प्रतीकात्मक तस्वीर
भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई चीन से अलग है और कई मायनों में ज्यादा कठिन भी. शुरुआती त्रासदी झेलने वाले चीन में कोरोना महामारी का केंद्र मुख्य तौर पर हुबेई प्रांत था. उसमें भी सबसे ज्यादा असर हुबेई के वुहान शहर में था जहां से इस वायरस की उत्पत्ति भी मानी जाती है. चीन में कोरोना के करीब 86 हजार मामलों में 50 हजार से ज्यादा इस शहर से आए. देश में हुई कुल मौतों का 80 प्रतिशत हिस्सा यहीं से था.
यानी चीन में कोरोना फैला लेकिन मुख्यरूप से उसका सेंटर हुबेई ही रहा. इसके उलट अगर भारत में आ रहे मामलों की बात की जाए तो ये लगभग देश के हर बड़े-छोटे राज्य से है. कश्मीर से केरल तक और असम से गुजरात तक हर तरफ से मामले सामने आ रहे हैं. इसलिए भारत के सामने ये बड़ी चुनौती है कि इस महामारी को रोका कैसे जाए.
हालांकि भारत ने एक बड़ा और साहसिक फैसला लेते हुए 24 मार्च से ही देश में लगातार लॉकडाउन रखा है. माना जा रहा है कि इसी वजह से भारत में कोरोना के मामलों की संख्या बहुत तेजी के साथ नहीं बढ़ी है. आइए जानते हैं कि भारत का कौन सा राज्य किस देश के बराबर आबादी रखता है और उसके मुकाबले में क्या स्थिति है?
मध्य प्रदेश और जर्मनी
मध्य प्रदेश की आबादी तकरीबन यूरोपीय शक्तिशाली देश जर्मनी के बराबर है. मध्य प्रदेश की आबादी करीब 8.3 करोड है. जर्मनी में इस समय कुल 139,134 कोरोना संक्रमण के मामले हैं. तकरीबन 4,203 मौतें हुई हैं. अभी तक 81,800 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 53,131 लोगों का इलाज चल रहा है. इसके मुकाबले अगर मध्य प्रदेश की बात की जाए तो यहां अब तक कुल 1,308 मामले सामने आ चुके हैं. 57 मौतें हुई हैं और 65 लोग ठीक हो चुके हैं. प्रदेश में अभी कुल एक्टिव केस 1,186 हैं.
राजस्थान और यूनाइटेड किंगडम
जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान और यूनाइटेड किंगडम में समानता है. राजस्थान की आबादी 6.8 करोड़ है. अगर इन दोनों की वर्तमान स्थिति की तुलना की जाए तो यूनाइटेड किंगडम में 108,692 मामले सामने आए हैं. 14,576 मौतें हुई हैं. कोरोना की चपेट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी आ गए हैं. वहीं अगर इसके मुकाबले राजस्थान की बात की जाए तो यहां पर कुल 1,131 मामले आए हैं. अब तक 164 ठीक हो चुके हैं. 11 मौत हुई हैं. 956 केस अभी एक्टिव हैं.
उत्तर प्रदेश और पाकिस्तान
भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की आबादी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बराबर है. यूपी की आबादी करीब 23 करोड़ है. अगर पाकिस्तान की बात की जाए तो वहां पर कोरोना के 7,025 मामले सामने आए हैं. 135 मौत हो चुकी हैं. 1,765 लोग ठीक हो चुके हैं. वहीं एक्टिव केस 5,125 हैं. अगर इस मुकालबे यूपी की बात करें तो यहां 846 कुल मामले सामने आए हैं. 14 मौतें कोरोना की वजह से हुई हैं. 74 लोग ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं. अभी 758 केस एक्टिव हैं.
गुजरात और थाईलैंड
भारत के इस प्रदेश की आबादी दुनिया के एक देश थाईलैंड के बराबर है. इसकी आबादी 6.8 करोड़ है. इस देश में अब तक कोरोना के कुल 2,700 मामले सामने आए हैं , 47 मौतें हो चुकी हैं. एक्टिव मामले 964 और अब तक1,689 लोग ठीक हो चुके हैं. जबकि गुजरात में अब तक सामने आए कुल मामले 1,021 हैं, 38 मौतें हो चुकी हैं जबकि 909 एक्टिव मामले और 74 लोग ठीक हो चुके हैं.
महाराष्ट्र और जापान
महाराष्ट्र की आबादी जापान के बराबर है. इसकी आबादी 12.3 करोड़ हैं . जापान में कोरोना के कुल मामले 9,231 हैं, कुल मौतें 190 जबकि अब तक ठीक हुए लोगों की संख्या 935 है. 8106 एक्टिव मामले हैं. जबकि महाराष्ट्र में कुल मामले 3,205, अब तक हुईं मौतें 194 जबकि एक्टिव मामले 2,711 हैं. अब तक ठीक होकर 300 लोग अपने घर जा चुके हैं.
तेलंगाना और सऊदी अरब
जनसंख्या के मामले में सऊदी अरब और तेलंगाना की आबादी भी लगभग बराबर है. तेलंगाना की आबादी करीब 3.5 करोड़ है. सऊदी अरब में अब तक कोरोना के 7,142 मामले सामने आ चुके हैं. 87 लोगों की मौत हुई है. कुल 1049 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. एक्टिव केस की संख्या 6006 है. इसके मुकाबले अगर तेलंगाना की संख्या देखें तो यहां कुल मामले 743 हैं. 18 लोगों की मौत हुई है तो वहीं 186 लोग ठीक भी हो चुके हैं. एक्टिव केस 539 हैं.
केरल और उज्बेकिस्तान
भारत के दक्षिणी राज्य केरल और उज्बेकिस्तान की आबादी आस-पास ही है. केरल की आबादी 3.4 करोड़ है. अगर केरल के साथ तुलनात्मक अध्ययन करें तो उज्बेकिस्तान में 1,405 मामले सामने आए हैं. 4 मौतें हुई हैं और 156 लोग ठीक हो चुके हैं. एक्टिव केस 1245 हैं. वहीं केरल में 395 सामने आए हैं. कुल तीन मौत हुई हैं. 245 लोग ठीक हो चुके हैं. अभी एक्टिव मामलों की संख्या 147 है.
इससे अलग हटकर बात करें तो तमिलनाडु की जनसंख्या ईरान से और आंध्र प्रदेश की दक्षिण कोरिया से मेल खाती है. यानी भारत के ये राज्य कई देशों के बराबर हैं. अगर वर्तमान स्थिति देखी जाए तो भारत की स्थिति काफी नियंत्रण में है. सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के परिणाम दिखाई दे रहे हैं. वरना अगर आप इन देशों से तुलना करें तो भारत के किसी भी राज्य में कोरोना नियंत्रण से छूटा तो परिस्थितियां बेहद गंभीर हो सकती हैं. इसलिए भारत की कोरोना के खिलाफ ये जंग शायद आजाद भारत के इतिहास में सबसे कठिन है.
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