होम /न्यूज /नॉलेज /जानें कैसे होता है राज्यसभा में उपसभापति का चुनाव, क्या कहती है दलीय स्थिति

जानें कैसे होता है राज्यसभा में उपसभापति का चुनाव, क्या कहती है दलीय स्थिति

राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव आज होना है

राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव आज होना है

राज्यसभा (Raja Sabha) में उपसभापति (Deputy Chairman) का चुनाव आज ही ठीक 03.00 बजे होगा. इसमें वोट डाले जाएंगे. परिणाम भ ...अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated :

    संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर यानी आज से शुरू हो गया है. राज्यसभा में सत्र के पहले ही दिन उपसभापति का चुनाव होना है. चुनाव में एनडीए की ओर से अगर हरिवंश नारायण सिंह इस पद के उम्मीदवार हैं तो विपक्ष ने मनोज झा को उनके सामने खड़ा किया है.

    हरिवंश जेडीयू से हैं और झारखंड से ताल्लुक रखते हैं. वो झारखंड और बिहार से प्रकाशित होने वाले अखबार प्रभात खबर के संपादक रह चुके हैं तो मनोज झा आरजेडी से हैं और बिहार से हैं.

    चुनाव दोपहर तीन बजे शुरू होगा. नतीजे भी आज ही आ जाएंगे. वैसे अब राज्यसभा का आंकड़ा भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में है. ऐसे में हरिवंश को जीत में कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिए. .

    राज्यसभा में उपसभापति की जिम्मेदारी सभापति की गैरमौजूदगी में सदन को चलाने की होती है. 1952 से लेकर अब तक कई जाने-माने नेता राज्यसभा के उपसभापति रह चुके हैं, जिसमें राष्ट्रपति रह चुकीं प्रतिभा पाटिल के अलावा नजमा हेपतुल्ला शामिल हैं. देश के पहले उपसभापति एसवी कृष्णामूर्ति थे, जो दो कार्यकाल तक यानी 1952 से लेकर 62 तक इस पद पर रहे. हरिवंश खुद भी वर्ष 2018 से लेकर 2020 तक ये जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

     ये भी पढ़ें - क्या है वो UAPA कानून, जिसके तहत उमर खालिद हुए गिरफ्तार 

    सवाल - कैसे होता है राज्यसभा में उपसभापति का चुनाव?
    जवाब - राज्यसभा का उपसभापति एक संवैधानिक पद है. किसी भी राज्यसभा सांसद का नाम इस पद के लिए साथी सांसद प्रस्तावित कर सकता है. हालांकि इसमें नाम प्रस्तावित करने के साथ किसी अन्य राज्यसभा सांसद द्वारा उसका समर्थन भी जरूरी है. फिलहाल इसके लिए दो उम्मीदवार खड़े किए गए हैं, जिनके पक्ष और विपक्ष में वोट डाले जाएंगे.

    Harivansh Narayan Singh
    हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा में उप सभापति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार हैं. दलीय स्थिति के तौर पर उनकी स्थिति मजबूत लगती है.


    सवाल - इस चुनाव में वोट कौन डाल सकता है?
    राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव में वोट डालने का अधिकार राज्यसभा के सदस्यों को ही होता है. उन्हीं के वोटों के जरिए ये फैसला होता है कि वो किसको इस पद पर देखना चाहते हैं. राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए ये 20वीं बार चुनाव हो रहा है.

    सवाल - किस स्थिति में खाली होता है ये पद?
    ये पद तब खाली होता है जबकि या तो उपसभापति इस पद से इस्तीफा दे देता है या फिर उसका कार्यकाल खत्म हो जाता है. उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल 09 अप्रैल 2020 को खत्म हो गया था. इसकी वजह से ये चुनाव हो रहा है.

    Manoj-Jha
    मनोज झा आरजेडी से राज्यसभा में हैं. वो उपसभापति चुनाव में यूपीए के प्रत्याशी हैं.


    सवाल - हरिवंश राज्यसभा में उपसभापति पद पर दो साल ही कैसे रह पाए? 
    - राज्यसभा के उप सभापति का कार्यकाल छह साल का होता है मगर हरिवंश नारायण इस पद पर महज 20 महीने ही रह पाए. अप्रैल, 2020 में उनकी राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही उनका उप सभापति पद का कार्यकाल भी ख़त्म हो गया. हालांकि जेडीयू ने उनको दोबारा राज्यसभा में भेज दिया है, लेकिन उपसभापति का पद खाली हो जाने के कारण इस पर दोबारा चुनाव हो रहा है.

    ये भी पढ़ें - सबसे ज्यादा 20 डिग्रियों वाला IAS अफसर, जो 4 महीने में ही नौकरी छोड़कर बना ताकतवर मिनिस्टर

    सवाल - पिछली बार हरिवंश ने जब उपसभापति का चुनाव लड़ा था, तब क्या स्थिति थी?
    - हरिवंश ने पिछली बार वर्ष 2018 में भी उपसभापति का चुनाव एनडीए उम्मीदवार के तौर पर ही लड़ा था. तब वो 105 के मुकाबले 125 वोटों से विजयी रहे थे. वो 1952 के बाद इस पर चुने जाने वाले तीसरे गैर कांग्रेसी उपसभापति थे.

    सवाल - राज्यसभा की दलगत तस्वीर क्या है. पलड़ा किसके पक्ष में भारी है?
    - आंकड़ों की बात करें तो जेडीयू के उम्मीदवार हरिवंश की जीत तय मानी जा रही है. राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 240 है. अगर चुनाव वाले दिन सभी सदस्य वोट करते हैं तो जीतने के लिए 121 मतों की जरूरत पड़ेगी. बीजेपी के 87 सदस्यों समेत एनडीए के पास 105 सांसदों का समर्थन हासिल है.

    ये भी पढ़ें - कैसे रह पाती हैं कुछ यादें लंबे समय तक दिमाग में साफ और सुरक्षित- शोध ने बताया

    लेकिन ये तय है कि वाईएसआर कांग्रेस के 6, एआईएडीएमके के 9 और बीजू जनता दल के भी 9 सदस्य एनडीए के समर्थन में ही वोट करेंगे.

    ऐसे में हरिवंश को 129 सदस्यों का समर्थन हासिल है. वही मनोज झा के पास कांग्रेस के 40 सांसदों समेत केवल 99 सांसदों का समर्थन है. बीएसपी , टीडीपी और टीआरएस का रुख अभी साफ़ नहीं है. इन पार्टियों के कुल 12 सदस्य हैं.

    Tags: Rajya sabha, Rajya Sabha MP

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें