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5th जेन फाइटर जेट के लिए इस पारसी घराने ने कसी कमर, अब कोई नहीं ले पाएगा टक्कर, पुतिन हुए मायूस!

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India 5th generation fighter jet: भारत अपनी वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी का देसी फाइटर जेट बना रहा है. एचएएल और डीआरडीओ तेजस-MK1A जेट बना रहे हैं. गोदरेज एयरोस्पेस इंजन प्रोजेक्ट में सहयोग कर रही है. 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य है.

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5th जेन फाइटर जेट के लिए इस पारसी घराने ने कसी कमर, अब कोई नहीं ले पाएगा टक्करगोदजेर समूह देसी 5th जेन फाइटर डेवलप करने में सहयोग करेगी.
India 5th Generation Fighter Jet: चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों के बीच भारत अपनी वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी का देसी फाइटर जेट बनाने में लगा हुआ है. चीन ने काफी पहले 5th जेन फाइटर जेट बना लिया था. उसके पास पांचवीं पीढ़ी के दो फाइटर जेट जे-20 और जे-35 हैं. उसकी सेना इनका इस्तेमाल भी कर रही है. उसने पाकिस्तान को भी ये फाइटर जेट दिए हैं. दुनिया में अमेरिका के बाद चीन ही ऐसा मुल्क है जिसके पास एक नहीं बल्कि दो-दो 5th जेन फाइटर जेट हैं. ऐसे में यह आसानी से समझा जा सकता है कि भारत पर इस वक्त 5th जेन फाइटर जेट बनाने का कितना दबाव है. भारत इस काम में थोड़ा पीछे चल रहा है.

इस वक्त भारतीय सेना को फाइटर जेट्स के 42 स्क्वायड्रन की जरूरत है लेकिन वह केवल 31 स्क्वायड्रन के साथ काम चला रही है. बीते दशक में उसने इमर्जेंसी में फ्रांस 36 रॉफेल लड़ाकू विमान खरीदे थे. इसके दो स्क्वायड्रन तैयार किए गए. एक स्क्वायड्रन की तैनाती चीन सीमा पर, जबकि दूसरे की तैनानी पाकिस्तान सीमा पर की गई. इंडियन एयरफोर्स फाइटर जेट्स की इस कमी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त कर चुकी है. दूसरी तरफ भारत का पूरा जोर किसी तीसरे देश के फाइटर जेट्स खरीदने की बजाय देश में ही इसे बनाने पर है.
भारत ने बड़ी छलांग
मौजूदा वक्त में देसी फाइटर जेट्स के क्षेत्र में भारत भी बड़ी छलांग लगा चुका है. उसका तेजस फाइटर जेट सेना में शामिल हो चुका है. सरकारी कंपनी एचएएल ने डीआरडीओ के साथ मिलकर इसी तेजस का ट्विन इंजन वाला 4.5+ पीढ़ी का तेजस-MK1A जेट बनाया है. एयरफोर्स ने एचएएल को 83 तेजस-MK1A का ऑर्डर भी दिया है. इसमें अमेरिका कंपनी जीई का इंजन लगाया जाएगा. एचएएल ने एचएएल को 99 इंजन का ऑर्डर दिया है. बीते दिनों इसमें से पहले इंजन की आपूर्ति भी शुरू हो गई. यानी अब जल्द ही एयर फोर्स को तेजस-MK1A की डिलिवरी शुरू होने वाली है.
तेजस श्रेणी में 5वीं पीढ़ी

एचएएल तेजस श्रेणी में 5वीं पीढ़ी का विमान बना रहा है. इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इस प्रोग्राम का नाम एडवांस मिडियम कम्बैट एयरक्राफ्ट है. इसे 5+ पीढ़ी का विमान बताया जा रहा है. अभी तक की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए सरकार इसमें प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों का सहयोग ले रही है. इसको हर हाल में 2030 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य किया गया है.
इन 5th जेन फाइटर जेट्स के लिए भारत अपना इंजन भी डेवलप कर रहा है. इंजन डेवलप का प्रोजेक्ट अलग चल रहा है. इसका नाम गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैबलिस्मेंट (ETRE) दिया गया है.
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इंजन डेवलप करेगी गोदरेज एयरोस्पेस
इसी इंजन प्रोजेक्ट में देश के जाने-माने पारसी घराने गोदरेज परिवार की कंपनी गोदरेज एयरोस्पेस ने सहभागी बनने की इच्छा जताई है. पिछले दिनों गोदरेज एयरोस्पेस के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट मानेक बेहरामकामदीन ने कहा था कि उनकी कंपनी के पास इस दिशा में काम करने की विशेषज्ञता हासिल है.
उन्होंने कहा कि जहां तक मैनुफैक्चरिंग की बात है तो यह एक बड़ा काम है. टेक्नोलॉजी के नजरिया से भी यह बहुत बड़ा काम है. लेकिन, हम मिलकर ये सब कर लेंगे. उन्होंने कहा कि इस इंजन की मैनुफैक्चरिंग काफी हद तक पुराने कामों की ही तरह है. इससे पहले गोदरेज एयरोस्पेस कावेरी इंजन प्रोजेक्ट में भी भागीदार रह चुकी है. भारत ने चौथी और 4.5 वीं पीढ़ी के विमानों के लिए कावेरी इंजन बनाया है. इसके अलावा वह सेना के लिए तमाम अन्य प्रोजेक्ट में भागीदार कर चुकी है.
गोदरेज फैमिली देश का एक सबसे प्रतिष्ठित पारसी परिवार है. वह करीब डेढ़ सालों से कारोबार की दुनिया में है. आर्देशीर गोदरेज ने 1897 में गोदरेज समूह की स्थापना की थी. यह समूह रियल स्टेट, कंज्यूमर प्रोडक्ट, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, अप्लाइंसेज, फर्निचर, सेक्युरिटी और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के क्षेत्र में कारोबार करती है. इस वक्त इस समूह की कमान आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज के हाथों में है. इस परिवार की कुल संपत्ति करीब 20 अरब डॉलर की है.

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संतोष कुमार
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स... और पढ़ें
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