COVID-19: देश में 3.21 लाख केस, महाराष्ट्र में एक तिहाई और मुंबई में विकराल संकट

मुंबई में आईसीयू और वेंटिलेटर क्षमता चुकने के करीब पहुंची. फाइल फोटो.
बीते एक हफ्ते में भारत में Corona Virus ने क्या कहर ढाया है? आने वाले दिनों में क्या आफत आने वाली है? राज्यों और शहरों के ब्यौरे के हिसाब से जानिए कि देश में कौन से शहर Hot Spots बनकर सामने आ रहे हैं और Mumbai में किस तरह कैसे स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा धराशायी हो सकता है.
- News18India
- Last Updated: June 14, 2020, 12:35 PM IST
अमेरिका (कुल केस 2,142,224; मौतें 117,527), Brazil (कुल केस 850,796; मौतें 42,791) और Russia (कुल केस 520,129; मौतें 6,829) के बाद दुनिया में Coronavirus के मामले में India चौथा देश बन गया है. बीते हफ्ते में भारत में 50 हज़ार से ज़्यादा नए केस और 2 हज़ार से ज़्यादा मौतों के बाद हालात कितने चिंताजनक हो रहे हैं? कैसे मुंबई में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर विकराल संकट (Corona Crisis) सामने नज़र आ रहा है?
ये भी पढ़ें :- किन देशों में Lockdown खोलने से CORONA संक्रमण के हालात हुए बेकाबू?
वर्ल्डोमीटर के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश में रविवार दोपहर तक 321,626 कुल केस और कोरोना वायरस संक्रमण से 9,199 मौतें हो चुकी हैं. बीते हफ्ते में देश ने रोज़ाना करीब 10 हज़ार के औसत से नए कोविड 19 केस देखे और 19 मई को एक लाख कुल केसों का आंकड़ा पार करने वाला देश एक महीने से कम वक्त में ही सवा तीन लाख के आंकड़े के करीब है. बीते एक हफ्ते के आंकड़ों के साथ ही जानें कि आने वाला हफ्ता कितनी विषम स्थितियां ला सकता है.
एक तिहाई केस एक और दो तिहाई मौतें तीन सूबों मेंमहाराष्ट्र की हालत बद से बदतर होती जा रही है, जिसका सबूत हैं आंकड़े. कोरोना के कन्फर्म केसों की संख्या महाराष्ट्र में एक लाख से ज़्यादा हो चुकी है और मौतों का आंकड़ा पौने चार हज़ार के आसपास है. दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के साथ ही गुजरात और दिल्ली के आंकड़े जोड़े जाएं तो देश में जितनी मौतें अब तक कोविड से हुई हैं, उसकी दो तिहाई इन तीनों राज्यों में ही हैं. मौतों का आंकड़ा क्या हकीकत बयान कर रहा है, देखें : 3 जून को मौतों की संख्या 7000 के पार गई, 10 जून को 8000 और 13 जून को 9195 के पार.
CFR बेहतर लेकिन हालात बेकाबू
दुनिया में केस फैटेलिटी रेट यानी जितने मामले सामने आते हैं, उनमें मृत्यु दर 5.5 फीसदी है जबकि भारत में यह दर 2.9 फीसदी है. इसके बावजूद हालात को लेकर चिंता इसलिए है क्योंकि भारत में बड़ी आबादी के कारण अब भी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि चरम पर संक्रमण अभी नहीं पहुंचा है. कोरोना के प्रकोप से सबसे ज़्यादा ग्रसित देशों की सूची में भारत बीते शुक्रवार को यूके से आगे निकलकर चौथे नंबर पर पहुंच गया था. इससे एक हफ्ते पहले भारत में कुल केसों की संख्या इटली और स्पेन से ज़्यादा हुई थी.

बीता हफ्ता यानी अनलॉक के बाद...
जिस बीते हफ्ते की कहानी चल रही है, उसमें यह उल्लेख ज़रूरी है कि 8 जून से ही केंद्र सरकार ने मॉल्स, रेस्तरां, धार्मिक स्थानों जैसे कामकाजों को खोले जाने संबंधी ढील देकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का कदम उठाया था. तीन चरणों के अनलॉक का यह केंद्र सरकार की पहले चरण की योजना थी. अगले चरण में सकूलों और अन्य स्थानों को खोले जाने की तैयारी है.
दिल्ली में तीन में से एक को संक्रमण?
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली ने एक दिन में सबसे ज़्यादा आंकड़ों का रोज़ नया रिकॉर्ड देखा. शनिवार को तो राष्ट्रीय राजधानी में 2134 केस और 57 मौतें दर्ज हुईं. सरकारी डेटा के हवाले से खबरों में कहा गया है कि बीते हफ्ते में दिल्ली में जितने टेस्ट किए गए, उनमें से एक तिहाई को पॉज़िटिव पाया गया.
15 शहरों में 10 दिनों से बढ़ गई आफत
बीते 10 दिनों में करीब 15 शहरों में कोविड 19 संक्रमण में चिंताजनक तेज़ी देखी गई. गुरुग्राम, फरीदाबाद, वड़ोदरा, गुवाहाटी और शोलापुर जैसे इन शहरों में नए केस पिछले दस दिनों में 40 से 45 फीसदी बढ़े. मसलन दिल्ली से सटे गुरुग्राम में संक्रमण की दर 63 फीसदी हो गई. 2 जून को गुरुग्राम में कोविड मरीज़ों की संख्या 1000 थी, जो अब 3000 से ज़्यादा है. इसी तरह 5 जून को गुवाहाटी में 1000 केस थे और अब साढ़े 3 हज़ार से ज़्यादा हैं.

