नागरिकता संशोधन कानून के विवाद के बीच क्या आपको मालूम है कि हर साल कितने भारतीय नागरिकता छोड़ते हैं. ये आंकड़े वाकई हैरान करने वाले हैं. इसके बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे.
इस संबंध में जाने माने अखबार "द हिंदू" ने एक रिपोर्ट इस साल के शुरू में छापी थी. उसकी ये रिपोर्ट राइट टू इनफार्मेशन यानी आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल पर आधारित थी.
इस रिपोर्ट का कहना है कि वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक कुल मिलाकर 290 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों की नागरिकता स्वीकार की. हालांकि ये आंकड़ा चौंकाता है. क्योंकि ये संख्या बहुत कम है. ये आंकड़ा कहता है कि 134 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश में औसतन 30-32 लोग ही हर साल अपनी भारतीय नागरिकता त्यागकर नए देश की नागरिकता लेते हैं. भारतीय जिन देशों की नागरिकता सबसे ज्यादा लेते हैं, उसमें कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, सिंगापुर और ब्रिटेन शामिल हैं.
ये है नौ सालों में नागरिकता छोड़ने वालों की तादाद
अब आइए हम आपको वो संख्या बताते हैं जो वर्ष 2010 से लेकर 2018 तक भारत नागरिकता छोड़ने की रही. ये संख्या 290 है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा भारतीयों ने देश की नागरिकता छोड़कर दूसरे देश की सिटीजनशिप ली. ये संख्या 207 की थी.
गृह मंत्रालय द्वारा आरटीआई पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2010 से लेकर 2015 तक यानी छह सालों तक किसी ने भी अपनी नागरिकता नहीं छोड़ी. वर्ष 2016 और 2017 में 19 और 60 लोगों ने ये काम किया. ये संख्या भी कोई ज्यादा नहीं कही जाएगी.

वर्ष 2010 से लेकर 2015 तक किसी भारतीय ने देश की नागरिकता नहीं छोड़ी
अब नागरिकता छोड़ने पर कारण भी बताना होगा
मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि ज्यादातर लोग आर्थिक कारणों से नागरिकता छोड़ते हैं. या तो वो रोजगार की वजह से देश से पलायन कर जाते हैं या फिर शिक्षा के लिए बाहरी देश में जाने पर भी लोग उस देश में बसना चाहते हैं.
जिन 290 लोगों ने नागरिकता छोड़ी, उन्होंने ये काम भारतीय नागरिकता कानून के वर्ष 2009 के नियम 23 के सेक्शन आठ के तहत किया. 22 अक्टूबर 2018 के बाद नागरिकता छोड़ने संबंधी कामकाज गृह मंत्रालय के पास नहीं रहे, लिहाजा उसके बाद के आंकड़े मंत्रालय के पास नहीं हैं.
वर्ष 2018 में नागरिकता छोड़ते समय इसका कारण बताने का अधिकार नागरिकों को दिया, ताकि वो सही सही बता पाएं कि वो असल में किस वजह से दूसरे देश की नागरिकता ले रहे हैं.

अमेरिका की नागरिकता छोड़ने की फीस सबसे ज्यादा है. अगर भारतीय रुपए में देखें तो ये डेढ़ लाख से ऊपर है
कितनी फीस है भारत की नागरिकता छोड़ने की
फोर्ब्स मैगजीन में प्रकाशित एक आर्टिकल के अनुसार, भारत में नागरिकता छोड़ने की फीस 175 अमेरिकी डॉलर यानी (12,444 रुपये) है. पाकिस्तान में ये फीस 150 डॉलर (10.665 रुपये) है. चीन इसके 39.33 डॉलर (2796 रुपये) लेता है. लेकिन अमेरिका में ये फीस इतनी ज्यादा है कि हैरानी हो सकती है.
