अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर दिल दहला देने वाले धमाके के बाद जिस आतंकी संगठन की चर्चा है, उसका नाम इस्लामिक स्टेट खुरासान है. ये सीरियो और इराक में सक्रिय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का सहयोगी संगठन है. इसने अपने नाम के जिस खुरासान इलाके के नाम को खुद से जोड़ा है, वो प्राचीन समय में मध्य एशिया का ऐतिहासिक क्षेत्र था,
खुरासान को फारसी में ख़ुरासान-ए-कहन भी कहा जाता है. प्राचीन ख़ोरासान मध्य एशिया का एक ऐतिहासिक क्षेत्र था, जिसमें आधुनिक अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पूर्वी ईरान के बहुत से भाग शामिल थे. इसमें कभी-कभी सोग़दा और आमू-पार क्षेत्र शामिल किये जाते थे. ईरान में अब भी खुरासान नाम का एक प्रांत है, जो इस ऐतिहासिक ख़ुरासान इलाक़े का केवल एक भाग है.
खुरासान राज की स्थापना आतंकी संगठन का सपना
आतंकवादी संगठन आईएस खुरासान का सपना है कि वो इस पूरे इलाके को मिलाकर फिर से खुरासान क्षेत्र को जिंदा करेगा. फिलहाल आईएस-के की सक्रियता अफगानिस्तान के ही कुछ इलाकों में है. अफगानिस्तान के दो प्रांतों पर उसने अपनी स्थिति को मजबूत बना रखा है.
क्या है फारसी में खुरासान का मतलब
मध्य फारसी में ‘ख़ुर’ का मतलब ‘सूरज’ (आधुनिक फ़ारसी में ‘ख़ुरशीद’) और ‘असान’ या ‘अयान’ का मतलब ‘आना’ होता है. ‘ख़ुरासान’ का मतलब है ‘वह जगह जहां से सूरज आता हो’ यानि ‘पूर्वी ज़मीन’. यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ख़ुरासान क्षेत्र ईरान से पूर्व में है.
फिलहाल ईरान का एक प्रांत है खुरासान
फिलहाल खुरासान ईरान के उस उत्तर- पूर्वी प्रांत का नाम है, जो उत्तर में रूसी कैस्पियन प्रदेश से सटा हुआ है. इसके पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम में अस्त्राबाद, शाहरुद, सेमनान, दमधान और यज्द के ईरानी प्रांत और दक्षिण में केरमान है.
इसका क्षेत्रफल 25,000 वर्गमील है. खुरासान का अधिकांश धरातलीय भाग पहाड़ी, मरुस्थलीय या नमकीन झील का निचला गर्त है.दक्षिण में पहाड़ी भाग की ऊंचाई 11,000 से लेकर 13,000 तक है. ये ईरान का काफी खूबसूरत इलाका है.
केसर, पिस्ता के लिए फेमस है ये
खुरासान में कुओं तथा बीच-बीच में लुप्त हो जाने वाली नदियों द्वारा सिंचित बहुत से नखलिस्तान पाए जाते हैं. ये प्रांत केसर , पिस्ता, गोंद, काष्ठफल, कंबल, खाल और नीलमणि आदि के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर लोहा , सीसा, नमक, सोना, तांबा और स्फटिक भी पाया जाता है.
‘मेशेद’ खुरासान प्रांत की राजधानी है. यह सड़क द्वारा अन्य प्रमुख नगरों से जुड़ी है.यहां से कालीन, चमड़ा तथा खाल, अफीम, इमारती लकड़ी, कपास की चीजें, सिल्क और नीलमणि का काफी निर्यात होता है.
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