हॉटस्पॉट बन चुके देश के और शहर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में मई के आखिरी हफ्ते तक जहां रोज़ 100 नए केस दिख रहे थे, वहीं पिछले दस दिनों में रोज़ाना 500 नए मरीज़ सामने आ रहे हैं. वड़ोदरा में नए केसों की दर 40 से 45 फीसदी बढ़ गई है. मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल में कोरोना वायरस तेज़ी से फैल रहा है. ये मझोले शहर भी लगातार हॉट स्पॉट बन रहे हैं.
सामने दिख रही हैं विकट स्थितियां
कोविड से देश के सबसे ज़्यादा प्रभावित शहर मुंबई में ICU 99 फीसदी तक इस्तेमाल में हैं और 94 फीसदी वेंटिलेटर. बीएमसी के आंकड़ों के हवाले से खबर है कि महानगर में उपलब्ध कुल 1181 ICU बिस्तरों में से 1167 इस्तेमाल में हैं. यानी नए मरीज़ों के लिए सिर्फ 14 बिस्तर खाली हैं. इसी तरह कुल 530 में से 497 वेंटिलेटर इस्तेमाल में हैं. जिन 5260 बिस्तरों पर oxygen सप्लाई की व्यवस्था है, उनमें से 76 फीसदी भरे हुए हैं.
कुल मिलाकर, देश की आर्थिक राजधानी में कोविड अस्पतालों में कुल 10450 बिस्तर हैं, जिनमें से 9098 भरे हुए हैं. दूसरी तरफ, हेल्थ वर्करों की कमी भी न केवल मुंबई बल्कि पूरे राज्य की समस्या बनने लगी है. महाराष्ट्र जैसे देश के जिन हॉटस्पॉटों में अभी मॉल और होटलों आदि का खुलना बाकी है, वहां आने वाला समय और कठिन होने वाला है, ताज़ा आंकड़ों से यह साफ है.
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वर्ल्डोमीटर के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश में रविवार दोपहर तक 321,626 कुल केस और कोरोना वायरस संक्रमण से 9,199 मौतें हो चुकी हैं. बीते हफ्ते में देश ने रोज़ाना करीब 10 हज़ार के औसत से नए कोविड 19 केस देखे और 19 मई को एक लाख कुल केसों का आंकड़ा पार करने वाला देश एक महीने से कम वक्त में ही सवा तीन लाख के आंकड़े के करीब है. बीते एक हफ्ते के आंकड़ों के साथ ही जानें कि आने वाला हफ्ता कितनी विषम स्थितियां ला सकता है.
एक तिहाई केस एक और दो तिहाई मौतें तीन सूबों मेंमहाराष्ट्र की हालत बद से बदतर होती जा रही है, जिसका सबूत हैं आंकड़े. कोरोना के कन्फर्म केसों की संख्या महाराष्ट्र में एक लाख से ज़्यादा हो चुकी है और मौतों का आंकड़ा पौने चार हज़ार के आसपास है. दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के साथ ही गुजरात और दिल्ली के आंकड़े जोड़े जाएं तो देश में जितनी मौतें अब तक कोविड से हुई हैं, उसकी दो तिहाई इन तीनों राज्यों में ही हैं. मौतों का आंकड़ा क्या हकीकत बयान कर रहा है, देखें : 3 जून को मौतों की संख्या 7000 के पार गई, 10 जून को 8000 और 13 जून को 9195 के पार.
CFR बेहतर लेकिन हालात बेकाबू
दुनिया में केस फैटेलिटी रेट यानी जितने मामले सामने आते हैं, उनमें मृत्यु दर 5.5 फीसदी है जबकि भारत में यह दर 2.9 फीसदी है. इसके बावजूद हालात को लेकर चिंता इसलिए है क्योंकि भारत में बड़ी आबादी के कारण अब भी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि चरम पर संक्रमण अभी नहीं पहुंचा है. कोरोना के प्रकोप से सबसे ज़्यादा ग्रसित देशों की सूची में भारत बीते शुक्रवार को यूके से आगे निकलकर चौथे नंबर पर पहुंच गया था. इससे एक हफ्ते पहले भारत में कुल केसों की संख्या इटली और स्पेन से ज़्यादा हुई थी.

