जानें मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के बारे में, जिन्होंने किया 05 राज्यों में चुनावों का ऐलान

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने पीसी शुरू कर दी है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने 26 दिसंबर को शाम 05 राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान किया. उन्होंने करीब 02 साल पहले ये जिम्मेदारी संभाली थी. वो रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं जिन्हें सरकार ने रिटायरमेंट के बाद ये अहम जिम्मेदारी सौंपी है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 27, 2021, 1:19 PM IST
जब 26 दिसंबर की शाम मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा देश के 05 राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान कर रहे थे तो पूरे देश की निगाहें उन्हीं पर थीं. जानते हैं चुनाव आयोग में शीर्ष पोजिशन पाने और उससे पहले उनकी करियर यात्रा किस तरह रही है.
सुनील अरोड़ा फिलहाल 64 साल के हैं. जब आईएएस के पद से वर्ष 2016 में रिटायर हो गए थे लेकिन उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए सरकार ने उन्हें जोड़े रखा. 01 सितंबर 2017 को वो चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के तौर पर जोड़े गए. फिर 02 दिसंबर 2018 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त बना दिए गए.
त्वरित फैसला लेने वाले आईएएस अफसर रहे हैं
अरोड़ा आईएएस अफसर के तौर पर कई अहम विभागों जैसे वित्त, टैक्सटाइल और योजना आयोग के लिए भी काम कर चुके हैं. वह त्वरित फैसला लेने और मजबूत इरादों की वजह से चर्चाओं में रहते आए हैं.यूनिवर्सिटी में पढ़ा भी चुके हैं
सुनील अरोड़ा का जन्म 13 अप्रैल 1956 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ था. शुरुआती शिक्षा होशियारपुर के विद्या मंदिर स्कूल और दयानंद मॉडल स्कूल से हुई, जिसके बाद डीएवी और वहां से डीएवी कॉलेज होशियापुर से सुनील ने ग्रेजुएशन की. इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी से एमए करने के बाद सुनील यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी पढ़ाने लगे.
घर में था पढ़ाई लिखाई का माहौल
1980 में राजस्थान कैडर से आईएएस सुनील का पारिवारिक माहौल पढ़ाई-लिखाई से ही संबंधित रहा. उनके पिता इंडियन रेलवे एकाउंट अफसर के बडे़ पद पर थे. मां होशियारपुर के ही डीएवी कॉलेज में पढ़ाती थीं. इसका असर बच्चों पर भी पड़ा. सुनील के अलावा दोनों भाई भी महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर हैं.
कामकाज का लंबा अनुभव
सुनील अरोड़ा के पास सरकारी कामकाज का लंबा अनुभव है. आईएएस की नौकरी के दौरान राजस्थान के धौलपुर, अलवर, नागौर और जोधपुर जैसे जिलों में तैनात रह चुके अरोड़ा 1993-1998 के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव पद पर थे. इसके अलावा 2005 से 2008 तक वे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे.
इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष रह चुके हैं
गहरी प्रशासनिक समझ रखने वाले इस अधिकारी को समय-समय पर महत्वपूर्ण पद मिलते रहे. सुनील ने राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क, उद्योग एवं निवेश विभागों में भी अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होंने नागरिक विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. वह पांच साल तक इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं.
सुनील अरोड़ा फिलहाल 64 साल के हैं. जब आईएएस के पद से वर्ष 2016 में रिटायर हो गए थे लेकिन उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए सरकार ने उन्हें जोड़े रखा. 01 सितंबर 2017 को वो चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के तौर पर जोड़े गए. फिर 02 दिसंबर 2018 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त बना दिए गए.
त्वरित फैसला लेने वाले आईएएस अफसर रहे हैं
अरोड़ा आईएएस अफसर के तौर पर कई अहम विभागों जैसे वित्त, टैक्सटाइल और योजना आयोग के लिए भी काम कर चुके हैं. वह त्वरित फैसला लेने और मजबूत इरादों की वजह से चर्चाओं में रहते आए हैं.यूनिवर्सिटी में पढ़ा भी चुके हैं

घर में था पढ़ाई लिखाई का माहौल
1980 में राजस्थान कैडर से आईएएस सुनील का पारिवारिक माहौल पढ़ाई-लिखाई से ही संबंधित रहा. उनके पिता इंडियन रेलवे एकाउंट अफसर के बडे़ पद पर थे. मां होशियारपुर के ही डीएवी कॉलेज में पढ़ाती थीं. इसका असर बच्चों पर भी पड़ा. सुनील के अलावा दोनों भाई भी महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर हैं.
कामकाज का लंबा अनुभव
सुनील अरोड़ा के पास सरकारी कामकाज का लंबा अनुभव है. आईएएस की नौकरी के दौरान राजस्थान के धौलपुर, अलवर, नागौर और जोधपुर जैसे जिलों में तैनात रह चुके अरोड़ा 1993-1998 के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव पद पर थे. इसके अलावा 2005 से 2008 तक वे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे.
इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष रह चुके हैं
गहरी प्रशासनिक समझ रखने वाले इस अधिकारी को समय-समय पर महत्वपूर्ण पद मिलते रहे. सुनील ने राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क, उद्योग एवं निवेश विभागों में भी अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होंने नागरिक विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं. वह पांच साल तक इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं.