क्रमिक विकास (evolution) के साथ हमने सिर्फ बहुत-सी चीजें सीखीं, जिनमें से एक है संवाद (communication). दुनिया के हर हिस्से ने भाषा ईजाद की. माना जाता है कि ग्लोबली 6900 भाषाएं हैं, जिनमें से अधिकतर खत्म होने के स्तर पर हैं. अपने देश में भाषाओं की बात करें तो संविधान में 22 भाषाएं शामिल हैं, जिनके अलावा बोलियां भी हैं. इसके बाद भी हमारे पास संवाद की एक बिल्कुल अनोखी रीत है- वो है सिर हिलाना (headnod). जिस तरह से सिर हिलाकर हम हां या न कहते हैं, वो एशिया के अलावा दुनिया के किसी हिस्से में नहीं. एक्सपर्ट इसे हेड बॉबल (head bobble) कहते हैं. जानिए, क्या कहना है सिर हिलाने का विज्ञान.
क्या है ये सिर हिलाना
सिर हिलाकर हां या न कहने का ये तरीका हेड बॉबल या हेड वॉबल (head wobble) भी कहलाता है. ये कई तरीकों से होता है, जैसे ऊपर-नीचे सिर हिलाने का मतलब सामने वाला हां कह रहा है. इसी तरह से दाएं-बाएं सिर घुमाना यानी सामने वाला इनकार कर रहा है. कई बार थैंक यू भी एक बार सिर हिलाकर बिना कोई शब्द बोले कहा जाता है.
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विदेशी टूरिस्टों के लिए परेशानी का सबब
कुल मिलाकर सिर हिलाने का एक ही मतलब नहीं, बल्कि इसे जानने वाले ही इसे समझते हैं. भारत आने वाले विदेशी सैलानी अगर बिना गाइड के हों तो इस संवाद में काफी परेशान होते हैं. खासकर अगर विदेशी अंग्रेजी में तंग हो और जिससे बात करने की कोशिश कर रहा हो, उसे भी भाषा की समझ न हो, तब ऐसे इशारे परेशानी बढ़ा देते हैं.

ये आदत नॉनवर्बल कम्युनिकेशन (NVC) के तहत आती है- सांकेतिक फोटो (Pixabay)
क्या कहती हैं स्टडी
वैसे भारतीय में हेड-नॉड यानी सिर हिलाने की आदत पर काफी स्टडी की जा चुकी है. इससे पता चला कि ये आदत सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि उसके आसपास के कई एशियाई देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल तक में है. नॉनवर्बल कम्युनिकेशन (NVC) के तहत आने वाली ये आदत ठीक वैसी ही है, जैसे विदेशियों में कंधे उचकाना या आंखों में आंखें डालकर देखना.
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सबसे पहले साल 1872 में इसका जिक्र हुआ था. तब The Expression of the Emotions in Man and Animals के नाम से इंसानों के साथ-साथ जानवरों में भी नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन को समझने की कोशिश हुई.
किस श्रेणी में आता है यूं बिना बोले कहना
इसके कई प्रकार देखे गए. हालांकि इसके तहत 5 प्रकार मुख्य हैं, जिनमें बिना बोले कोई शख्स अपनी बात अगले तक पहुंचाता है. इसमें चेहरे के हावभाव, जेस्चर्स (भंगिमाएं), पैरालिंग्विस्टिक्स (आवाज का उतार-चढ़ाव), प्रोक्सेमिक्स यानी स्पेस की जरूरत और आंखों का इशारा शामिल हैं. हेड नॉड यानी सिर हिलाने की आदत दो श्रेणियों के तहत आती है- बॉडी लैंग्वेज और जेस्चर्स.

श्रीलंका में भी हेड नॉड की आदत ठीक भारतीयों जैसी ही है- सांकेतिक फोटो (needpix)
श्रीलंका में भी समान आदत
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी हेड नॉड की आदत ठीक भारतीयों जैसी ही है. फर्क बस इतना है कि वहां के लोग ज्यादा तेजी से सिर हिलाते हैं. शायद ये इस बात का इशारा है कि वे बात समझ चुके हैं और ज्यादा बात बढ़ाने की जरूरत नहीं. बात रोकने के अलावा वे ना कहने के लिए भी दाएं-बाएं पूरे जोरों से सिर घुमाते हैं.
जोर से हिलाते हैं सिर
कल्चर ट्रिप वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलंबो में चूंकि श्रीलंका के हर हिस्से के लोग बसे हैं, लिहाजा वहां ढेरों तरह से सिर हिलाना दिखेगा. ऐसे में अगर कोई सैलानी एक पैटर्न को समझकर उसे ही दूसरी जगह लागू करना चाहे तो भारी मुसीबत में पड़ सकता है. इनमें समानता ये ही है कि लगभग सभी जोर से सिर हिलाते हैं.
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संस्कृति भी एक वजह
भारतीयों का सिर हिलाना पूरी दुनिया में चर्चित है. साल 2010 में एक अमेरिकन सिटकॉम आया था. आउटसोर्स्ड (Outsourced) नाम के इस सीरियल में भारतीयों के सिर हिलाकर बिना बोले कुछ कहने पर बाकायदा बात हुई थी. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कुछ तो अपनी संस्कृति के दबाव में ये नॉनवर्बल तरीका अपना चुके हैं. जैसे यहां बड़ों से असहमति होने पर सीधे उनकी बात काटना ठीक नहीं माना जाता. ऐसे में सिर हिलाकर हम चुप्पी साधे रहते हैं. ये एक तरह से अपनी बात रखने के लिए समय लेने की तरह है. साथ ही सीधी असहमति से निजात मिल जाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2020, 06:48 IST