बीता हफ्ता यानी अनलॉक के बाद...
जिस बीते हफ्ते की कहानी चल रही है, उसमें यह उल्लेख ज़रूरी है कि 8 जून से ही केंद्र सरकार ने मॉल्स, रेस्तरां, धार्मिक स्थानों जैसे कामकाजों को खोले जाने संबंधी ढील देकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का कदम उठाया था. तीन चरणों के अनलॉक का यह केंद्र सरकार की पहले चरण की योजना थी. अगले चरण में सकूलों और अन्य स्थानों को खोले जाने की तैयारी है.
दिल्ली में तीन में से एक को संक्रमण?
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली ने एक दिन में सबसे ज़्यादा आंकड़ों का रोज़ नया रिकॉर्ड देखा. शनिवार को तो राष्ट्रीय राजधानी में 2134 केस और 57 मौतें दर्ज हुईं. सरकारी डेटा के हवाले से खबरों में कहा गया है कि बीते हफ्ते में दिल्ली में जितने टेस्ट किए गए, उनमें से एक तिहाई को पॉज़िटिव पाया गया.
मुंबई बन गया खतरनाक हॉटस्पॉट : महाराष्ट्र में जितने नए केस सामने आए, 14 जून को उनमें से 63.73 फीसदी सिर्फ मुंबई में. 28 मई को राज्य के कुल केसों में से मुंबई में 56.47 फीसदी केस थे, जबकि 4 जून को 49.06 फीसदी. मुंबई में 56 हज़ार से ज़्यादा कुल केस हो चुके हैं और 2100 से ज़्यादा मौतें. नागपुर में लगातार नए केस बढ़ते जा रहे हैं. पूरे महाराष्ट्र में हालात बेकाबू नज़र आ रहे हैं. 7 जून को महाराष्ट्र के आंकड़े चीन से ज़्यादा हो चुके थे.
15 शहरों में 10 दिनों से बढ़ गई आफत
बीते 10 दिनों में करीब 15 शहरों में कोविड 19 संक्रमण में चिंताजनक तेज़ी देखी गई. गुरुग्राम, फरीदाबाद, वड़ोदरा, गुवाहाटी और शोलापुर जैसे इन शहरों में नए केस पिछले दस दिनों में 40 से 45 फीसदी बढ़े. मसलन दिल्ली से सटे गुरुग्राम में संक्रमण की दर 63 फीसदी हो गई. 2 जून को गुरुग्राम में कोविड मरीज़ों की संख्या 1000 थी, जो अब 3000 से ज़्यादा है. इसी तरह 5 जून को गुवाहाटी में 1000 केस थे और अब साढ़े 3 हज़ार से ज़्यादा हैं.

हॉटस्पॉट बन चुके देश के और शहर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में मई के आखिरी हफ्ते तक जहां रोज़ 100 नए केस दिख रहे थे, वहीं पिछले दस दिनों में रोज़ाना 500 नए मरीज़ सामने आ रहे हैं. वड़ोदरा में नए केसों की दर 40 से 45 फीसदी बढ़ गई है. मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल में कोरोना वायरस तेज़ी से फैल रहा है. ये मझोले शहर भी लगातार हॉट स्पॉट बन रहे हैं.
सामने दिख रही हैं विकट स्थितियां
कोविड से देश के सबसे ज़्यादा प्रभावित शहर मुंबई में ICU 99 फीसदी तक इस्तेमाल में हैं और 94 फीसदी वेंटिलेटर. बीएमसी के आंकड़ों के हवाले से खबर है कि महानगर में उपलब्ध कुल 1181 ICU बिस्तरों में से 1167 इस्तेमाल में हैं. यानी नए मरीज़ों के लिए सिर्फ 14 बिस्तर खाली हैं. इसी तरह कुल 530 में से 497 वेंटिलेटर इस्तेमाल में हैं. जिन 5260 बिस्तरों पर oxygen सप्लाई की व्यवस्था है, उनमें से 76 फीसदी भरे हुए हैं.
कुल मिलाकर, देश की आर्थिक राजधानी में कोविड अस्पतालों में कुल 10450 बिस्तर हैं, जिनमें से 9098 भरे हुए हैं. दूसरी तरफ, हेल्थ वर्करों की कमी भी न केवल मुंबई बल्कि पूरे राज्य की समस्या बनने लगी है. महाराष्ट्र जैसे देश के जिन हॉटस्पॉटों में अभी मॉल और होटलों आदि का खुलना बाकी है, वहां आने वाला समय और कठिन होने वाला है, ताज़ा आंकड़ों से यह साफ है.
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