क्या गाय दुनिया का एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो सांस के जरिए ऑक्सीजन लेती भी और छोड़ती भी है? ऐसा दावा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि हाल ही में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल है. किसी के मुताबिक, ऐसा सच में होता है. किसी के मुताबिक, ये एक मिथक भर है.
ऐसा पहली बार नहीं है कि गाय के ऑक्सीजन छोड़ने वाला बयान पहली बार किसी नेता ने दिया है. 2017 में राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने दावा किया था. सोशल मीडिया पर गाय को ऑक्सीजन वातावरण में छोड़ने को वरदान साबित करने वाले कई पोस्ट आपको सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे. आइये जानते हैं इस पर साइंस का क्या कहती है.
क्या कहती है रिसर्च?
साइंस और दुनिया की तमाम रिसर्च कहती है कि सिर्फ गाय ही नहीं इस धरती के तमाम जीव जो सांस छोड़ते हैं. उसमें कई गैस के अलावा ऑक्सीजन भी कुछ मात्रा में होती है. यानी सांस के जरिये धरती को ऑक्सीजन देने के योगदान में सिर्फ गाय ही नहीं, हम यानी इंसान भी शामिल हैं.
जीव- जन्तु विशेषज्ञ सुमित डोकिया का इस पर कहना है कि गाय की इस खूबी वाली ऐसी कोई रिसर्च उन्होंने अब तक नहीं पढ़ी है. गाय के ऑक्सीजन छोड़ने वाले दावे पर सरकार को रिसर्च कराना चाहिए.
इको सिस्टम में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का बैलेंस
हमारे इको सिस्टम में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन एक- दूसरे के पूरक बन कर काम करते हैं. यानी कार्बन डाइऑक्साइड के टूटने पर ऑक्सीजन बनती है और ऑक्सीजन के जरिये कार्बन डाइऑक्साइड.
पेड़-पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड की जरूरत होती है और कार्बन डाइऑक्साइड को इंसान और जानवर वेस्ट प्रोडक्ट के तौर पर सांस के जरिए निकालते हैं.
इंसानों और जानवरों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जो पेड़-पौधे फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया के दौरान बनाते हैं.
नेशनल साइंस मैगजीन के मुताबिक, सांस के जरिए ली जाने वाली ऑक्सीजन को अपनी जरूरत के अनुसार शरीर अवशोषित कर लेता है. बाकी बची ऑक्सीजन दूसरी गैसों के साथ ही सांस के जरिए बाहर आ जाती है. लेकिन इस प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड ज्यादा होती है और ऑक्सीजन बेहद कम.
इसलिए ये दावा गलत है कि गाय ही दुनिया की एकमात्र जीव है, जो ऑक्सीजन लेती है और ऑक्सीजन ही छोड़ती है.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2019, 10:25 IST