महाराष्ट्र (Maharashtra Legislative Assembly) में मौजूदा सियासी हलचलों के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शक्ति परीक्षण (Floor Test) को लेकर सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. अब अगर कोर्ट फ्लोर पर शक्ति परीक्षण के लिए कहता है तो क्या होगी उसकी प्रक्रिया.
दरअसल कुछ महीनों पहले यही स्थिति हमने कर्नाटक में भी देखी थी. कर्नाटक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले सरकार बनाने वाली भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए ज्यादा समय नहीं दिया था. उन्हें इसके लिए 24 घंटे ही मिले थे. हो सकता है कि ऐसा ही महाराष्ट्र में हो. तब देवेंद्र फडणवीस की सरकार को संभव है कि 26 नवंबर को ही सदन में बहुमत साबित करना पड़े.
आइए जानते हैं कि किस तरह महाराष्ट्र में होगा फ्लोर टेस्ट, यानी विधानसभा में शक्ति परीक्षण की क्या होगी प्रक्रिया....
सबसे पहले प्रो-टेम स्पीकर की नियुक्ति
सबसे पहले महाराष्ट्र में प्रो -टेम स्पीकर की नियुक्ति की जाएगी. अभी महाराष्ट्र में कोई प्रो-टेम स्पीकर नहीं है. इसका चुनाव सभी पार्टियों को मिलकर करना होगा. हालांकि ये तदर्थ स्थिति होगी. प्रो-टेम स्पीकर का नाम विधानमंडल के सचिव राज्यपाल को भेजते हैं. इसके बाद उन्हें राज्यपाल शपथ दिलाते हैं.
प्रो-टेम स्पीकर क्या करेंगे
प्रो-टेम स्पीकर विधानमंडल के स्पीकर को सभी नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा में उपस्थित रहने के लिए कहेंगे. हालांकि अभी महाराष्ट्र में नए विधायकों को शपथ भी नहीं दिलाई गई है. ये काम उन्हें जल्दी ही करना होगा. इसे शक्ति परीक्षण से पहले ही पूरा करना होगा.

ये महाराष्ट्र विधानसभा में अंदर का मुख्य हाल, जहां सरकार का शक्ति परीक्षण होगा
फिर क्या होगा
शपथ पूरा होने के बाद प्रो-टेम स्पीकर दो काम कर सकते हैं, या तो वो नए स्पीकर का निर्वाचन करें या फिर खुद ही फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दें.
ध्वनि मत कैसे होगा
जब विधायकों की वोटिंग होगी तब सारे विधायक एक-एक करके अपने समर्थन वाली पार्टियों का नाम लेंगे. इसे ध्वनि मत कहा जाता है. इसके बाद कोरल बेल बजेगा. सारे विधायक पक्ष और विपक्ष के रूप में दो खेमों में बंट जाएंगे. इसके बाद दोनों खेमों के विधायकों की गिनती की जाएगी.
क्या वोटिंग भी हो सकती है
हां, शक्ति परीक्षण के लिए ईवीएम या बैलेट बॉक्स का भी सहारा लिया जा सकता है.
आखिर में क्या होगा
प्रो-टेम स्पीकर या स्पीकर दोनों पक्षों की गिनती करेंगे और फिर परिणाम की घोषणा कर देंगे.
क्या इसमें व्हिप जारी हो सकता है
ये पार्टियों की मर्जी पर है. हालांकि पार्टियां ऐसे मौके पर व्हिप जारी करती हैं. अगर कोई व्हिप जारी होने के बाद नहीं आए या फिर पार्टी के खिलाफ जाए तो उस पर कार्रवाई हो सकती है.
ये भी पढ़ें -
पूरी दुनिया में मशहूर हैं पाकिस्तान के ये मंदिर, हनुमान मंदिर है 1500 साल पुराना
कौन हैं गौरव वल्लभ जो झारखंड के CM के खिलाफ मैदान में हैं
1 दिसबंर से पहले कार पर क्यों जरूरी है फास्टैग लगवाना, यहां जानिए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाबब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Ajit Pawar, Devendra Fadnavis, Maharashtra, Maharashtra asembly election 2019, Maharashtra Election 2019, NCP, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : November 25, 2019, 12:37 IST