नासा के आर्टिमिस अभियान के लिए यह स्पेस सूट एक्जियोम स्पेस कंपनी ने डिजाइन किया है. (तस्वीर: NASA Axiom Space)
नासा के आर्टिमिस अभियान का पहला चरण सफल होने के बाद दूसरे चरण की तैयारी चल रही है और इसके बाद साल 2025 में नासा के अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर जाएंगे. इस अभियान के लिए नासा ने एक नए स्पेस सूट का अनावरण किया है जिसे एक्जियोम स्पेस ने विकसित किया है. वैसे तो पुराना स्पेस सूट समय के साथ परीक्षणों पर खरा उतरते हुए लंबे समय तक चला, लेकिन नया स्पेस सूट पिछले बहुत बेहतर बतया जा रहा है. यह स्पेस सूट ना केवल कई नई सुविधाओं से लैस होगा बल्कि यात्रियों को कई नई क्षमताओं से लैस भी करने का काम करेगा.
50 साल बाद चांद पर जाने वाला है इंसान
इस प्रोटोटाइप सूट का अनावरण एक समारोह में 15 मार्च को किया गया. इसे विशेष तौर पर नासा के आर्टिमिस 3 अभियान के लिए बनाया गया है जिसमें पहली महिला और पहले अश्वेत पुरुष को चंद्रमा की सतह पर भेजा जाएगा. इससे पहले आखिरी बार नासा ने ही साल 1972 में चंद्रमा पर मानव को भेजा था. उसके बाद से चंद्रमा पर अब इंसान को भेजा जा रहा है.
रंग अलग क्यों है?
इस प्रोटोटाइप की खास बात यह है कि यह उस रंग का नहीं है जिस रंग के स्पेस सूट का उपयोग आर्टिमिस यात्री करेंगे जिसका रंग सफेद होगा. इस प्रोटोटाइप स्पेस सूट का रंग अभी गहरे भूरे रंग का है, लेकिन ऊष्मीय कारणों से उसका रंग सफेद कर दिया जाएगा. इस बार नासा ने अपने आर्टिमिस अभियान के कई हिस्सों को निजी क्षेत्र के हवाले कर दिया है जिसमें स्पेस सूट का जिम्मा एक्जियोम कंपनी के पास गया था.
अमेरिका का वर्चस्व
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक बयान में कहा कि आर्टिमिस अभियान से ना केवल चंद्रमा पर फिर से इंसानों की वापसी होगी बल्कि उससे अमेरिका का अंतरिक्ष में वर्चस्व बना रहेगा. चंद्रमा पर विज्ञान के अन्वेषण और अनुसंधान में और ज्यादा से ज्यादा लोगों को अवसर मिल सकेंगे.
सूट की डिजाइन में बदलाव क्यों?
यहां गौर करने वाली बात यह है कि स्पेस शटल के युग से ही नासा के अतरिक्ष यात्री एक ही तरह का स्पेस सूट पहन रहे हैं जिनकी तकनीक मूलतः एक ही रही है. जानकारों का कहना है कि इस सूट की डिजाइन लंबे समय से हर परीक्षण में खरी उतरी है, लेकिन उसके साथ समस्या यह है कि उससे चलने फिरने की आजादी कुछ सीमित हो जाती है.
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क्यों जरूरत पड़ी ऐसे स्पेस सूट की?
इस स्पेस सूट की जरूरत नासा का इसलिए पड़ी क्योंकि आर्टिमिस अभियान में यात्री केवल कुछ घटों के लिए ही चंद्रमा पर नहीं रुकेंगे बल्कि वहां लंबे समय तक सतह पर रहकर कई जानकारी जुटाने के साथ ही कुछ प्रयोग भी करेंगे. चंद्रमा जैसे कम गुरुत्व वाली जगह पर अब यात्रियों को ऐसा स्पेस सूट चाहिए होगा जिससे वे आसानी से चल सकें, झुककर बैठ सकें और पलट सकें.
चंद्रमा के लिए खास
जहां परम्परागत स्पेस सूट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के सूक्ष्म गुरुत्व वाले माहौल में सूट आसानी से उपयोगी हो गया था क्योंकि वहां बहुत लंबे समय तक यात्रियों को इसे पहनने की जरूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन एक्जियोम एक्स्ट्रा मोबिलिटी यूनिट या AxEMU नाम के इस नए प्रोटोटाइप सूट को विशेष तौर पर चंद्रमा के हालात के लिए विकसित किया गया है.
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इस स्पेस सूट के हेलमेट में एचडी वीडियो कैमरा है जिससे यात्री जो भी देखेगा उसकी पृथ्वी पर लाइव स्ट्रीमिंग की जा सकेगी. इसके अलावा इसे पहनने का तरीका भी पिछले सूट से कुछ हट कर होगा. गौरतलब है कि एक्जियोम कंपनी का इस स्पेस सूट पर मालिकाना हक नहीं है, यह स्पेस सूट नासा का ही होगा जिसमें एक्जियोम स्पेस ने कुछ हिस्से या सुविधाएं जोड़ने का काम किया है. एक्जियोम नासा को अभियान सूट संबंधित सारे सहयोग प्रदान करता रहेगा.
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