चीन में कोरोना वायरस (Coronavirus) फैलने की शुरुआत दिसंबर, 2019 में हो गई थी. शुरुआत में सिक्योरिटी गार्ड्स ग्लव्स पहनने लगे. इसके बाद धीरे-धीरे वे फेस मास्क भी इस्तेमाल करने लगे. फिर अचानक उन्होंने चश्मे भी पहनने शुरू कर दिए. साथ ही वे थर्मल स्कैनर्स के जरिये हर आने-जाने वाले का टैम्प्रेचर भी मापने लगे. दरसल, वुहान (Wuhan) में दिसंबर में निमोनिया के कुछ मामले सामने आए. इनमें कुछ लक्षणों के बारे में डॉक्टर भी समझ नहीं पा रहे थे. ऐसे मरीजों का आइसोलेट कर इलाज किया जाने लगा. शुरुआत में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया कि दुनिया में खतरे की घंटी बजाई जाए. इस सब के 72 दिन बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैश्विक महामारी (Pandemic) घोषित किया.
संक्रमण फैलने के दौरान ही चीन में था वसंत उत्सव
CNBC के बीजिंग ब्यूरो की चीफ ई. यून हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत के समय से ही चीन में मौजूद रहकर रिपोर्टिंग कर रही थीं. हालांकि, उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर जनवरी में तब रिपोर्टिंग शुरू की, जब वहां के एक शीर्ष महामारी विशेषज्ञ ने उन्हें बताया कि ये वायरस इंसान से इंसान में फैल रहा है. ठीक इसी समय चीन में वसंत का त्योहार भी शुरू होता है. इस दौरान पूरी दुनिया में फैले हुए चीन के लोग अपने घरों को लौटते हैं. इसे चीन का नया साल माना जाता है. माना जाता है कि इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा लोग चीन की ओर लौटते हैं. यून कहती हैं कि इसी दौरान हम लोगों को लगने लगा कि ये बहुत बडी स्टोरी बनेगी.
पार्क में मास्क खिसकाते ही आ गए थे पुलिस कर्मी
यून ने कहा कि इंसान से इंसान में फैलने की पुष्टि होने के ढाई महीने में ही ये वायरस दुनिया भर में फैल चुका था और 1,25,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके थे. इस समय तक चीन में लोग संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, ग्लव्स और चश्मे लगाने लगे थे. यून याद करती है कि एक दिन एक मैं एक पार्क में थी और मैंने अपने मास्क को कुछ देर के लिए थोडा नीचे करने का सोचा. मैं सामान्य तरीके से सांस लेना चाहती थी क्योंकि मुझे मास्क में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. मैंने जैसे ही मास्क सरकाया तुरंत कई पुलिस कर्मी मेरे सामने आकर खडे हो गए और मुझे धमकाने लगे. यून ने बतौर रिपोटर और बीजिंग के निवासी महामारी के दौरान हुए अपने अनुभवों के बारे में बताया.

यून ने बताया कि चीन में लोगों पर लगातार पाबंदियों में इजाफा किया जा रहा था ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
परिवार में तीन से ज्यादा लोग होना बना मुसीबत
चीन की सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी कारोबारी गतिविधियां बंद करा दीं. साथ ही यात्रा पाबंदियां भी लागू कर दी गईं. हर जगह अधिकारी स्थानीय लोगों की ही जांच करने लगे. यून ने बताया कि महामारी के दो महीने में अपने ही करीबी क्षेत्रों में जाने के लिए अधिकारियों को अपना पासपोर्ट दिखाना पडता था. उन्होंने बीजिंग के अन्य लोगों के साथ रेजिडेंशियल आईडी कार्ड के लिए आवेदन किया. सरकार ने एक परिवार के तीन सदस्यों को ही ये कार्ड देने की पाबंदी लगा दी. यून के मुताबिक, महामारी के दौरान अगर आपके परिवार में तीन से ज्यादा लोग हैं तो वो भी आपके लिए मुसीबत ही है. बाकी लोगो को घर में ही कैद रहना होगा.
