डगमगा रहा है मंगल ग्रह, कारण जानने में क्यों लगेगा सालों का समय

मंगल ग्रह (Mars) की डगमगाहट (Wobbling) का कारण पता चलने में बहुत ज्यादा समय लगेगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
मंगल ग्रह (Mars) के बारे पता चला है कि वह अपनी धुरी पर डगमगा (Wobble) रहा है और वह भी एक नियमति चक्र के तहत ऐसा हो रहा है जिसका कारण पता लगाना मुश्किल है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 3:53 PM IST
ब्रह्माण्ड (Universe) के बारे में हम जितना जानते हैं उसमें से काफी कुछ और ज्यादा अध्ययन की जरूरत दर्शाता है. वैज्ञानिक अभी और ज्यादा शक्तिशाली उपकरणों का इंतजार कर रहे हैं जिससे उन्हें सुदूर पिंडों के सटीक आंकड़े मिल सके. ताजा शोध ने ऐसी ही जरूरत पर जोर दिया है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि मंगल ग्रह (Mars) जब अपनी धुरी (Axis) पर घूमता है तब वह डगमगाता (wobbling) है. दिलचस्प बात है यह है कि वैज्ञानिकों को यह भी लगता है कि इसका कारण जानने के लिए उन्हें सालों का समय लग जाएगा.
यह खास प्रक्रिया हो रही है
वैज्ञानिक इसका कारण नहीं बता पा रहे हैं. EOS की रिपोर्ट के मुताबिक मंगल पर उन्होंने चैंड्लर वोबल ('Chandler wobble) देखा है. चैंडलर वोबल वह प्रक्रिया है जिसमें किसी भी ग्रह के ध्रुव अपनी घूर्णन की औसत धुरी से कुछ दूर खिसक जाते हैं और यह नियमित रूप से होता है.
क्या होता है चैड्लर वोबलचैंड्लर वोबल की स्थिति तब पैदा होती है जब कोई घूमने वाला पिंड आदर्श गोला नहीं होता है और असंतुलन घूर्णन को प्रभावित करती है. यह प्रक्रिया उसी तरह की है जैसे जब एक लट्टू तेजी से घूमता हुआ धीरे होने लगता है तो डगमगाने लगता है.
कितना भटक गई है मंगल की धुरी
शोधकर्ताओं ने पाया है कि मंगल ग्रह के ध्रुव अपनी घूर्णन की औसत धुरी 10 सेंटीमीटर भटक जाते हैं और यह चक्र हल 207 दिनों में फिर से दोहराया जाने लगता है. कैलीफोर्निया के पासाडेना में नासा के जेट प्रोपल्शन के एयरोस्पेस इंजीनियर एलेक्स कोनोप्लिव ने यह अध्ययन किया है जिसमें मंगल के आंतरिक भाग के बारे में नई जानकारी सामने आई है.

मंगल की आंतरिक स्थिति से संबंध
इस अध्ययन के मुताबिक मंगल के ध्रुवों को यह डगमगाने का एक चक्र पूरा करने में जितना समय लगता है उससे यह पता चलता है कि मंगल की मैटर परत कितनी विकृत हुई है. इससे वैज्ञानिकों को इस मैंटल की विशेषताएं और उसकी ऊष्मा स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकती है.
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और आंकड़ों की जरूरत
यह अध्ययन जियोफिजिकल रिसर्च लैटर्स में प्रकाशित किया गया है. इस बारे में बात करते हुए कोनोप्लिव ने बताया कि यह डगमगाहट एक बहुत ही छोटा संकेत हैं इसके बारे में सटीकता से जानकारी हासिल करने के लिए कई सालों के उच्च गुणवत्ता के आंकड़ों की जरूरत होगी.

