जानिए चंद्रमा पर आर्टिमिस अभियान के लिए ‘लैंडिंग स्पॉट’ कैसे खोजेगा नासा

आर्टिमिस अभियान (Artemis Mission) की लैंडिंग चंद्रमा (Moon) के दक्षिणी ध्रुव में किसी स्थान पर होगी. (तस्वीर: NASA)
नासा (NASA) साल 2024 में चंद्रमा (Moon) की सतह पर दो इंसानों को उतारेगा, लेकिन इस आर्टिमिस अभियान (Artemis Mission) की लैंडिंग कहां होगी वह जगह चुनना एक चुनौतीपूर्ण काम है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 28, 2021, 8:41 PM IST
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) अपने महत्वाकांक्षी आर्टिमिस मिशन (Artemis Mission) की तैयारी कर रहा है. तीन चरणों में पूरा होनेवाले इस मिशन में साल 2024 में दो यात्रियों को चंद्रमा (Moon) की सतह पर उतारा जाएगा. इसके लिए कई स्तरों पर तैयारियां चल रही हैं, लेकिन नासा ने अभी तक यह स्पष्ट तौर नहीं बताया है कि इस अभियान में यात्री चंद्रमा पर कहां उतरेंगे (Landing). यह तय करने के लिए नासा के समाने कई तरह की चुनौतियां हैं.
पृथ्वी जैसी सुविधा नहीं हैं वहां
वाययानों के हवाई पट्टियों पर उतरने, उनके ट्रैफिक नियंत्रण निर्देश रेखाएं दुर्भाग्य से केवल पृथ्वी ग्रह तक ही सिमित हैं. लेकिन जब अंतरिक्ष में चंद्रमा जैसे खतरनाक मिशन पर अंतरिक्ष यान जाता है तो उसके वहां उतरने के लिए किसी तरह के सहायता उपलब्ध नहीं होती है जिससे सटीक लैंडिंग हो सके. नासा इस समय इसी चुनौती का सामना कर रहा है.
क्या होगा इस अभियान मेंआर्टिमिस अभियान में एक महिला और एक पुरुष को चंद्रमा पर भेजा जाएगा. इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर पहला आवास भी स्थापित करने की तैयारी है. वैसे तो इस अभियान के लिए साल 2024 की समय सीमा एक लंबा समय है. लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं. ऐसे में आर्टिमिस अभियान की लैंडिंग साइट क्या होगी यह एक अहम सवाल है.
दक्षिणी ध्रुव में कहीं होगी लैंडिंग
नासा ने इसके लिए चंद्रमा दक्षिणी ध्रुव के पास का इलाका इसके लिए एक आदर्श स्थान के रूप में चुना है, लेकिन यह अभी अंतिम निर्णय नहीं है. इसके अलावा आर्टिमिस का ओरियोन यान दक्षिणी ध्रुव में कहां उतरेगा यह भी एक सवाल है. इसके लिए नासा बारीकी से इस इलाके की पड़ताल कर रहा है.

ये दो जरूरी आवश्कताएं
लैंडिंग साइट की अपनी आवश्यकताएं हैं. यह एक ऐसा इलाका होना चाहिए जहां सूर्य की रोशनी ठीक तरह से लंबे समय तक आती हो जिससे ऊर्जा की समस्या न हो. इसके अलावा यह क्षेत्र ऐसा होना चाहिए जहां तापमान में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव नहीं हो जिससे पृथ्वी के उपकरणों को काम करने में परेशानी का सामना ना करना पड़े.
क्या अब स्पेस में होने वाली है अमेरिका और चीन के बीच ताकत की जंग
क्रेटर से है उम्मीदें
दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ आर्टिमिस अभियान की आवश्यकता है. ऐसे में इम्पैक्ट क्रेटर इन समस्याओं का एक समाधान हो सकता है. नासा के विशेषज्ञ भी इसे उपयुक्त मानते हैं. गहरे क्रेटर की गुफा में बर्फ भी मिल सकती है जबकि सतह पर ऊर्जा सूर्य से मिल सकती है.
यह मॉडल करेगा मदद
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के डब्ल्यू ब्रेंट गैरी ने काल्पिनिक अभियान के लिए एक वर्चुअल रियालिटी टूर विकसित किया है जिससे अभियान के योजनाकारों और यात्रियों को वातावरण का ज्यादा से ज्यादा अंदाजा हो सके. उनके मॉडल में सूर्य की रोशनी के साथ अंधेरे वाले क्रेटर्स दोनों दक्षिणी ध्रुव मे मिल सकते हैं.

