जानिए ब्लैकहोल को कैसे बदला जा सकता है ऊर्जा स्रोत में

शोध में बताया गया है कि ब्लैकहोल (Black Hole) का उपयोग ऊर्जा स्रोत (Energy Source) की तरह करना संभव है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
ब्लैकहोल (Black Hole) से ऊर्जा (Energy) निकालकर उसे एक ऊर्जा स्रोत (Source) में बदलना पूरी तरह से संभव है भले ही हम अभी तकनीक रूप से उसके सक्षम ना हों.
- News18Hindi
- Last Updated: January 17, 2021, 5:26 PM IST
आज दुनिया पृथ्वी (Earth) से बाहर इंसानी बस्तियां (Human Colonization) बसाने के बारे में योजना ही नहीं बना रही है, बल्कि उन पर काम भी कर रही है. मंगल (Mars) और चंद्रमा (Moon) पर इंसान को बसाने के लिए तमाम तरह के शोध जारी हैं. इस बीच शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में विस्तार से यह बताया है कि पृथ्वी से बहुत दूर कॉलोनी बसाने पर ब्लैक होल (Black Hole) को ऊर्जा के स्रोत के तौर पर कैसे उपयोग में लाया जा सकता है.
ब्लैक होल हो सकते हैं बड़ी ऊर्जा का स्रोत
इस धारणा में सबसे अहम विचार यह है कि घूमते हुए ब्लैकहोल केवल ऊर्जा खाते ही नहीं बल्कि वे बहुत सी मात्रा की ऊर्जा निकालते भी हैं. यदि इस ऊर्जा क्षेत्र से किसी बाह्य गुरुत्व स्रोत के जरिए नियंत्रण में ले लिया जाए, तो उस ऊर्जा को लाकर उसका उपयोग किया जा सकता है.
कैसे निकाली जा सकती है ऊर्जाइसके लिए किसी ग्रैविटी गन के जैसे बाहरी गुरुत्व स्रोत का उपयोग कर एक खास अवस्था पैदा होगी जहां घनत्व अनंत तक पहुंचेगा जो सिंग्युलेरिटी की स्थिति बन जाएगी. इसी सिंग्यूलेरिटी के माध्यम से ऋणात्मक ऊर्जा को पैदा किया जा सकता है. इससे कुछ धनात्मक ऊर्जा भी निकलेगी. इस तरह से ब्लैक होल की ऊर्जा को निकाला जा सकता है और उसे एक ऊर्जा के स्रोत की तरह उपयोग में लाया जा सकता है.
बैटरी में बदल सकता है ब्लैक होल
इस पूरी प्रक्रिया में हम ब्लैक होल को एक नितमित बैटरी में बदल सकते हैं. यह उन सुदूर ग्रहों पर रहने के लिहाज से बहुत उपयोगी हो सकता है यह गहरे अंतरिंक्ष में स्पेस स्टेशन के लिए काम आ सकता है. उल्लेखनीय है कि फिलहाल हमारे पास अंतरिक्ष में किसी तरह की ठोस पद्धति नहीं है जिससे ऊर्जा की समस्या ना हो.

कैसे निकलेगी ब्लैकहोल
घूमते ब्लैकहोल में घूर्णन ऊर्जा संरक्षित होती है जिसका उपयोग किया जा सकता है. जब कोई ब्लैकहोल बाहर से आए मैग्नेटिक फील्ड में डूबता है तो ब्लैकहोल की सीमा के बाहर के इलाके में मैग्नेटिक रेखाएं जुड़कर ऋणात्मक ऊर्जा कणों को पैदा करती हैं. ये कण ब्लैकहोल की सीमा या जिसे हम इवेंट होराइजन के गिर जाते हैं. जबकि दूसरे त्वरण में आए कण ब्लैकहोल के प्रभाव से पूरी तरह से बाहर निकल जाते हैं. ऐसा करते हुए वे ब्लैकहोल से उसकी कुछ ऊर्जा भी ले जाते हैं.
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साइफन की तरह निकलेगी ऊर्जा
शोधकर्ताओं ने विश्लेषणात्मक रूप से दर्शाया कि मैग्नेटिक जुड़ाव से ऊर्जा को निकालना संभव है जब ब्लैक होल का घूर्णन बहुत तेज हो और प्लाज्मा का चुंबकत्व बहुत शक्तिशाली हो. बहुत से वैज्ञानिकों को यह तार्किक रूप से संभव है और अब तक सुझाए गए विकल्पों से बेहतर और आसान लगता है. तार्किक तौर पर यह असंभव नहीं लगता है कि किसी ब्लैक होल से ऊर्जा साइफन की तरह निकाली जाए जिससे एक ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया बन सकती है. बेशक फिलहाल इस तरह की मशीन बनाने में हम सक्षम नहीं हैं. फिर भी यह असंभव नहीं है.