हालात सुधरने की आई रिपोर्ट, सच्चाई थी अलग
फरवरी में हालात सुधरने की रिपोर्ट के बाद भी यून को चीन में रहने और अपना काम करने में काफी मुश्किलें आ रही थीं. वह कहती हैं कि इस दौरान चीन में रहना और कुछ भी करना सामान्य नहीं रह गया था. उन्होंने बताया, 'इसी दौरान मुझे एक दिन सुबह जल्दी बाहर निकलना था. मैं जैसे ही घर के दरवाजे पर पहुंची तो देखा कि एक व्यक्ति प्रोटेक्टिव सूट पहने दरवाजे पर मौजूद था. मैं ये सब देखकर काफी असहज हो गई थी. हम सिर्फ सुन रहे थे कि हालात बेहतर हो रहे हैं. असल में ऐसा कुछ नहीं था. चीन के वाणिज्य मंत्री के मुताबिक, देश के 19 प्रांत और शहर के लोग काम पर लौट आए थे, लेकिन तब तक लोगों की आदतें और प्रोटोकॉल्स महामारी के मुताबिक ढल चुके थे. अब लग रहा है कि लोगों को सामान्य होने में लंबा वक्त लग जाएगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि संकट के समय अपनाए गए कुछ सुरक्षा मानक हमेशा के लिए जीवन का हिस्सा बन जाते हैं.
अपनाए गए कई सुरक्षा मानक कभी नहीं बदलते
एफडीए के पूर्व आयुक्त डॉ. स्कॉट गॉटलाइब ने स्क्वाक बॉक्स के कार्यक्रम में इस हफ्ते कहा था कि अमेरिका में 9/11 हमले के बाद कई तरह की सुरक्षा में इजाफा किया गया था. इनें से कुछ हमेशा के लिए बनी रहीं. हम आज जो कदम उठाते हैं, उनका असर लंबे समय तक बना रहता है. हालांकि, सुरक्षा के नजरिये से देखा जाए तो ये अच्छा ही है. यून के मुताबिक, हो सकता है कि अधिकारी प्रोटेक्टिव सूट धीरे-धीरे हटा देंगे, लेकिन लोगों के काम पर लौटने के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की उनकी आदत लंबे समय तक बनी रह सकती है. यूप के कंपाउंड में पुलिस ने लिफ्ट के सामने फर्श पर सोशल डिस्टेंसिंग मानकों के मुताबिक खडे होने के लिए टेप चिपका दिए हैं. पिछले महीने उनकी सोसायटी में लोग लिफ्ट के बटन दबाने के लिए टूथपिक लेकर चल रहे थे. यही नहीं, वे लिफ्ट में घुसने और निकलने के बाद अपने हाथ सैनेटाइज कर रहे थे.
'इस बिग स्टोरी में हर वक्त सबकुछ व्यक्तिगत ही था'
कोरोना वायरस अब बाकी दुनिया में फैल चुका है और मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है. ऐसे में सभी देश बचाव के लिए हर तरीका और मानक अपना रहे हैं. ईरान, इटली और दूसरे देशों में सैनेटेशन टीमें बहुत ज्यादा छुई जाने वाली जगहों को स्प्रे से सैनेटाइज कर रही हैं. धार्मिक स्थानों और बाजारों को सैनेटाइज किया जा रहा है. न्यूयॉर्क में सार्वजनिक वाहनों को भी सैनेटाइज किया जा रहा है. इसी बीच कोरिया सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, देश में हालात अब नियंत्रण में आ रहे हैं. वहां संक्रमित लोगों के ठीक होने की संख्या में इजाफ हो रहा है.
कोरिया ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट किया और हर जगह को सैनेटाइज किया. दक्षिण कोरिया में हर दिन 15,000 लोगों का टेस्ट किया जा रहा है. यून का कहना है कि पत्रकारों के पेशे में कई बार बडी खबरें मिलती हैं और हम उन्हें कवर करने के बाद बाहर आ जाते हैं, क्योंकि इसमें हमारा कुछ भी व्यकितगत नहीं होता है. लेकिन, कोरोना वायरस संक्रमण की इस बिग स्टोरी में हर वक्त सबकुछ व्यक्तिगत था.
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FIRST PUBLISHED : April 02, 2020, 11:37 IST