अचानक इतने खास कैसे हो गए किर्गिस्तान के राष्ट्रपति, मोदी के शपथ ग्रहण के लिए क्यों मिला विशेष निमंत्रण!

नरेंद्र मोदी गुरुवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसमें BIMSTECH देशों के राष्ट्रध्यक्षों को खासतौर पर बुलाया गया है.
नरेंद्र मोदी गुरुवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसमें BIMSTECH देशों के राष्ट्रध्यक्षों को खासतौर पर बुलाया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: June 11, 2019, 10:34 AM IST
भारत के अगले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (30 मई, गुरुवार) पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में देश-विदेश की तमाम हस्तियों को न्योता दिया गया है. इसी में एक नया नाम तेजी से उभर कर आया है, वो है- किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनबाय जेनेबकोव. जब मोदी दोबारा पीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं, ऐसे में उनकी अगली ओथ सेरेमनी को पिछली से जोड़कर देखा जाएगा. पिछली ओथ सेरेमनी में निमंत्रण का एक खास पैटर्न था. पड़ोसियों को तरजीह दी गई. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों के राष्ट्राध्यक्ष बुलाए गए थे. इस बार भी कुछ ऐसी उम्मीद थी, लेकिन अचानक किर्गिस्तान तस्वीर में उभरा.
किर्गिस्तान के दौरे पर गई थीं विदेश मंत्री
पिछली सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लोकसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट के ठीक दो पहले किर्गिस्तान के दौरे पर गई थीं. इतना ही नहीं जब देश में लोकसभा चुनाव परिणाम आ रहे थे तब भी सुषमा स्वराज किर्गिस्तान के दौरे पर थीं. असल में सुषमा स्वराज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने गई थीं. वहां दोनों देशों के बीच व्यापार और दूसरे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई. इसके बाद किर्गिस्तान हाल के प्रमुख मित्र देशों में शामिल हो गया है.
अब भारत का करीबी है किर्गिस्तानकिर्गिस्तान को किर्गिज गणतंत्र भी कहा जाता है. यह मध्य एशिया में स्थित देश चारों तरफ जमीन और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. असल में इसकी सीमाएं उत्तर में कजाखिस्तान, पश्चिम में उज्बेकिस्तान और दक्षिण पश्चिम में ताजिकिस्तान और पूर्व में चीन से मिलती हैं. इसके अलावा यहां सोना और कई दूसरे बेशकीमती खनिज निकलते हैं. अब ये देश भारत का करीबी हो गया है. खास बात ये है कि शपथ लेने के महीने भर के भीतर मोदी इस देश के दौरे जाएंगे.

