नासा का आर्टिमिस 1 अभियान के 16वें दिन ओरियॉन यान (Orion Spacecraft) ने पृथ्वी की ओर रुख कर लिया है. (तस्वीर: NASA website)
नासा के आर्टिमिस 1 अभियान (Artemis Mission of NASA) को प्रक्षेपित हुए 16 दिन हो चुके हैं. अब नासा का ओरियॉन यान (Orion Spacecraft) पृथ्वी की ओर लौटने की राह पर रह है. तीन चरणों के अभियानों के पहले हिस्से का कार्यक्रम उम्मीद के पूरी तरह अनुकूल चल रहा है जिसमे पहली बार नासा के बनाए स्पेस लॉन्च सिस्टम (Space Launch System) के पहले परीक्षण के साथ ऑरियॉन यान का भी पहला परीक्षण किया जा रहा है. अभी तक दोनों ही मामलों में नासा को आशातीत सफलता मिल रही है. इससे संतुष्ट और उत्साहित हो कर नासा ने इस अभियान में 7 और अभियान जोड़ने का फैसला किया है.
कैसे छोड़ी चंद्रमा की कक्षा
16 नवंबर को शुरू हुए इस अभियान में ओरियॉन यान को चंद्रमा का एक चक्कर लगाते हुए, चंद्रमा की दूर की कक्षा को छोड़ अब पृथ्वी की ओर वापसी की राह पर निकल पड़ा है. यान ने अपनी रेट्रोग्रेड डिपार्चर बर्न को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इसमें यान ने एक मिनट 45 सेकेंड तक अपने मुख्य इंजन को चलाया गया जिससे वह चंद्रमा की कक्षा से बाहर निकल कर पृथ्वी की ओर आने लगा है.
और ज्यादा परीक्षण
नासा के एक्सप्लोरेशन सिस्टम्स विभाग के एसोसिएट प्रशासक जिम फ्री ने ट्वीट के जरिए बताया कि टीम अब अभियान में नए “ऑब्जेक्टिव” जोड़ रही है क्योंकि ओरियॉन बहुत अच्छे से काम कर रहा है. अब वैज्ञानिक यान को विन्यास 20 डिग्री ऊपर की ओर करेंगे जिससे ओरियॉन का तापीय कार्यनिष्पादन को समझा जा सके जब उसका पिछला हिस्सा सूर्य की ओर नहीं होगा.
134 उद्देश्यों में सात और
इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को आर्टिमिस 2 अभियान के लिए और ज्यादा आंकड़े जमा करने का मौका मिल सकेगा. आर्टिमिस1 के मिशन मैनेजर ने हाल ही में बताया कि अभियान के 134 उद्देश्यों में अब सात और उद्देश्य जोड़े गए हैं जबकि अभी तक 31 से ज्यादा पूरे हो चुके हैं. आर्टिमिस 1 अभियान अभी दलरहित अभियान है जिसमें ओरियॉन यान का परीक्षण सबसे प्रमुख हिस्सा है.
कुछ प्रमुख परीक्षण
इन नए उद्देश्यों में ओरियॉन के तापीय कार्यनिष्पादन के अलावा नेविगेशन सिस्टम, हीटशील्ड, और गहरे अंतरिक्ष में ओरियॉन की संपूर्ण कार्यप्रणाली के परीक्षण शामिल है जिससे आर्टिमिस 2 अभियान को भेजने से पहले किसी भी समस्या को ठीक किया जा सके. आर्टिमिस 2 अभियान बिलकुल आर्टिमिस 1 ही की तरह होगा.इसमें अंतर केवल इतना होता कि दूसरी बार चार सदस्यों का दल भी साथ जाएगा.
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स्टार ट्रेकर्स का परीक्षण
इससे पहले अभियान के 12वें दिन नासा के इंजीनियरों ने अपने जेट फायरिंग डेवेलपमेंट फ्लाइट उद्देश्य परीक्षण को पूरा किया था जिसमें अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स का प्रदर्शन शामिल था. नासा ने अपने अपडेट में बताया कि पूरे मिशन के दौरान नियोजित परीक्षण के हिस्से के रूप में, गाइडेंस, नेविगेशन, कंट्रोल ऑफिसर, जिसे जीएनसी भी कहा जाता है, के स्टार ट्रेकर्स के आठ में से छह परीक्षण हुए जिससे ओरियॉन के पूरे नेविगेशन सिस्टम को सहायता मिलती है.
क्या होते हैं ट्रैकर्स
स्टार ट्रैकर्स नेविगेशन उपकरण होते हैं जो तारों की स्थिति का पता लगाते हैं जिससे अंतरिक्ष यान के विन्यास और स्थिति का पता लग सके. इन परीक्षणों से, जिसमें ओरियॉन के पिछले हिस्से के सूर्य की ओर होने के दौरान इंजन का परीक्षण भी शामिल है, ओरियॉन को अगले चरणों में संचालित करने में आसानी हो सकेगी और इन परीक्षणों से मिले आंकड़े भी इन चरणों में बहुत उपयोगी साबित होंगे.
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आर्टिमिस अभियान का सदस्य दल रहित अभियान में ओरियॉन यान के परीक्षण के लिए ही भेजा गया है जिसके बाद एक सदस्य दल पहले अभियान के ही ओरियॉन के सफर को दोहराएगा जो साल 2023 के बाद ही पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद साल 2025 के अंत तक इस अभियान के तीसरे चरण पर अमल किया जाएगा जिसमें चांद पर पहली महिला और पहला गैरश्वेत पुरुष चंद्रमा की सतह पर भेजा जाएगा.
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