4 अक्टूबर 1953 की रात. कैनसस सिटी (Kansas City) के पूर्व में अमेरिकी हाईवे नंबर 40 के पास के जंगलों में कार्ल ऑस्टिन हॉल (Carl Austin Hall) भाड़े की फोर्ड को दौड़ा रहा था. वो गाड़ी को काउंटी रोड से धीमा करते हुए पुल तक ले गया था, लेकिन उसे वो मोटा सा झोला नज़र नहीं आया, जिसकी उसे उम्मीद थी. जब पास से एक कैडिलैक कार (Cadillac) गुज़री तो हॉल को खयाल आया कि वो अपनी फोर्ड की नंबर प्लेट बदलना तो भूल ही गया! डैम इट..! खुद को कोस रहे हॉल को अगले ही पल कुछ सूझा. उसने अपनी फोर्ड वापस पुल की तरफ ली. उसे वो झोला मिला, जिसे उसने तुरंत झपटकर रख लिया.
खुशी से फूला नहीं समा रहा हॉल लौटा और उसने अपनी गर्लफ्रेंड बॉनी ब्राउन हेडी को पिकअप किया. दोनों पूर्व की तरफ जा रहे थे, तभी बॉनी ने उस झोले को खोलकर देखा और दोनों खुशी से उछल पड़े. झोले में दस और बीस के नोटों में 6 लाख डॉलर रखे हुए थे. कैनसस सिटी के सबसे अमीर रॉबर्ट ग्रीनलीज़ सीनियर के 6 साल के बेटे ग्रीनलीज़ जूनियर उर्फ बॉबी की ज़िंदगी के एवज़ यह फिरौती की रकम थी, जो हॉल और बॉनी की ज़िंदगी बनाने के लिए काफी थी.
1953 यानी अबसे करीब 70 साल पहले अमेरिका में यह इतनी बड़ी रकम थी कि इससे पहले कभी किसी अपराध के दौरान फिरौती के तौर पर नहीं मांगी गई थी. आज के समय के हिसाब से देखें तो यह रकम करीब 57 लाख डॉलर के बराबर थी. इतनी बड़ी फिरौती के बाद क्या बॉबी को छोड़ दिया गया था? और उससे पहले सवाल यह था कि शहर के सबसे बड़े अमीर के बेटे बॉबी को अगवा किया कैसे गया था?
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दो क्रूर और निर्मम झूठ
फिरौती मिलने से करीब एक हफ्ते पहले से अखबारों में बॉबी के अपहरण की सुर्खियां लगातार बनी हुई थीं. इन खबरों में कहानी थी कि 28 सितंबर को बॉबी को अगवा करने के लिए उसके स्कूल पहुंची बॉनी ने खुद को उसकी आंटी बताया था और बॉबी को लालच देकर अपने साथ ले गई थी. उस समय सीसीटीवी जैसी सुविधाएं नहीं थीं इसलिए बॉनी को पहचान पाना या उसकी लोकेशन पता करना बेहद मुश्किल था.
इस झूठे भेस से बॉनी ने बॉबी को अगवा कर लिया था और फिर फिरौती के लिए जो फोन किया गया था, उसमें ग्रीनलीज़ परिवार को बार बार धमकाया गया कि 'बॉबी को ज़िंदा देखना चाहते हो, तो फिरौती देना पड़ेगी.' लेकिन ग्रीनलीज़ परिवार को यह कहां पता था कि फिरौती के बावजूद बॉबी उन्हें मिलने वाला नहीं था.

हॉल और बॉनी को मौत की सज़ा अखबारों में फ्रंट पेज की खबर बनी थी.
यह झूठ बेहद कठोर इसलिए था क्योंकि हॉल ने किडनैपिंग के बाद ही बॉबी को गोली मारकर बॉनी के घर के पीछे दफना दिया था. लगातार बॉबी के ज़िंदा होने की बात कही गई ताकि फिरौती मिल सके. फिरौती मिल चुकी थी और उधर ग्रीनलीज़ परिवार को बॉबी नहीं मिला था.
क्रूरता पर भारी पड़ी मूर्खता?
