जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने सीमा पार छुपे बैठे
आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में
वायुसेना के मिराज विमानों ने खैबर पख्तूनख्वां के बालाकोट इलाके में कई आतंकी कैंप्स को निशाना बनाया. सूत्रों के मुताबिक इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए और जैश के कंट्रोल रूम तबाह हो गया.
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए बताया कि इंटेलीजेंस इनपुट के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर यह हमला किया गया. यह कैंप जैश सरगना मसूद अजहर का बहनोई युसूफ अजहर चला रहा था. सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना के इस हमले में यूसुफ की मौत हो गई. हालांकि अभी तक न ही भारत और न ही पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की है.
कौन है युसूफ अजहर?
युसूफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी के खिलाफ साल 2000 में ही इंटरपोल से भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि बालाकोट में जैश का सबसे बड़ा आतंकी कैंप था जिसे निशाना बनाकर इस हमले को अंजाम दिया गया.
बताया जाता है कि ये आतंकी कैंप मसूद अजहर के लिए युसूफ ही चला रहा था. युसूफ बालाकोट के आबादी वाले इलाकों से दूर एक पहाड़ी पर आतंकी कैंप चला रहा था. भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसी के पास बीते साल से इस आतंकी कैंप की जानकारी ही थी और युसूफ की मौजूदगी कन्फर्म होने के बाद ही हमले का आदेश दिया गया था.
मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए कंधार में एअर इंडिया के विमान IC-184 का अपहरण करने वालों में युसूफ भी शामिल था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उस साजिश का मास्टरमाइंड इब्राहिम अजहर नाम का एक अन्य आतंकी है. बताया जाता है कि युसूफ कराची में पैदा हुआ और वो काफी अच्छी हिंदी भी बोलता है. भारत में भी हाईजैकिंग, आतंकवाद और किडनैपिंग जैसे केस में वो वॉन्टेड है. साल 2002 में भारत ने पाकिस्तान को 20 आतंकियों की एक लिस्ट सौंपी थी, जिसमें युसूफ का नाम भी था.
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इंटेलीजेंस के आधार पर हुआ था हमला
भारतीय वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के मिराज विमानों ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार आतंकी कैंप्स पर करीब 1000 किलोग्राम के बम बरसाए. इस हमले में करीब 200-300 आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के पांच जवानों की मौत हो गई. सूत्रों ने बताया कि यह भारतीय थल सेना और एयरफोर्स का वेल कॉर्डिनेटेड हमला था. खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट एयरफोर्स से शेयर किये गए थे, जिसके बाद इस पिन पॉइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. यह ऑपरेशन बेहद गुप्त रखा गया था.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए अपने सुरक्षाबलों को खुली छूट दे दी है.
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Tags: Air Strike, Balakot, Gwalior Air force Station, Indian army, Jaish e mohammad, Narendra modi, Surgical Strike
FIRST PUBLISHED : February 26, 2019, 13:13 IST