कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण ने दुनिया भर में लोगों की जीवनचर्या को बदलकर रख दिया है. कई देशों में अब भी लॉकडाउन (Lockdown) के हालात हैं, तो कई जगह लॉकडाउन में कुछ छूट दिए जाने के रास्ते बनाए जा रहे हैं. लेकिन, किसी भी तरह की छूट देते हुए प्राथमिकता यही है कि कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण काबू में रहे या खत्म किया जा सके. जानें दुनिया में कहां किस तरह के तरीके और तकनीकें (Unusual Tactics) अपनाई जा रही हैं.
डिजिटल इम्युनिटी कार्ड और सर्टिफिकेट
जो लोग वायरस संक्रमित (Infected) पाए गए और फिर 14 दिन के क्वारैण्टीन (Quarantine) व इलाज के बाद जो ठीक भी हुए, उनके लिए कोविड कार्ड (Covid Card) जारी करने का प्रावधान चिली (Chile) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने किया और बताया कि ये कार्ड डिजिटल इम्युनिटी (Immunity) कार्ड होंगे. वहीं, यूके (United Kingdom) पहले ही कह चुका है कि वह एंटीबॉडीज़ (Antibodies) विकसित कर लेने वाले मरीज़ों के लिए इम्युनिटी सर्टिफिकेट जारी किए जाने के विचार पर काम हो रहा है.
इस तरह के किसी कदम के बारे में अमेरिका भी सोच रहा है.
सीएनएन की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में संक्रामक रोग इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. एंथनी फॉकी ने कहा कि कुछ खास स्थितियों में इस तरह का सर्टिफिकेट जारी किए जाने पर विचार किया जा सकता है.
कई देशों ने ली ड्रोन की मदद
इटली ने मार्च के महीने में लोगों की आवाजाही पर निगरानी के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया. यूके ने भी मार्च के आखिर में लॉकडाउन लागू किया और घोषणा के बाद पुलिस ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि ड्रोन की मदद से कुछ लोगों को बाहर घूमते देखा गया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने 'महामारी ड्रोन' के उपयोग से भीड़ में छींकने वालों के साथ ही तापमान और दिल की धड़कन की दर पर नज़र रखी. दूसरी तरफ, चीन और कुवैत ने 'बोलते ड्रोन' का उपयोग कर सड़कों पर घूमने वालों को घर जाने के निर्देश दिए.

इटली में एक ड्रोन को पायलट करते हुए पुलिसकर्मी.
उम्र, लिंग और समय के हिसाब से प्रतिबंध
स्वीडन में 70 या उससे अधिक के उम्र के लोगों को सख़्ती से स्टे एट होम का पालन करने को कहा गया. वहीं, यूके में इस महीने उन युवाओं को लॉकडाउन से मुक्त रखने की मांग की गई, जो अभिभावकों या बुज़ुर्गों के साथ नहीं रहते. दूसरी ओर, पेरू में हफ्ते में तीन दिन महिलाओं का बाहर निकलना प्रतिबंधित किया गया तो तीन दिन पुरुषों का. इसी तरह, कोलंबिया में एक दिन पुरुषों को घर पर रहने को कहा गया, तो अगले दिन महिलाओं को यानी अल्टरनेट दिन वाली व्यवस्था.
यही नहीं, तुर्की में 31 क्षेत्रों में करीब तीन चौथाई आबादी के लिए केवल वीकेंड पर लॉकडाउन की व्यवस्था है. साथ ही, यहां 20 साल से कम और 65 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए लॉकडाउन पूरे हफ्ते के लिए है. वहीं, लीबिया में सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक ही लोगों को वॉक करने और इसी दौरान स्टोर्स खोले जाने की इजाज़त है.
बदल गए स्कूल के क्लासरूम
डेनमार्क में स्कूलों को पूरी तरह बदला देखा जा रहा है. 12 साल से कम उम्र के बच्चों के सभी स्कूल खोले गए हैं. क्लासरूम में बेंचों को 2 मीटर की दूरी पर रखा गया है. बच्चे स्कूल पहुंचते ही और हर दो घंटे में हाथ धोते हैं. सिंक, टॉयलेट सीट और दरवाज़ों के हैंडलों जैसी सत्हों को दिन में दो बार डिसइन्फेक्ट किया जा रहा है. वहीं, चेक गणराज्य में भी शैक्षणिक संस्थानों को क्रमबद्ध ढंग से खोला जा रहा है.

डेनमार्क की राजधानी कोपेनहैगन के एक स्कूल की बदली तस्वीर. इस कहानी की सभी तस्वीरें सीएनएन से साभार.
मलेशिया को मांगनी पड़ी माफ़ी
महिला कल्याण मंत्रालय ने ऑनलाइन कार्टून पोस्ट करते हुए महिलाओं से कहा कि लॉकडाउन के दौरान घर पर अच्छे कपड़े पहनें, मेकअप करें लेकिन ऐसा कुछ न करें कि उनके पति चिड़चिड़ाएं.
बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो सोशल मीडिया पर ऐसी हिदायत की आलोचना के बाद सरकार को माफी मांगनी पड़ी.
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FIRST PUBLISHED : April 22, 2020, 18:01 IST