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Explained: यूरोपीय देशों में महिलाओं के चेहरा ढंकने पर बैन के बीच जानें, क्या है बुर्का

यूरोप में सबसे पहले बुर्के पर बैन फ्रांस में दस साल पहले लगाया गया था- सांकेतिक फोटो (pickpik)

यूरोप में सबसे पहले बुर्के पर बैन फ्रांस में दस साल पहले लगाया गया था- सांकेतिक फोटो (pickpik)

Burqa Ban: यूरोप के कई देश लगातार मुस्लिम महिलाओं के बुर्का और निकाब (नकाब) पर पाबंदी लगा रहे हैं. वे इसे इस्लामिक कट्ट ...अधिक पढ़ें

    यूरोपीय देश एक के बाद एक बुर्के पर बैन लगा रहे हैं. फ्रांस और नीदरलैंड के बाद अब स्विटजरलैंड में भी देश की 51 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ने बुरका बैन के लिए वोट किया. बता दें कि बुर्के को लेकर यूरोप में काफी बहस हो रही है और इसे इस्लामिक कट्टरता से जोड़कर देखा जाने लगा. चेहरा ढंकने के पक्ष और विपक्ष में लंबे समय से बात होती रही है. एक ओर बहुत से देश इसपर पाबंदी लगाने की बात करने लगे हैं तो संयुक्त राष्ट्र इसपर रोक को ठीक नहीं मानता.

    सबसे पहले फ्रांस ने लगाया था बैन
    यूरोप में सबसे पहले बुर्के पर बैन फ्रांस में दस साल पहले लगाया गया था. इसके बाद कुछ और देशों ने इसे बैन किया. कई देशों में भारी विरोध के बाद भी ये लागू है. 2019 में ऑस्ट्रिया ने भी प्राइमरी स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया. जर्मनी के हेसे प्रांत में भी सिविल सेवा के कर्मचारियों के बुर्का पहनने पर पाबंदी है.

    ये हैं वो देश जहां बुर्का पर पाबंदी है
    इनमें ऑस्ट्रिया, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम, ताजकिस्तान, तंजानिया, बुल्गारिया, कैमरून, चाड, कांगो, गैबन, नीदरलैंड्स, चीन और मोरक्को शामिल हैं. यानी केवल यूरोप ही नहीं बल्कि अफ्रीकी देशों में इस तरह का बैन लगा हुआ है.

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    बहुत से देश इसपर पाबंदी लगाने की बात करने लगे हैं तो संयुक्त राष्ट्र इसपर रोक को ठीक नहीं मानता


    कैसे आतंकी उठा रहे थे बुर्के का फायदा
    ज्यादातर देशों में, जहां बुर्के पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनका कहना है कि बुर्के के आड़ में आतंकवादी अपना काम करके निकल जाते थे और पता भी नहीं लगता था कि बुर्के के अंदर कोई महिला या पुरुष. यूरोपीय देशों में कई आतंकवादी घटनाओं में ये वाकया हुआ. कई आपराधिक वारदातों में भी ये बात सामने आई कि अपराधी बुर्का पहनकर पहुंचे, जिससे उनकी जांच नही हो पाई कि बुर्के की आड़ में कौन है.

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    क्या होता है बुर्का
    बुर्का का मतलब है अपने चेहरे को खास परिधान के जरिए ढंकना, जिससे कोई उसे देख नहीं सके. मुस्लिम महिलाएं इसे पहनती हैं. इसे उनके कल्चर से जोड़कर भी देखा जाता है. बुर्के को लेकर कई देशों में तो खासे कड़े रिवाज हैं, जहां इसे पहनना अनिवार्य है. नहीं पहनने पर वो सजा की हकदार होती हैं. बुर्के भी कई रूप हैं.मसलन-अबाया, चादोर, हिजाब, जिलाब, खिमार और निकाब. अलग-अलग देशों में इसको पहनने के तरीके भी अलग हैं.

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    निकाब सारे चेहरे को कवर करता है लेकिन आंखें खुली रहती हैं- सांकेतिक फोटो (pickpik)


    क्या है हिजाब, निकाब, चादर
    हिजाब- ज्यादातर मुस्लिम स्कॉलर हिजाब के पक्ष में हैं, ये सिर और गला कवर करता है. ये कई आकार और रंगों में आता है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना सही है.

    चादोर या चादर- ये आमतौर पर काले रंग की होती है. ये शरीर की लंबाई का गारमेंट होता है. ईरान और खाड़ी के देशों में आधुनिक खयालों की महिलाएं इसे ज्यादा पहनती हैं. इसमें कोई बटन नहीं होता. इसे चादर की तरह लपेटा जाता है. इसमें चेहरा खुला रखा जा सकता है.

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    निकाब भी एक तरह का बुर्का है
    निकाब सारे चेहरे को कवर करता है लेकिन आंखें खुली रहती हैं. ये सिर के बालों को भी कवर करता है. ये आधी लंबाई का होता है यानि आधी पीठ से लेकर छाती के नीचे तक होता है.

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    बैन लगा रहे देशों के मुताबिक बुर्के के आड़ में आतंकवादी अपना काम करके निकल जाते थे- सांकेतिक फोटो (pxhere)


    क्या है अबाया
    ये वो पोशाक होती है जिसे भारत में बुर्का कहते हैं. दरअसल मिडिल ईस्ट में इसे अबाया कहा जाता है. यह एक लंबी ढकी हुई पोशाक होती है जिसे औरतें भीतर पहने किसी भी कपड़े के ऊपर डाल लेती हैं. इसमें सिर के लिए एक स्कार्फ होता है जिसमें सिर्फ बाल ढके होते हैं और चेहरा खुला होता है. अब फैशन के हिसाब से ये बहुत से रंगों का आने लगा है.

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    यूएन बुर्के पर बैन को गलत मानता है
    संयुक्त राष्ट्र ने एक साल पहले 2018 में अपनी ह्यूमन राइट्स कमेटी के जरिए बुर्का पर प्रतिबंध को गलत बताया था. उसका कहना है कि ये महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन तो है ही साथ ही धार्मिक तौर पर उनके विश्वासों को ठेस पहुंचाना भी. हालांकि दुनिया भर में बहुत से मुस्लिम स्कॉलर महिलाओं को बुर्का में रखने को सही नहीं मानते हैं. उनका कहना कि महिलाओं के लिए ऐसा करना कतई जरूरी नहीं है.

    Tags: Hijab, Islamic Law, Muslim traditions, Switzerland

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