चमगादड़ इन दिनों काफी चर्चाओं में है. खासकर कोरोना वायरस फैलने के बाद से ये भी कहा जाता रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ से हुई है. एक अन्य शोध बताता है कि उसमें करीब 13 हजार वायरस रहते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि चमगादड़ पक्षी होते हुए भी उनसे अलग होता है.
पृथ्वी पर चमगादड़ आज से 06 करोड़ साल पहले से रह रहे हैं. साइंटिस्ट के अनुसार दुनियाभर में चमगादड़ की 2000 से ज्यादा किस्में हैं. आप कह सकते हैं कि ये पूरी दुनिया में पाया जाता है, बस केवल उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर ये नहीं होता.
चूंकि चमगादड़ के पंख होते हैं. ये उड़ता है. लिहाजा इसे बर्ड माना जाता है. लेकिन हकीकत ये है कि ये पक्षी नहीं है बल्कि उड़ने वाला जंतु है. पंख फैलाए हुए चमगादड़ों का आकार 15 सेंटीमीटर से 02 मीटर तक का होता है.
अकेला जंतु है तो उड़ सकता है
ये पक्षी नहीं होता बल्कि स्तनधारी (mammals) जंतुओं की श्रेणी में आता है. स्तनधारी प्राणी वो जंतु होते हैं जिनमें मादा बच्चे पैदा करती है और उन्हें अपने स्तनों से दूध पिलाती है. ये अकेला ऐसा जंतु है जो उड़ सकता है, जिसके पास पर होते हैं.

चमगादड़ जब सोते हैं तो उनका सिर नीचे होता है और वो अपने पिछले पैरों से टहनी को पकड़े रखते हैं
क्या होते हैं वैम्पायर चमगादड़
अधिकतर चमगादड़ कीड़े-मकौड़े खाते हैं. गर्म स्थानों पर रहने वाले चमगादड़ फल-फूल खाकर ही जिंदा रह लेते हैं. कुछ चमगादड़ ऐसे भी होते हैं जो दूसरे जानवरों का खून पीकर जिंदा रहते हैं. इनको वैम्पायर चमगादड़ ( vampire bats) कहते हैं. इन्हीं से प्रेरणा लेकर वैम्पायर फिल्म बनी थी. हालांकि लोगों में गलत धारणा है कि सभी चमगादड़ खून पीते हैं जबकि ऐसा नहीं है.
वैम्पायर चमगादड़ आदमी तक पर हमला कर देते हैं
ज्यादातर लोग इसीलिए चमगादड़ों से डरते हैं कि वो खून पीते हैं. वैसे खून पीने वाले वैम्पायर चमगादड़ कुछ बड़े आकार के होते हैं. वो 30 सेंटीमीटर तक के होते हैं. इनके दांत सुई की तरह तेज होते हैं. ये अपने इन्हीं दांतों से किसी भी जानवर की खाल में छेद कर देते हैं और अपनी जीभ की मदद से उसका खून पी लेते हैं.
ये चमगादड़ सोते हुए आदमी पर भी हमला करके उसका खून पी जाते हैं. आमतौर पर ये गाय, मुर्गा, घोड़े आदि का खून पीते हैं.

ये बडे़ आकार का डॉग वैम्पायर बैट है, जिसके खतरनाक दांत और नुकीली जीभ नजर आ रही है
कभी सीधा नहीं खड़े हो सकते
चमगादड़ की एक और खासियत होती है. आराम की स्थिति में ये पेड़ों की टहनियों से उल्टा लटक जाता है यानि उसका सिर नीचे होता है और पिछली टांगों के बल पर ये टहनी को जकड़े रहता है. चमगादड़ के अंगों की बनावट ऐसी होती है कि ये सीधा खड़ा नहीं हो सकता, लिहाजा इसे उल्टा लटकने में ही आसानी रहती है.

चमगादड़ रात में आसानी से उड़ते हैं. उसकी वजह उनसे निकलने वाली खास ध्वनियां होती हैं, जो लौटकर जब उनके पास आती हैं तो बता देती हैं कि रास्ते में कहां अवरोध है
रात में आसानी से इसलिए उड़ पाते हैं
इसकी एक और खासियत ये है कि ये रात में आसानी से उड़ सकता है. ये उच्च आवृत्ति वाली ध्वनियां पैदा करता है. जो आसपास की चीजों से टकराकर वापस लौट आती हैं, जिससे उसको अंदाज हो जाता है कि उसके मार्ग कहां रुकावट है. उसके बड़े बड़े कान इसे सुनकर इसका अंदाज लगा लेते हैं.
आमतौर पर 20 साल तक जीते हैं
सबसे बड़ी किस्म का चमगादड़ फ्लाइंग फॉक्स (flying fox) होता है. इसके शरीर की लंबाई 40 सेंटीमीटर होती है. चमगादड़ों की उम्र आमतौर पर 20 साल होती है.
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FIRST PUBLISHED : May 20, 2020, 14:02 IST