अमेरिका की ये फीस दुनिया में सबसे ज्यादा है. पिछले दिनों अमेरिका ने नागरिकता छोड़ने की फीस में 422 फीसदी इजाफा करके इसे 450 डॉलर से सीधे 2350 डॉलर (167107 रुपये) कर दी. हालांकि दुनिया के बहुत से देश ऐसे भी हैं, जो इसकी कोई फीस नहीं लेते. इसमें जापान, आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
किन हालात में छोड़ सकते हैं भारत की नागरिकता
तीन ऐसी वजहें भी हैं, जिनकी वजह से भारत में किसी की भी नागरिकता जा सकती है. भारत का सिटीजनशिप एक्ट 1955 कहता है कि तीन तरीकों से आपकी नागरिकता छीनी जा सकती है. बेशक आपको भारत की नागरिकता मिली हुई हो, लेकिन ये संवैधानिक प्रावधान आपको देश के नागरिक बनने से वंचित कर देंगे. ये तीन वजहें हैं - नामंजूरी, बर्खास्तगी और अपदस्थगी.
1. नामंजूरी या अस्वीकार्यता वो स्वैच्छिक वजह है, जब किसी शख्स को किसी अन्य देश की नागरिकता मिल जाती है तो उसे भारत की नागरिकता छोड़नी होगी. अब तक भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है.
2. बर्खास्तगी - ये कानून भी यही कहता है कि अगर आपने दूसरे देश की नागरिकता हासिल कर ली तो आपकी भारतीय नागरिकता बर्खास्त कर दी जाएगी.
3. अपदस्थगी भी नागरिकता खत्म होने की वजह बन सकती है. अगर आपने पंजीकरण या दूसरे देश से आकर नागरिकता हासिल की हो तो इसे न्यूट्रलाइजेशन भी कहते हैं. इसे भारत सरकार के आदेश पर ही लागू किया जाता है. सरकार ने अगर आपकी नागरिकता रद्द करने का आदेश दे दिया तो वो चली जाएगी.
अगर आपने दूसरे देश से आकर भारत में नागरिकता लेने के लिए गलत जानकारियां दी हैं तो आपकी नागरिकता बर्खास्त हो सकती है
भारत क्यों नहीं देता दोहरी नागरिकता
भारत दोहरी नागरिकता नहीं देता. हालांकि, इसके लिए लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है. ये चर्चाएं भी रही हैं कि देर-सबेर भारत भी ऐसा कर देगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. भारत का दोहरी नागरिकता नहीं देने का तर्क हमेशा यही रहा है कि आपकी एक राष्ट्र के प्रति निष्ठा होनी चाहिए. दो राष्ट्रों के प्रति आप एक साथ निष्ठा नहीं रख सकते. इसलिए भारत दोहरी नागरिकता नहीं देता है.
अगर कोई भारतीय अपनी नागरिकता छोड़ने के बाद इसे लेना चाहे तो
अगर आपने विदेश में रहने के दौरान भारत की नागरिकता छोड़ दी है और वापस भारत लौटकर नागरिक बनना चाहते हैं तो आपके ऊपर वही नियम लागू होंगे जो नए देश में नागरिकता लेने के लिए लागू होते हैं, आपको उसी अनुसार भारत आकर पहले परमिट लेकर रहना होगा. फिर नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा.
ये भी पढ़ें :-
अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं जेपी नड्डा, संगठन में रहा है शानदार काम
जानिए किन फेमस लोगों ने छोड़ दी भारत की नागरिकता
यहां बांग्लादेशी शरणार्थी हिंदुओं का चलता है सिक्का, लोकल बिजनेस पर है कब्जा
आज ही बना था वो राज्य, जिसे भारत का स्काटलैंड कहा जाता है,अंग्रेज भी थे दीवाने
आज ही जूनागढ़ का भारत में हुआ विलय, पाकिस्तान भागकर पछताए थे रियासत के नवाब
टिकट पर 50% छूट के बाद भी अपने देश की फिल्में नहीं देख रहे पाकिस्तानी, बॉलीवुड की मांगब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: CAA, CAB protest, Citizenship Act, Citizenship bill, NPR, NRC, Passport
FIRST PUBLISHED : January 20, 2020, 18:18 IST