अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में कैपिटल बिल्डिंग वो जगह है, जिसे शक्ति का केंद्र समझा जाता है. यहां अमेरिका का हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव का भवन है तो सीनेट भवनों का कांपलैक्स भी. और भी सरकार से जुड़े कई अहम भवन. पहली बार यहां जिस तरह मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों ने हमला किया, वो अभूतपूर्व है. ये हिंसा अचानक नहीं हुई बल्कि करीब एक महीने से चुनावों परिणामों के बाद तनावग्रस्त होते माहौल का परिणाम है. 05 प्वाइंट्स में ये समझते हैं कि हालात यहां तक कैसे पहुंचे.
नवंबर में जबसे राष्ट्रपति पद के चुनाव परिणाम आने शुरू हुए और उसमें डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोए बाइडन को जीत मिली, उसके बाद से डोनाल्ड ट्रंप लगातार इन परिणामों को मानने से इनकार करते रहे हैं.
ट्रंप समर्थक पूरे देश में चुनाव परिणाम के विरोध में रैलियां निकाल रहे हैं. व्हाइट हाउस के सामने बुधवार को तीसरी ट्रंप समर्थक रैली निकाली गई, जो जब कैपिटल हिल्स एरिया में पहुंची तो बेकाबू हो गई हालांकि ये अंदेशा पहले से जाहिर किया जा रहा था कि इस तीसरी रैली में हिंसा हो सकती है. आइए समझते हैं कि हालात यहां तक कैसे पहुंच गए कि खुद पूरी दुनिया को ये देखकर हैरानी हो रही है.
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1. चुनाव परिणामों पर ट्रंप का रुख
चुनाव परिणाम आने के बाद से ही रिपब्लकिन पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद की हार मानने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि चुनाव में बड़े पैमाने में धांधली हुई है और डेमोक्रेट्स ने ये धांधली उन्हें हराने के लिए की है.

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल परिसर में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं. पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
2. जोड़तोड़ की कोशिश
परिणामों को बदलने के लिए उपराष्ट्रपति पेनेस और सीनेटर्स पर ट्रंप ने लगातार दवाब डाला कि वो इन परिणामों को खारिज कर दें. उपराष्ट्रपति पेनेस की इस मामले में भूमिका अहम हो जाती है लेकिन वैधानिक तौर पर ना तो वो ऐसा कर सकते हैं और ना ही सीनेटर. लिहाजा पेनेस ने साफतौर पर ट्रंप को ऐसा करने से मना कर दिया. जिससे ट्रंप उनसे बुरी तरह नाराज हैं.
3. समर्थकों के दिमाग में गलत धारणा डालने का प्रयास
ट्रंप को उनके समर्थक ऐसा शख्स मानते हैं, जो गुप्त तौर पर डेमोक्रेट्स के उन नियंत्रकों को खत्म करने में लगे हैं, जो अर्से से अमेरिका और दुनिया दोनों पर कब्जा किए हुए हैं. उन्हीं के इशारों पर दुनिया में तमाम बातें होती हैं. अगर आपने इन दिनों इंटरनेट पर ध्यान दिया हो तो वहां एक टर्म लगातार मिलेगा, जिसे क्यूनान साजिश थ्योरी कहा जा रहा है.
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जिसमें यही जा रहा है कि डेमोक्रेट्स को कंट्रोल करने वाले लोग कपटी और बालकामुक हैं. ट्रंप उन्हें खत्म करने में लगे हैं. अगर वो खत्म हो गए तो दुनिया बेहतर हो जाएगी. ट्रंप के समर्थक इस साजिश थ्योरी पर भरोसा कर रहे हैं.

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में मेयर ने 15 दिन के लिए पब्लिक इमर्जेंसी लगा दी है. मेयर म्यूरियल बॉउसर ने कहा, “कई लोग शहर में हथियारों के साथ हिंसा और तोड़फोड़ के मक़सद से आए और उन्होंने हिंसा व तोड़फोड़ की.
4. कैसे बरगलाया गया समर्थकों को
ट्रंप समर्थक रैलियों में आमतौर पर उनके दिमाग में ये बात कूट-कूटकर भरी जा रही है कि चूंकि चुनावों में डेमोक्रेट्स ने बड़े पैमाने पर धांधली की यानि वो संविधान की हत्या की है लिहाजा चुनाव परिणामों को किसी भी हालत में बदलवाना संविधान की रक्षा होगी. अपने समर्थकों को भड़काने में ट्रंप खुद पीछे नहीं हैं. ट्विटर पर उन्हें हाल ही में ऐसे तीन ट्वीट किए हैं, जिसे कैपिटल हिल्स में भड़की हिंसा को उकसाने के तौर पर देखा जा रहा है.
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5. इसलिए बेकाबू हो गए ट्रंप समर्थक
बुधवार को व्हाइट हाउस के सामने ट्रंप समर्थकों ने रैली आयोजित की और एक दिन बाद वो हजारों की संख्या में इसलिए कैपिटल बिल्डिंग पहुंचे थे ताकि कांग्रेस में रिपब्लिक सीनेटर्स को भरोसा दिलाएं कि वो ट्रंप के खिलाफ नहीं जाएं. इन समर्थकों में बडे़ पैमाने पर वो प्राइड बॉय संगठन के लोग भी हैं, जिन्हें उग्र और उत्पाती माना जाता है.
ये लोग जब कैपिटल हिल्स पहुंचे तो उन्होंने वहां बलवा शुरू कर दिया . ये लोग लगातार स्टाप द स्टील का नारा लगाते हैं यानि चुनाव में धाधली हुई है इसे खत्म करो. 06 जनवरी को सील बैलेट बॉक्स में इलैक्टोरल वोट कैपिटल बिल्डिंग पहुंचे थे. उसे भी ये समर्थक किसी भी हाल में रोकना चाहते थे.
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Tags: America, Donald Trump, Joe Biden, USA
FIRST PUBLISHED : January 07, 2021, 14:53 IST