होते हैं?
– डॉक्टरों के अनुसार जहरीले पदार्थ के सेवन से मरीज कार्डियोमायोपैथी और आप्टिक न्यूरोपैथी का शिकार हो जाते है़ं. कार्डियोमापैथी में मरीज का हर्ट का साइज बड़ा हो जाता है़. जिससे हर्ट में खून का पंप बेहतर तरीके से नहीं करता है. इससे मरीज को हर्ट अटैक हो जाता है़.आप्टिक न्यूरोपैथी में आंख की नस सूख जाती है. जिससे मरीज को दिखना बंद हो जाता है.
सवाल – शराब को बनाना और बेचना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है या राज्य सरकार के?
– शराब का उत्पादन, निर्माण, कब्जा, परिवहन, खरीद और बिक्री – राज्यों के अधिकार का विषय है. लिहाजा हर राज्य इसे लेकर अपने अलग कानून बना सकता है. जो भारत के अलग अलग राज्यों में हैं भी
सवाल – भारत के कितने राज्यों में शराब पीने, बेचने और बनाने पर पाबंदी है?
– देश में कई राज्यों में ऐसा है, इसमें बिहार, गुजरात, मिजोरम और नागालैंड आते हैं. बाकी राज्यों में इस पर पाबंदी नहीं है. हालांकि महात्मा गांधी चाहते थे कि पूरे देश में शराब पर पाबंदी लगाई जाए. हालांकि शराब का लाइसेंसीकरण और बिक्री राज्यों के राजस्व में बड़ी भूमिका निभाते हैं.
सवाल – बिहार में कब से शराब पर पाबंदी लगी हुई है?
– बिहार में 26 नवंबर 2015 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये घोषणा की कि 01 अप्रैल 2016 से पूरे राज्य में शराब पर पाबंदी रहेगी. तब से राज्य में कहीं भी शराब को बेचना, बनाना और पीना प्रतिबंधित है. इसे होटलों, बार, क्लब या कहीं भी नहीं बेचा जा सकता. इसे तोड़ने पर 05 से 10 साल के जेल की सजा का प्रावधान है.
सवाल – गुजरात में शराबबंदी कब से है और उसकी क्या स्थिति है?
– गुजरात राज्य बनने के बाद से 1960 से वहां शराबबंदी लागू है. हालांकि जब गुजरात नहीं बना था और ये पूरा क्षेत्र बांबे राज्य में आता था, तब यहां 1948 से 1950 और फिर 1958 से शराब पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया था. हालांकि गुजरात में इसकी स्मगलिंग आम है और लोग पड़ोसी राज्यों की सीमा पर जाकर इसका सेवन करते हैं. साथ ही वहां भी जहरीली शराब की घटनाएं देखने को मिलती हैं. हालांकि विदेशी या दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को आनलाइन परमिट पर राज्य के 35 स्टोर्स से शराब मिल सकती है.
सवाल – मिजोरम में शराब पर कब से पाबंदी है?
– मिजोरम में 1995 में द मिजोरम लीकर टोटल प्रोहिबिशन एक्ट बना, जिसे 20 फरवरी 1997 को लागू करके राज्य में लागू कर दिया गया, बाद में इसमें संशोधन करके अंगूर से बनी वाइन पर छूट दी गई. राज्य में कहीं इसे लेकर जाना, बनाना, रखना, बेचना और पीना गैरकानूनी है. नागालैंड में भी ऐसा ही कानून है. वहां का कानून शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाता है. लेकिन वहां आमतौर पर कानून के बावजूद इसमें शिथिलता है.
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Tags: Alcohol, Alcohol Death, Big action on drinking alcohol, Illegal alcohol
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