फिलहाल तकनीकी रूप से हम तैयार नहीं
इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर विज्ञान के लिहाज से इस तरह से ऊर्जा निकालना एक दूर की कौड़ी लग रहा होगा, लेकिन हम इस तरह के उपाय आजमाने को मजबूर हो सकते हैं. हमें क्वांटम कंप्यूटिंग एल्गॉरिद्म की जरूरत हो सकती है, लेकिन आज के गणितीय उपकरणों के लिए यह शायद संभव ना हो.
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शोधकर्ताओं ने साफ तौर पर दर्शाया कि घूमते हुए ब्लैक होल सी ऊर्जा साइफन की तरह निकालना संभव है. दूसरी ओर वैज्ञानिक इस बात के लिए आशांवित हैं कि जब हमें अंतरिक्ष की बस्तियों के लिए ऊर्जा की जरूरत होगी. तब तक हमें आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस और संबंधित तकनीकी के बेहतर उपकरण मिल जाएंगे.
ब्लैक होल हो सकते हैं बड़ी ऊर्जा का स्रोत
इस धारणा में सबसे अहम विचार यह है कि घूमते हुए ब्लैकहोल केवल ऊर्जा खाते ही नहीं बल्कि वे बहुत सी मात्रा की ऊर्जा निकालते भी हैं. यदि इस ऊर्जा क्षेत्र से किसी बाह्य गुरुत्व स्रोत के जरिए नियंत्रण में ले लिया जाए, तो उस ऊर्जा को लाकर उसका उपयोग किया जा सकता है.
कैसे निकाली जा सकती है ऊर्जाइसके लिए किसी ग्रैविटी गन के जैसे बाहरी गुरुत्व स्रोत का उपयोग कर एक खास अवस्था पैदा होगी जहां घनत्व अनंत तक पहुंचेगा जो सिंग्युलेरिटी की स्थिति बन जाएगी. इसी सिंग्यूलेरिटी के माध्यम से ऋणात्मक ऊर्जा को पैदा किया जा सकता है. इससे कुछ धनात्मक ऊर्जा भी निकलेगी. इस तरह से ब्लैक होल की ऊर्जा को निकाला जा सकता है और उसे एक ऊर्जा के स्रोत की तरह उपयोग में लाया जा सकता है.
बैटरी में बदल सकता है ब्लैक होल
इस पूरी प्रक्रिया में हम ब्लैक होल को एक नितमित बैटरी में बदल सकते हैं. यह उन सुदूर ग्रहों पर रहने के लिहाज से बहुत उपयोगी हो सकता है यह गहरे अंतरिंक्ष में स्पेस स्टेशन के लिए काम आ सकता है. उल्लेखनीय है कि फिलहाल हमारे पास अंतरिक्ष में किसी तरह की ठोस पद्धति नहीं है जिससे ऊर्जा की समस्या ना हो.

ब्लैक होल (Black Hole) के बारे में माना जाता है कि केवल ऊर्जा (Energy) खींच ही सकता है. लेकिन उससे बहुत सी ऊर्जा निकलती भी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
कैसे निकलेगी ब्लैकहोल
घूमते ब्लैकहोल में घूर्णन ऊर्जा संरक्षित होती है जिसका उपयोग किया जा सकता है. जब कोई ब्लैकहोल बाहर से आए मैग्नेटिक फील्ड में डूबता है तो ब्लैकहोल की सीमा के बाहर के इलाके में मैग्नेटिक रेखाएं जुड़कर ऋणात्मक ऊर्जा कणों को पैदा करती हैं. ये कण ब्लैकहोल की सीमा या जिसे हम इवेंट होराइजन के गिर जाते हैं. जबकि दूसरे त्वरण में आए कण ब्लैकहोल के प्रभाव से पूरी तरह से बाहर निकल जाते हैं. ऐसा करते हुए वे ब्लैकहोल से उसकी कुछ ऊर्जा भी ले जाते हैं.
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साइफन की तरह निकलेगी ऊर्जा
शोधकर्ताओं ने विश्लेषणात्मक रूप से दर्शाया कि मैग्नेटिक जुड़ाव से ऊर्जा को निकालना संभव है जब ब्लैक होल का घूर्णन बहुत तेज हो और प्लाज्मा का चुंबकत्व बहुत शक्तिशाली हो. बहुत से वैज्ञानिकों को यह तार्किक रूप से संभव है और अब तक सुझाए गए विकल्पों से बेहतर और आसान लगता है. तार्किक तौर पर यह असंभव नहीं लगता है कि किसी ब्लैक होल से ऊर्जा साइफन की तरह निकाली जाए जिससे एक ऊर्जा संरक्षण की प्रक्रिया बन सकती है. बेशक फिलहाल इस तरह की मशीन बनाने में हम सक्षम नहीं हैं. फिर भी यह असंभव नहीं है.

शोधकर्ताओं ने बताया कि ब्लैक होल (Black Hole) से ऊर्जा (Energy) साइफन (Siphon) की तरह निकाली जा सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
फिलहाल तकनीकी रूप से हम तैयार नहीं
इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर विज्ञान के लिहाज से इस तरह से ऊर्जा निकालना एक दूर की कौड़ी लग रहा होगा, लेकिन हम इस तरह के उपाय आजमाने को मजबूर हो सकते हैं. हमें क्वांटम कंप्यूटिंग एल्गॉरिद्म की जरूरत हो सकती है, लेकिन आज के गणितीय उपकरणों के लिए यह शायद संभव ना हो.
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शोधकर्ताओं ने साफ तौर पर दर्शाया कि घूमते हुए ब्लैक होल सी ऊर्जा साइफन की तरह निकालना संभव है. दूसरी ओर वैज्ञानिक इस बात के लिए आशांवित हैं कि जब हमें अंतरिक्ष की बस्तियों के लिए ऊर्जा की जरूरत होगी. तब तक हमें आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस और संबंधित तकनीकी के बेहतर उपकरण मिल जाएंगे.