हॉन्ग कॉन्ग सरकार ने तीन विमानन (Airlines) सेवाओं को मुफ्त टिकट बांटने के लिए दी हैं. (तस्वीर: shutterstock)
पूरी दुनिया कोविड महामारी के बाद से अपने अर्थव्यवस्था (Economy after covid-19 Pandemic) को सुधारने में लगी हुई है. पिछले साल के अंत में चीन में कोविड के लहर के चलते दुनिया में एक बार फिर चिंता बढ़ी थी, लेकिन उसका दुनिया में उस तरह से असर नहीं हुआ जिसकी आशंका थी. अब दुनिया के कई देश अपनी अर्थव्यवस्था खोलने की तैयारी में लगे हुए हैं और इस दिशा में हॉन्ग कॉन्ग (Hong Kong) ने भी एक बड़ा कदम उठाया है और अपनी हेलो हॉन्ग कॉन्ग कार्यक्रम के तहत तीन प्रमुख वायुयान सेवाओं को 5 लाख मुफ्त टिकट (Free tickets) बांटने के लिए दी हैं जिससे वहां पर्यटक, निवेशक और व्यवसायियों का आवागमन तेज हो हो सके.
वित्तीय हब बनाने की कवायद
हॉन्ग कॉन्ग के नेता जॉन ली ने दो दिन पहले ही दुनिया के लोगों को अपने देश आकर्षित करने के लिए हेलो हॉन्गकॉन्ग नाम का एक प्रोत्साहन अभियान चलाया है. इसके तहत खुद को फिर से एक वित्तीय हब बनाने के लिए वहां व्यापार, निवेश और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इतनी बड़ी संख्या में फ्री टिकट दी जा रही हैं.
छवि में सुधार है मकसद
इस रीब्रांडिंग अभियान के तहत हॉन्ग कॉन्ग अपनी व्यवसाय अनुकूल छवि को फिर से प्रोत्साहित करने की तैयारी में है जो महामारी की पाबंदियों के साथ राजनैतिक उथलपुथल के कारण भी खराब होने लगी थी. इतना ही नहीं इसके साथ हॉन्ग कॉन्ग सरकार ने कई सुविधाओं का भी ऐलान किया है जिससे लोगों को हॉन्ग कॉन्ग आने जाने और रहने में किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े.
पहल से फायदे की उम्मीद
हॉन्ग कॉन्ग के मुक्य कार्यकारी जॉन ली ने अब यहां आने वाले लोगों के लिए “नो आइसोलेशन, नो क्वारेंटीन और नो रिस्टिक्शन्स” यानि किसी भी तरह की पाबंदी होने का वादा किया है. उम्मीद की जा रही है कि मुफ्त टिकट बांटने से हॉन्गकॉन्ग में पर्यटन के साथ साथ उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा और दुनिया में अर्थव्यवस्था में तेजी आने से हॉन्ग कॉन्ग को पहल करने का फायदा मिल सकेगा.
अब तक का सबसे बड़ा ऑफर
यह सुविधा मार्च के महीने से शुरू होगी जिसके बाद गर्मियों में 80 हजार और ज्यादा टिकट बांटने का विचार है. ली का कहना है कि यह अभी तक का दुनिया का सबसे बड़ा ऑफर है. साल 1997 से चीन के प्रशासन में होने के कारण हॉन्ग कॉन्ग भी चीन की जीरो कोविड नीति के तहत अभी तक सख्त पाबंदियां थी, जिसका असर हॉन्ग कॉन्ग पर भी हुआ था. लेकिन पिछले दिसंबर में ही नई कोविड लहर के बाद से चीन में सभी पाबंदियां हटा दी थीं
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मंदी की समस्या
इस वजह से हॉन्ग कॉन्ग को भारी आर्थिक मंदी का सामना भी करना पड़ा था. हॉन्गकॉन्ग के व्यवसायिक नेताओं ने चेताया भी था कि हॉन्ग कॉन्ग को नई कोविड निर्गम योजना बनानी होगी और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटाने के लिए धीरे धीरे पाबंदियां हटाओं की जगह विशेष आक्रामक और कारगर कदम उठाए होंगे.
दूर जा रही हैं अंतरराष्ट्रीय कंपनियां
हॉन्ग कॉन्ग पहले एशिया के सबसे ज्यादा जुड़े हुए शहरों में से एक माना जाता था. लेकिन यहां लगी पाबंदियों के अलावा भी एक और वजह है कि जिससे इस शहर की अर्थव्यवस्था को धक्का लगा है वह है चीनी प्रशासन. पिछले तीन सालों में सौ से भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने हॉन्ग कॉन्ग में अपने ऑफिस बंद कर दिए हैं.
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एक सर्वे के मुताबिक बहुत सी कंपनियां चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की वजह से हो रहे ब्रेन ड्रेन से चिंतित हैं जिसे 2020 में लागू किया गया था. जहां कई लोग इस कानून का दमनकारी बता रहे हैं वहीं चीन का कहना है कि यह कानून हॉन्ग कॉन्ग में चल रही विशाल और हिंसक विरोधों के रोकने के लिए सुरक्षा कारणों से लगाया गया है. वहीं शहर में अमेरिका के शीर्ष कूटनीतिज्ञ ग्रेग मे का कहना है कि शहर की वित्तीय केंद्र की छवि इस बात पर निर्भर करेगी कि वह मानव अधिकारों की कितनी रक्षा कर पाता है.
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