दो यानों से चला पता
इस नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मंगल का चक्कर लगाने वाले नासा के दो अंतरिक्ष यान पर उसके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव की गणना की. मंगल का चक्कर लगा रहे मार्स ओडिसी और मार्स रिकॉनायसेंस ऑर्बिटर के 18 साल से जमा किए गए आंकड़ों से यह पता चला कि यह डगमगाहट मंगल के आंतरिक और आकार के कारणों से है ना कि किसी बाहरी कारण से.
मंगल से वापसी के लिए मीथेन को बनाया जा सकता है रॉकेट ईंधन- शोध
मंगल की यह गतिविधि अब तक खत्म हो जाना चाहिए थी, लेकिन शोधकर्ता यह अभी तक नहीं जान सके कि यह डगमगाहट अब भी कायम क्यों है. फिर भी उन्हें लगता है कि यह वायुमंडलीय दाब में बदलावों के कारण है.
यह खास प्रक्रिया हो रही है
वैज्ञानिक इसका कारण नहीं बता पा रहे हैं. EOS की रिपोर्ट के मुताबिक मंगल पर उन्होंने चैंड्लर वोबल ('Chandler wobble) देखा है. चैंडलर वोबल वह प्रक्रिया है जिसमें किसी भी ग्रह के ध्रुव अपनी घूर्णन की औसत धुरी से कुछ दूर खिसक जाते हैं और यह नियमित रूप से होता है.
क्या होता है चैड्लर वोबलचैंड्लर वोबल की स्थिति तब पैदा होती है जब कोई घूमने वाला पिंड आदर्श गोला नहीं होता है और असंतुलन घूर्णन को प्रभावित करती है. यह प्रक्रिया उसी तरह की है जैसे जब एक लट्टू तेजी से घूमता हुआ धीरे होने लगता है तो डगमगाने लगता है.
कितना भटक गई है मंगल की धुरी
शोधकर्ताओं ने पाया है कि मंगल ग्रह के ध्रुव अपनी घूर्णन की औसत धुरी 10 सेंटीमीटर भटक जाते हैं और यह चक्र हल 207 दिनों में फिर से दोहराया जाने लगता है. कैलीफोर्निया के पासाडेना में नासा के जेट प्रोपल्शन के एयरोस्पेस इंजीनियर एलेक्स कोनोप्लिव ने यह अध्ययन किया है जिसमें मंगल के आंतरिक भाग के बारे में नई जानकारी सामने आई है.

मंगल ग्रह (Mars) पिछले कुछ सालों से वैज्ञानिकों के अध्ययन का केंद्र बना हुआ है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
मंगल की आंतरिक स्थिति से संबंध
इस अध्ययन के मुताबिक मंगल के ध्रुवों को यह डगमगाने का एक चक्र पूरा करने में जितना समय लगता है उससे यह पता चलता है कि मंगल की मैटर परत कितनी विकृत हुई है. इससे वैज्ञानिकों को इस मैंटल की विशेषताएं और उसकी ऊष्मा स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी मिल सकती है.
जानिए क्या बताता है शुरुआती उल्कापिंडों में पानी के बहने का समय
और आंकड़ों की जरूरत
यह अध्ययन जियोफिजिकल रिसर्च लैटर्स में प्रकाशित किया गया है. इस बारे में बात करते हुए कोनोप्लिव ने बताया कि यह डगमगाहट एक बहुत ही छोटा संकेत हैं इसके बारे में सटीकता से जानकारी हासिल करने के लिए कई सालों के उच्च गुणवत्ता के आंकड़ों की जरूरत होगी.

मंगल ग्रह (Mars) को कई कारणों से जीवन के अनुकूल ग्रह बनने लायक माना जाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दो यानों से चला पता
इस नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने मंगल का चक्कर लगाने वाले नासा के दो अंतरिक्ष यान पर उसके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव की गणना की. मंगल का चक्कर लगा रहे मार्स ओडिसी और मार्स रिकॉनायसेंस ऑर्बिटर के 18 साल से जमा किए गए आंकड़ों से यह पता चला कि यह डगमगाहट मंगल के आंतरिक और आकार के कारणों से है ना कि किसी बाहरी कारण से.
मंगल से वापसी के लिए मीथेन को बनाया जा सकता है रॉकेट ईंधन- शोध
मंगल की यह गतिविधि अब तक खत्म हो जाना चाहिए थी, लेकिन शोधकर्ता यह अभी तक नहीं जान सके कि यह डगमगाहट अब भी कायम क्यों है. फिर भी उन्हें लगता है कि यह वायुमंडलीय दाब में बदलावों के कारण है.