आवारा कुत्ते कभी भी लोगों के लिए खासकर बच्चों के लिए मुसीबत पैदा कर देते हैं.
Street/Stray Dogs: विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 20 करोड़ आवारा कुत्ते हैं. इनमें से 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते सिर्फ भारत में मौजूद हैं. वहीं, एक देश ऐसा भी है, जिसमें एक भी आवारा कुत्ता नहीं है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, नीदरलैंड्स के लोग जबरदस्त पशुप्रेमी होते हैं. इसके बाद भी उन्होंने गली में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पूरी तरह से खत्म कर दिया. ये दुनिया का पहला ऐसा देश है, जहां आपको कोई आवारा कुत्ता गलियों में घूमता हुआ नजर नहीं आएगा. आखिर ऐसा करने में नीदरलैंड्स को कामयाबी कैसे मिल गई? कैसे यहां के लोगों ने इस बड़ी समस्या से निजात पा ली?
नीदरलैंड्स में आपको लोग पिल्लों को बाइक की टोकरियों में घुमाते नजर आ जाएंगे. यही नहीं, यहां के रेस्टोरेंट्स और कैफे भी कुछ इस तरह बनाए गए हैं कि लोग वहां पालतू कुत्ते और बिल्लियों को बिना झिझक के ला सकें. सार्वजनिक वाहनों में पालतू जानवरों का भी टिकट लगता है. इससे साफ है कि डच लोग अपने पालतू जानवरों को परिवार के सदस्य की तरह ही प्रेम करते हैं. वे ज्यादातर जगह उन्हें अपने साथ लेकर जाते हैं.
नीदरलैंड्स में आवारा कुत्तों का इतिहास
नीदरलैंड्स में कुत्तों का मालिक होना प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है. जहां उच्च वर्ग के लोग जानवरों को अपने मनोरंजन और खेलों के लिए पालते हैं. वहीं, गरीब लोग कामकाजी उद्देश्यों के लिए कुत्ते पालते हैं. घरों में ही नहीं डच कलाकृतियों में भी पालतू जानवरों को काफी अहमियत दी जाती थी. कई डच पेंटिंग्स में पुराने समय के कुत्तों को दिखाया गया है. सेफ स्टीवंस की बनाई एक पेंटिंग में पालतू जानवरों और सामाजिक प्रतिष्ठा के संबंध को दिखाया गया है. नीदरलैंड्स में 19वीं शताब्दी में कुत्तों की बहुत बड़ी आबादी थी. हालांकि, रेबीज के प्रकोप से पैदा हुए डर के कारण काफी लोगों ने अपने रोगग्रस्त पालतू जानवरों को छोड़ दिया.
डॉग टैक्स का असर पड़ गया उलटा
रेबीज के प्रकोप के बाद नीदरलैंड्स में इंसान और कुत्तों के बीच संबंध पर समाज का नजरिया बदलता चला गया. कुत्ते के स्वास्थ्य को मालिक की भलाई के तौर पर देखा जाने लगा. इस दौरान नीदरलैंड्स में आवारा कुत्तों की संख्या को काबू में रखने की कोशिश में डच सरकार ने डॉग टैक्स भी बनाया. हालांकि, इसका असर एकदम उलटा हुआ. दरअसल, ये नया टैक्स लगने के कारण ज्यादातर लोग अपने कुत्तों को पालना वहन नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में लोगों ने टैक्स भुगतान से बचने के लिए चुपचाप अपने पालतू जानवरों को सड़कों पर छोड़ना शुरू कर दिया. इससे नीदरलैंड्स में आवारा कुत्तों की आबादी में अचानक बढ़ोतरी होने लगी.
डच पशु संरक्षण अधिनियम क्या है?
नीदरलैंड्स में देश की पहली पशु संरक्षण एजेंसी ‘द डच सोसायटी फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ एनिमल्स’ की स्थापना 1864 में हेग में की गई थी. इस सोसायटी की स्थापना के एक सदी बाद यहां पशु संरक्षण अधिनियम लागू किया गया. अधिनियम में कहा गया है कि मालिक के लिए किसी भी जानवर के साथ दुर्व्यवहार करना प्रतिबंधित है. ऐसा करना दंडनीय अपराध भी माना जाएगा. इसमें 3 साल तक की जेल की सजा और 16,750 यूरो का जुर्माना भी लगाया जाएगा.
‘स्ट्रे डॉग’ का क्या मतलब है?
‘स्ट्रे डॉग’ के कई मायने हैं. अगर किसी कुत्ते का मालिक उसे पूरे दिन आजाद घूमने देता है तो नीदरलैंड्स में उसे ‘आवारा’ की श्रेणी में ही रखा जाता है. ऐसे कुत्ते जिनका कोई एक मालिक नहीं, लेकिन लोगों का समूह उनकी देखभाल करता है, उन्हें भी स्ट्रे डॉग माना जाता है. ऐसे कुत्तों को आवारा माना जाता है, जिनकी कोई परवाह नहीं करता और वे अपने दम पर जिंदा रहते हैं. आवारा कुत्ते आमतौर पर बीमारी, पिस्सू और मानव कचरा के साथ गंदगी फैलाते हैं.
कैसे खत्म हुए गलियों में घूमते आवारा कुत्ते?
नीदरलैंड्स ने आवारा कुत्तों की समस्या को उन्हें मारकर खत्म नहीं किया. डच शासन ने इसके लिए कलेक्ट, न्यूटर, वैक्सीनेट और रिटर्न प्रोग्राम चलाया. ये सरकार की ओर से चलाया गया और वित्तपोषित देशव्यापी नसबंदी कार्यक्रम है. विश्व पशु संरक्षण एजेंसी का मानना है कि आवारा कुत्तों की आबादी से निपटने का यह सबसे बेहतरीन तरीका है. इसके अलावा कई नगरपालिकाएं लोगों को शेल्टर होम्स से बेघर कुत्तों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. वहीं, स्टोर से कुत्ते खरीदने पर लोगों के ऊपर ज्यादा टैक्स लगाया जाता है. यही नहीं, यहां जानवरों के खिलाफ अपराधों की निगरानी के लिए एक पशु पुलिस बल भी बनाया गया है. पार्टी फॉर द एनिमल्स की नेता मैरिएन थिएम कहती हैं कि जानवरों के खिलाफ हिंसा और इंसानों के खिलाफ हिंसा के बीच सीधा संबंध है.
अलग-अलग देशों में आवारा कुत्तों की तादाद
अमेरिका 1,300,000
भारत 62,000,000
ग्रीस 693,000
चीन 20,000,000
मेक्सिको 4,600,000
ब्रिटेन 67,000
द. अफ्रीका 1,700,000
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Tags: Animal Welfare, Attack of stray dogs, Dogs, Stray animals
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