क्यों सपाट क्षेत्र
विशेषज्ञ लैंडिंग के लिए ऐसी जगह चाहते हैं जो जितनी ज्यादा सपाट हो उतना अच्छा रहेगा जिससे लैंडर गिर ना जाए. लेकिन लैंडिंग का इलाका असल गतिविधि इलाके से दूर होना चाहिए जिससे लैंडिंग की वजह से उड़ने वाली गैस आदी से आसपास की जमीन में गड़बड़ी ना हो और मीलों तक सतही पदार्थ इधर उधर न फैल जाए. इससे लैंडिंग और उसके आसपास का इलाका गड़बड़ा जाएगा, प्राकृतिक नहीं रहेगा. इसलिए प्रयोग स्थल, सौर पैनल, आवास आदि कम से कम एक मील दूर होना चाहिए.
क्या नासा का रद्द हुआ SLS परीक्षण टाल देगा आर्टिमिस अभियान का कार्यक्रम
इसका एक समाधान यह है कि लैंडिंग किसी पहाड़ी इलाके के पास हो. इसके लिए टीम ऐसे इलाकों के तलाश कर रही है. इसके साथ ही लैंडिंग का इलाका पृथ्वी की ओर का होना चाहिए जिससे यात्रियों और पृथ्वी के बीच संचार बाधित ना हो सके.
पृथ्वी जैसी सुविधा नहीं हैं वहां
वाययानों के हवाई पट्टियों पर उतरने, उनके ट्रैफिक नियंत्रण निर्देश रेखाएं दुर्भाग्य से केवल पृथ्वी ग्रह तक ही सिमित हैं. लेकिन जब अंतरिक्ष में चंद्रमा जैसे खतरनाक मिशन पर अंतरिक्ष यान जाता है तो उसके वहां उतरने के लिए किसी तरह के सहायता उपलब्ध नहीं होती है जिससे सटीक लैंडिंग हो सके. नासा इस समय इसी चुनौती का सामना कर रहा है.
क्या होगा इस अभियान मेंआर्टिमिस अभियान में एक महिला और एक पुरुष को चंद्रमा पर भेजा जाएगा. इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर पहला आवास भी स्थापित करने की तैयारी है. वैसे तो इस अभियान के लिए साल 2024 की समय सीमा एक लंबा समय है. लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं. ऐसे में आर्टिमिस अभियान की लैंडिंग साइट क्या होगी यह एक अहम सवाल है.
दक्षिणी ध्रुव में कहीं होगी लैंडिंग
नासा ने इसके लिए चंद्रमा दक्षिणी ध्रुव के पास का इलाका इसके लिए एक आदर्श स्थान के रूप में चुना है, लेकिन यह अभी अंतिम निर्णय नहीं है. इसके अलावा आर्टिमिस का ओरियोन यान दक्षिणी ध्रुव में कहां उतरेगा यह भी एक सवाल है. इसके लिए नासा बारीकी से इस इलाके की पड़ताल कर रहा है.

चंद्रमा (Moon) पर लैंडिंग (Landing) की अपनी चुनौतियां हैं जिनसे आर्टिमिस (Astemis) के लैंडर को दो चार होना होगा (फाइल फोटो).
ये दो जरूरी आवश्कताएं
लैंडिंग साइट की अपनी आवश्यकताएं हैं. यह एक ऐसा इलाका होना चाहिए जहां सूर्य की रोशनी ठीक तरह से लंबे समय तक आती हो जिससे ऊर्जा की समस्या न हो. इसके अलावा यह क्षेत्र ऐसा होना चाहिए जहां तापमान में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव नहीं हो जिससे पृथ्वी के उपकरणों को काम करने में परेशानी का सामना ना करना पड़े.
क्या अब स्पेस में होने वाली है अमेरिका और चीन के बीच ताकत की जंग
क्रेटर से है उम्मीदें
दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ आर्टिमिस अभियान की आवश्यकता है. ऐसे में इम्पैक्ट क्रेटर इन समस्याओं का एक समाधान हो सकता है. नासा के विशेषज्ञ भी इसे उपयुक्त मानते हैं. गहरे क्रेटर की गुफा में बर्फ भी मिल सकती है जबकि सतह पर ऊर्जा सूर्य से मिल सकती है.
यह मॉडल करेगा मदद
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के डब्ल्यू ब्रेंट गैरी ने काल्पिनिक अभियान के लिए एक वर्चुअल रियालिटी टूर विकसित किया है जिससे अभियान के योजनाकारों और यात्रियों को वातावरण का ज्यादा से ज्यादा अंदाजा हो सके. उनके मॉडल में सूर्य की रोशनी के साथ अंधेरे वाले क्रेटर्स दोनों दक्षिणी ध्रुव मे मिल सकते हैं.

नासा (NASA) के लिए आर्टिमिस अभियान (Artemis Mission) उसके भविष्य के अभियानों के लिए नींव का काम करेगा. (तस्वीर: Pixabay)
क्यों सपाट क्षेत्र
विशेषज्ञ लैंडिंग के लिए ऐसी जगह चाहते हैं जो जितनी ज्यादा सपाट हो उतना अच्छा रहेगा जिससे लैंडर गिर ना जाए. लेकिन लैंडिंग का इलाका असल गतिविधि इलाके से दूर होना चाहिए जिससे लैंडिंग की वजह से उड़ने वाली गैस आदी से आसपास की जमीन में गड़बड़ी ना हो और मीलों तक सतही पदार्थ इधर उधर न फैल जाए. इससे लैंडिंग और उसके आसपास का इलाका गड़बड़ा जाएगा, प्राकृतिक नहीं रहेगा. इसलिए प्रयोग स्थल, सौर पैनल, आवास आदि कम से कम एक मील दूर होना चाहिए.
क्या नासा का रद्द हुआ SLS परीक्षण टाल देगा आर्टिमिस अभियान का कार्यक्रम
इसका एक समाधान यह है कि लैंडिंग किसी पहाड़ी इलाके के पास हो. इसके लिए टीम ऐसे इलाकों के तलाश कर रही है. इसके साथ ही लैंडिंग का इलाका पृथ्वी की ओर का होना चाहिए जिससे यात्रियों और पृथ्वी के बीच संचार बाधित ना हो सके.