इस हफ्ते की शुरूआत में मेडिकल रिसर्च पर इंडियन काउंसिल यानी आईसीएमआर (ICMR) ने स्वास्थ्य सुरक्षा (Health Care) से जुड़े कर्मचारियों और प्रसूति रोग विशेषज्ञों को 'संभावित' वर्टिकल संक्रमण (Vertical Transmission) की स्थिति को लेकर आगाह किया है और ज़रूरी सावधानियां बरतने को कहा है. आपके लिए वर्टिकल संक्रमण के बारे में ज़रूरी बातें जानना काम की बात हो सकती है.
क्या होता है वर्टिकल संक्रमण?
गर्भवती (Pregnant) मां से जब कोई संक्रमण (Infection) उसके शिशु में पहुंचता है, तो उसे वर्टिकल ट्रांसमिशन या संक्रमण कहते हैं. यह जन्म से पहले, जन्म के तुरंत बाद या कुछ समय बाद, किसी भी अवस्था में हो सकता है. यह बेहद गंभीर बात है क्योंकि नवजात (Newborn Baby) में कोरोना वायरस (Corona Virus) जैसा संक्रमण खतरनाक साबित हो सकता है और समस्या यह भी आती है कि शिशु को कब और कैसे संक्रमण हुआ, यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
अब तक एचआईवी, ज़ीका, रुबेला और हर्पीज़ वायरसों के मामले में वर्टिकल संक्रमण होने के मामले देखे जा चुके हैं. दो साल पहले ज़ीका वायरस फैलने के समय सबसे बड़ी चिंता का विषय यही था कि इस संक्रमण के चलते जन्मे बच्चों में कोई जन्मगत व्याधि होगी.
क्या हैं आईसीएमआर के निर्देश?
वर्टिकल संक्रमण को लेकर आईसीएमआर ने जो गाइडलाइन्स जारी की हैं, उनमें स्वास्थ्यकर्मियों से कहा गया है कि वह शिशु जन्म से पहले और उसके बाद जच्चा और बच्चा की ठीक देखभाल करें और संक्रामक रोग से बचाव के तमाम सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं. साथ ही, किसी संक्रमित गर्भवती से स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण न हो इसलिए डिलीवरी के वक्त खास ध्यान रखें. साथ ही, संक्रमण के मामले में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर शिशु को जन्म के तुरंत बाद आइसोलेशन में रखे जाने के निर्देश हैं.

बीते 3 अप्रैल को देश में पहली बार किसी कोविड 19 संक्रमित गर्भवती ने शिशु को जन्म दिया. प्रतीकात्मक तस्वीर.
क्यों हो रही है इस बारे में चर्चा?
वास्तव में इस तरह के दिशानिर्देशों से पहले, बीते 3 अप्रैल को देश में पहली बार एम्स में किसी कोविड 19 संक्रमित गर्भवती ने एक शिशु को जन्म दिया. शिशु को कोविड 19 निगेटिव पाया गया लेकिन उस शिशु के माता और पिता दोनों को पॉज़िटिव. शिशु के पिता को एम्स में ही रेज़िडेंट डॉक्टर के रूप में पदस्थ होना बताया गया है. इस पूरे विषय पर दुनिया भर में कई तरह की रिसर्च जारी हैं कि संक्रमित गर्भवती से शिशु में किस तरह संक्रमण फैल सकता है.
पैदाइशी कोरोना पॉज़िटिव केस
गर्भवती से शिशु में संक्रमण को लेकर स्टडी करने वाले वुहान के शोधकर्ताओं के एक समूह ने अमेरिकी मेडिकल जर्नल में लिखा कि 22 फरवरी को रेनमिन अस्पताल में एक संक्रमित गर्भवती ने जिस शिशु को जन्म दिया, उसे पैदाइशी कोविड 19 पॉज़िटिव पाया गया. यही नहीं पॉज़िटिव शिशु में वायरस के साथ एंटिबॉडीज़ का होना भी देखा गया. रिसर्च में पाया गया कि शिशु में संक्रमण यूटेरस में फैला न कि प्लैसेंटा के ज़रिये गर्भ में संक्रमण हुआ.
साथ ही, इस केस में देखा गया कि जन्म से कम से कम 23 दिन पहले ही शिशु संक्रमित हो चुका था. यही नहीं, जलन और लिवर इंजरी की शिकायत होने के कारण पाया गया कि वर्टिकल संक्रमण की संभावना को बल मिलता है. मां से शिशु को संक्रमण के और भी मामले दुनिया भर से सामने आ चुके हैं.
क्या है अमेरिका का नज़रिया?
अमेरिका के रोग निवारण केंद्र यानी सीडीसी ने वर्टिकल संक्रमण की थ्योरी को मानने में दिलचस्पी अब तक नहीं दिखाई है. सीडीसी का कहना अब भी यही है कि गर्भवती से शिशु में संक्रमण होने के प्रमाण नहीं हैं, लेकिन जन्म के तुरंत बाद शिशु संक्रमण के लिए संवेदनशील स्थिति में रहता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर आधारित इस रिपोर्ट के अंत में जानें कि सीडीसी के मुताबिक जन्म के फौरन बाद बहुत कम शिशुओं को वायरस पॉज़िटिव पाया गया है. लेकिन इन शिशुओं में संक्रमण जन्म के पहले ही हो चुका था या बाद में हुआ, यह अब तक अज्ञात है क्योंकि गर्भ की मेम्ब्रेन के द्रव, ब्रेस्ट मिल्क और मां के अन्य नमूनों में वायरस नहीं पाया गया.
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FIRST PUBLISHED : April 15, 2020, 17:54 IST