दुनिया में कई समस्याएं बहुत बड़ी होती है जिस पर सभी का ध्यान होता है तो कई इतनी छोटी की उन्हें बहुत महत्व मिलता ही नहीं क्योंकि उनसे नुकसान बहुत ज्यादा नहीं होता है. लेकिन कुछ समस्या कई दशकों से चली आ रही है और निरंतरता ने उनकी गंभीरता को जैसे छिपा लिया है. मादक द्रव्यों (Durgs) का नशा भी ऐसी ही कुछ है जो दुनिया की आबादी के एक अच्छे खासे हिस्सो को खत्म कर रहा है. इसीलिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) हर साल 26 जून को अन्तरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस (International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाता है.
एक बड़ा मकसद
नशे और उससे संबंधित अपराध से निपटने वाली संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी संस्था, यूनाइटेड नेशनस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) हर साल 26 जून को विश्व मादक द्रव्य निषेध दिवस मनाती है. इसका मकसद ड्रग्स की लत और इसके दुष्प्रभावों से होने वाली मौतों से लोगों को बचाना है और जागरूक करना है.
क्या है इस बार की थीम
संयुक्त राष्ट्र ने अन्तरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस के लिए साल 2022 की थीम “स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान” (“Addressing drug challenges in health and humanitarian crises”) को चुना है. इस दिवस के जरिए दुनिया में नशे संबंधित शोध पड़ताल, आंकड़े, और तथ्यों को साझा किया जाता है कि जिससे लोग नशे के भयावह और वास्तविक स्थितियों से परिचित और जागरूक हो सकें.
35 साल पहले हुई थी शुरुआत
7 दिसंबर साल 1987 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने 42/112 संकल्प को पारित कर हर साल 26 जून को अन्तरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति/निवारण) दिवस मनाने का फैसला किया. इस दिवस का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाते हुए उन प्रयासों को मजबूत बनाना है जिससे अंतरराष्ट्रीय समाज पूरी तरह से नशा मुक्त हो सके.
एक साथ बहुत सारे संकट
दुनिया के कई हिस्सों में शरणार्थी कैम्प लगे हैं जहां हिंसा के शिकार लोग को मानवीय सहायता की जरूरत है. कोविड-19 महामारी, जलवायु संकट, खाद्य संकट, ऊर्जा संकट आपूर्ती तंत्र में व्यवधान, जैसे संकटों ने एक साथ हमला कर दुनिया को मंदी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है.
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UNODC का प्रमुख प्रयास
विश्व मादक पदार्थ दिवस पर UNODC वर्तमान और उभरते हुए पार राष्ट्रीय मादक पदार्थ गतिविधियों से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने का प्रयास करता है. UNODC मादक पदार्थों को उपयोग करने वाले बच्चों और युवाओं सहित संवेदनशील लोगों के लिए सेहत के संरक्षण की पैरवी करना जारी रखेगा. इसमें जरूरतमंद लोगों को नियंत्रित दवाओं के आपूर्ति करने के प्रयास भी शामिल हैं.
UNODC का प्रमुख अभियान
अपने हैशटैग केयर इन क्राइसिस अभियान के तहत UNODC ने सभी सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, नगारिक समाजों, वगैरह से लोगों को सुरक्षित करने के लिए आपात कदम उठाने क मांग की है. मादक पदार्थों की अवैध तस्करी को रोकने और मादक पदार्थों को उपयोग की रोकथाम उनके इलाज को मजबूत बनाने की भी मांग की है.
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अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से वहां अंतरराष्ट्रीय सहयोग राजनैतिक कारणों से बंद है, जिससे वहां भूकंप के कारण आए प्राकृतिक और पहले से चल रहे आर्थिक संकटों ने वहां की समस्या गंभीर कर दी है. अफगानिस्तान पहले से अफीम की खेती के लिए मशहूर है. तालिबान के आने से मादक पदार्थों की तस्करी आदि समस्याएं गहरा सकती हैं. और यह अकेले अफगानिस्तान की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है.
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