पुणे के इस ट्रस्ट ने कोरोना वॉरियर्स के लिए 25 लाख रुपये की पीपीई किट्स मंगाकर दान की हैं.
कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हर तरफ तबाही मची हुई है. काफी तादाद में आम लोग, एनजीओ, ट्रस्ट, संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर पीडितों और इस संकट से निपटने में शासन-प्रशासन की मदद कर रहीं हैं. इसी बीच 123 साल पहले करीब-करीब बंद किया जा चुका पुणे का एक ट्रस्ट फिर सक्रिय हो गया है. इस बार ये ट्रस्ट कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) की मदद कर रहा है. इस ट्रस्ट की शुरुआत 1897 में प्लेग महामारी (Plague Epidemic) की वजह से हुई थी. तब पूरी दुनिया प्लेग से जूझ रही थी. भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं रह गया था.
तिलक ने लोगों के अंतिम संस्कार के लिए बनाई थी कमेटी
महाराष्ट्र के पुणे में 1897 में प्लेग ने बहुत तबाही मचाई थी. हाल कुछ ऐसा था कि पुणे (Pune) के हर घर में एक ना एक सदस्य प्लेग की चपेट में आ गया था. महामारी की वजह से शहर की आबादी (Population) आधी रह गई थी. उस वक्त कई लाशों को ब्रिटिश अधिकारियों (British Officers) ने कुएं में फेंकवा दिया था. दरअसल, उस वक्त अंतिम संस्कार के लिए पैसों की कमी हो गई थी. इसके बाद आजादी की लडाई में 'स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) ने दूसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर श्मशान फंड कमेटी बनाई. इस कमेटी ने जरूरी सामान इकट्ठा किया और लोगों का अंतिम संस्कार किया.
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