अलग से भेजा गया है निमंत्रण
सार्क देशों की तरह ही इस बार नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, भूटान और भारत देश आते हैं. लेकिन इसके अलावा दो और देशों के राष्ट्राध्यक्षों को अलग से बुलावा भेजा गया है. इनमें प्रमुख रूप से किर्गिस्तान है. असल में किर्गिस्तान जून में एससीओ समिट की मेजबानी करने जा रहा है. इसमें भारत के नए पीएम प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचेंगे.
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मॉरीशस को भी है समारोह का न्योता
किर्गिस्तान के अलावा भारत ने एक और राज्य को अलग से शपथ ग्रहण के लिए बुलावा भेजा है. वह देश है मॉरीशस. असल में इस साल जब भारत ने प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया था तो उस वक्त भारत के मुख्य अतिथि मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्ष ही रहे थे. इसलिए शपथ ग्रहण समारोह में भी मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्राविन्द जगन्नाथ को न्योता भेजा दिया गया है.
एससीओ के देशों पर इंडिया का है फोकस
अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में जाकर वहां की सरकारों के साथ कई तरह के समझौते किए. कई देशों को निवेश के लिए रिझाया. अब नई सरकार नई नीति के तहत पड़ोसी देशों और एशियाई देशों को सबसे पहले जोड़ने की पहल करती नजर आ रही है. इसी दिशा में एससीओ के शीर्ष नेताओं की बैठक में आगामी 14-15 जून को पीएम मोदी किर्गिस्तान जाकर इसमें शिरकत करेंगे.
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हालांकि बिम्सटेक देशों में पाकिस्तान भी शामिल है. लेकिन इस बार पाकिस्तानी राष्ट्राध्यक्ष को न्योता ना भेजे जाने की खबर है. जबकि 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में पाकिस्तानी पीएम को बुलाया गया था.
किर्गिस्तान के दौरे पर गई थीं विदेश मंत्री
पिछली सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लोकसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट के ठीक दो पहले किर्गिस्तान के दौरे पर गई थीं. इतना ही नहीं जब देश में लोकसभा चुनाव परिणाम आ रहे थे तब भी सुषमा स्वराज किर्गिस्तान के दौरे पर थीं. असल में सुषमा स्वराज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने गई थीं. वहां दोनों देशों के बीच व्यापार और दूसरे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई. इसके बाद किर्गिस्तान हाल के प्रमुख मित्र देशों में शामिल हो गया है.
अब भारत का करीबी है किर्गिस्तानकिर्गिस्तान को किर्गिज गणतंत्र भी कहा जाता है. यह मध्य एशिया में स्थित देश चारों तरफ जमीन और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. असल में इसकी सीमाएं उत्तर में कजाखिस्तान, पश्चिम में उज्बेकिस्तान और दक्षिण पश्चिम में ताजिकिस्तान और पूर्व में चीन से मिलती हैं. इसके अलावा यहां सोना और कई दूसरे बेशकीमती खनिज निकलते हैं. अब ये देश भारत का करीबी हो गया है. खास बात ये है कि शपथ लेने के महीने भर के भीतर मोदी इस देश के दौरे जाएंगे.

BIMSTEC देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी.
अलग से भेजा गया है निमंत्रण
सार्क देशों की तरह ही इस बार नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, भूटान और भारत देश आते हैं. लेकिन इसके अलावा दो और देशों के राष्ट्राध्यक्षों को अलग से बुलावा भेजा गया है. इनमें प्रमुख रूप से किर्गिस्तान है. असल में किर्गिस्तान जून में एससीओ समिट की मेजबानी करने जा रहा है. इसमें भारत के नए पीएम प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचेंगे.
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मॉरीशस को भी है समारोह का न्योता
किर्गिस्तान के अलावा भारत ने एक और राज्य को अलग से शपथ ग्रहण के लिए बुलावा भेजा है. वह देश है मॉरीशस. असल में इस साल जब भारत ने प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया था तो उस वक्त भारत के मुख्य अतिथि मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्ष ही रहे थे. इसलिए शपथ ग्रहण समारोह में भी मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्राविन्द जगन्नाथ को न्योता भेजा दिया गया है.
एससीओ के देशों पर इंडिया का है फोकस
अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में जाकर वहां की सरकारों के साथ कई तरह के समझौते किए. कई देशों को निवेश के लिए रिझाया. अब नई सरकार नई नीति के तहत पड़ोसी देशों और एशियाई देशों को सबसे पहले जोड़ने की पहल करती नजर आ रही है. इसी दिशा में एससीओ के शीर्ष नेताओं की बैठक में आगामी 14-15 जून को पीएम मोदी किर्गिस्तान जाकर इसमें शिरकत करेंगे.
यह भी पढ़ेंः चीन के हर दुश्मन देश के पास होंगे भारत में बने अस्त्र-शस्त्र
हालांकि बिम्सटेक देशों में पाकिस्तान भी शामिल है. लेकिन इस बार पाकिस्तानी राष्ट्राध्यक्ष को न्योता ना भेजे जाने की खबर है. जबकि 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में पाकिस्तानी पीएम को बुलाया गया था.