कहा जाता है कि हर मुजरिम कोई न कोई सबूत छोड़ता ही है लेकिन इस केस में जितनी क्रूरता हॉल और बॉनी दिखा चुके थे, उम्मीद थी कि वो एक कामयाब मर्डर मिस्ट्री रचेंगे, लेकिन इससे एकदम उलट दोनों की बड़ी बेवकूफियां पुलिस के लिए काफी मददगार हो गईं.
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5 अक्टूबर की अलसुबह सेंट लुइस पहुंच हॉल और बॉनी ने छककर शराब पी और नशे में बुरी तरह झगड़ पड़े. बॉनी जहां बकबक करते हुए सो गई, तो हॉल ने एक कॉल गर्ल को पिकअप किया और उसे टैक्सी से एक मोटेल में लेकर चला गया. टैक्सी और मोटेल में हॉल ने रईसी की शेखी बघारते हुए अनाप शनाप टिप्स दीं.
ये बहुत बड़ी बेवकूफ़ी थी. टैक्सी वाले ने अपने बॉस यानी एक गैंगस्टर जो कॉस्टेलो को हॉल और उसकी टिप्स के बारे में बताया. जो ने मालदार पार्टी समझकर उसे लूटने के लिए योजना बनाई और मिलीभगत वाले पुलिस अफसर लुइस को हॉल की खबर दी. 6 अक्टूबर को लुइस ने हॉल को गिरफ्तार किया, तो उसे करीब 3 लाख डॉलर की रकम हॉल के पास मिली.
लुइस की समझ में आ चुका था कि मामला कुछ बड़ा था. पुलिस स्टेशन ले जाकर जब हॉल से पूछताछ की गई तो उसने कुछ ही देर में अचानक कबूल किया कि ग्रीनलीज़ कांड को उसी ने अंजाम दिया. लेकिन पहले हॉल ने कहा था कि कत्ल उसने नहीं किया, वो कोई रहस्यमयी कातिल था. लेकिन छह दिन बाद हॉल और बॉनी दोनों ने हर गुनाह कबूल कर लिया.

अमेरिकी फेडरल कोर्ट परिसर
पूरा केस इतना हाई प्रोफाइल था और इतना निर्दयी भी कि इकबाले जुर्म के बाद सिर्फ अपराधियों को सज़ा मिलने का ही इंतज़ार था. फेडरल कोर्ट ने हॉल और बॉनी को गैस चेंबर में डालकर मौत की सज़ा सुनाई थी और दोनों को 18 दिसंबर को मौत दे दी गई थी. अब सवाल यह है कि इस केस की चर्चा क्यों?
क्या है ताज़ा मामला?
लीज़ा मोंटगोमरी ने 2004 में आठ महीने की प्रेगनेंट एक महिला को गला घोंटकर मार डाला था और फिर उसके पेट को चीरकर उसके गर्भ को अगवा करके ले गई थी. इस जघन्य हत्या और अपहरण कांड को अंजाम देने के लिए 2007 में जूरी ने लीज़ा को एकमत से मौत की सज़ा दी थी. इसके बाद अपीलों का दौर चलता रहा और आखिरकार 8 दिसंबर 2020 को लीज़ा को सज़ा देना तय था.
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चूंकि लीज़ा के वकील कोविड 19 के शिकार रहे इसलिए आखिरी वक्त की औपचारिकताएं पूरी न हो पाने से इसे सज़ा की अगली तारीख 12 जनवरी 2021 तय की गई थी. लेकिन लीज़ा की मानसिक हालत बिगड़ने और कई तरह के रोगों की शिकायत के बाद जानलेवा इंजेक्शन से दी जाने वाली मौत की सज़ा को फिर टाल दिया गया है. गौरतलब है कि लीज़ा वो महिला अपराधी है जिसे बॉनी के बाद 67 सालों में पहली बार अमेरिकी फेडरल कोर्ट से मिली सज़ा के बाद मौत दी जाना है.
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Tags: Crime story, Execution, History, United States of America
FIRST PUBLISHED : January 13, 2021, 14:12 IST