डायनासोर (Dinosaurs) की दुनिया के बारे में केवल जीवाश्मों (Fossils) से जानकारी मिलती है. इन जीवों में इतनी विविधता है कि हर बार नए जीवाश्म में कोई न कोई अनोखी जानकारी मिलती ही रहती है. इस बार जापान (Japan) में डायनासोर के हाड्रोसोर परिवार की खोजी गई नई प्रजाति के बारे में पता चला है.
नई और बहुत उपयोगी जानकारी
इस प्रजाति को वैज्ञानिकों ने यामाटोसॉरस इजानागी नाम दिया है. इसका जीवाश्म जापान के एक छोटे द्वीप के दक्षिणी तट पर साल 2004 में पाया गया था. इस जीवाश्म की जानकारी से डायानासोर के वंशवृक्ष की जानकारी बढ़ी है. साथ ही यह हाड्रोसोर के विस्थापन स्वरूप की पहचान करने में भी विशेषज्ञों के लिए मददगार साबित होगा.
जापान में मिलना हैरानी की बात
हाड्रोसोर के बारे में कहा जाता है कि शुरू में इस परिवार के सदस्य एशिया से लेकर उत्तरी अमेरिका तक में घूमा करते थे, लेकिन इनका विस्थापन एक ही रास्ता से आने जाने पर हुआ जहां से कई बापस भी लौटे थे. लेकिन जापान जैसी जगह पर हाड्रोसोर के मिलने से कुछ सवाल पैदा हो गए हैं.
और भी हुई हैं खोजें
यह जो जीवाश्म है वह करीब 7.1 से 7.1 करोड़ साल पहले का है. इससे पता चलता है कि डायनासोर की यह शाखा काफी समय बाद पनपी थी. इससे इनके एशिया में बाद में पनपने के बारे में भी पता चलता है. इस नई प्रजाति के बाद साल 2019 में भी इसी टीम ने कमोइसॉरस नाम की हाड्रसोराइड प्रजाति की खोज की थी जो जापानी द्वीप होकाइदो द्वीप के उत्तर में मिला था.

इस एक जीवाश्म (Fossil) ने इन डायनासोर के बारे में काफी चौंकाने वाली बातें बता दीं. (फाइल फोटो)
पता चलेगी विस्थापन की सच्चाई
जापानी की होकाइदो यूनिवर्सीटी म्यूजियम के जीवाश्वमविज्ञानी योशित्सुगु कोबायाशी ने बताया कि ये जापान में खोजे गए पहले डायनासोर हैं. जबकि इससे पहले कुछ पता नहीं था कि डायनासोर युग के अंतकाल में जापान में भी डायनासोर रहा करते थे. कोबायाशी मानते हैं कि इस खोज से पता चल सकेगा कि डायनासोर दो बड़े महाद्वीपों में केसे विस्थापित हुए.
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दांतों ने किया हैरान
लेकिन केवल एक जीवाश्म से शोधकर्ताओं को हाड्रोसोर कि विविधता और प्रचुरता का अंदाजा उनकी चबाने आदत से भी पता चला. इस जानवर के मुंह में सैकड़ों पास पास जमे हुए दांत पाए गए थे इतना ही नहीं उनके गिरने के बाद उनकी जगह नए दांत भी ले लेते थे.

डायनासोर (Dinosaur) का जापान में पाया जाना ही उनके विस्थापन के बारे में बहुत कुछ बता रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
बदल सकती है धारणा
इन जीवों के दातों से पता चलता है कि वे बहुत अलग-अलग प्रकार के वनस्पति खा कर विकसित हुए थे. शोधकर्ताओं ने पाया कि उनके कंधों और आगे के हाथ उनके चौपायों से दो पैरों वाले जीव बनने की कहानी बताते है जिससे डायनासोर के विकास के बारे में हमारी धारणा बदल सकती है.
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साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशितअध्ययन के शोधकर्ताओं ने सुझाया है कि हाड्रोसोर ने एशिया से आज के अलास्का तक बियरिंग लैंड ब्रिज से आए होंगे और फिर पूरे उत्तरी अमेरिका में फैल गए होंगे जापान 1.5 करोड़ साल पहले तक एशिया से जुड़ा हुआ था.undefined
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Tags: Dinosaurs, Environment, Japan, Research, Science
FIRST PUBLISHED : April 29, 2021, 12:47 IST