नई दिल्ली: इस समय कोरोना वायरस (Corona virus) ने दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में तबाही मचा रखी है. इसमें अमेरिका सबसे ज्यादा नुकसान में हैं. वहां अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 8 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. वहीं नासा (NASA) का कामकाज जारी है. हाल ही में नासा ने चांद पर अपने बेस कैंप (Base Camp) के लिए मानव भेजने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है.
क्या है नासा का यह प्रस्ताव
नासा अपने आर्टिमस (Artemis) कार्यक्रम पर काम कर रहा है जिसका लक्ष्य मनुष्य को 2024 तक चांद पर पहुंचाना है. नासा ने हाल ही में अमेरिका के नेशनल स्पेस काउंसिल को दो अप्रैल को एक रिपोर्ट जमा की है. यह परिषद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए सलाहकार समूह की तरह काम करती है जिसकी अध्यक्षता उप राष्ट्रपति माइक पेन्स करते हैं.
लंबे समय तक चांद पर रुकने की योजना
नासा ने यह रिपोर्ट प्लान फॉर सस्टेंड लूनार एक्सपोरेशन एंड डेवेलपमेंट के नाम से जमा की है. इस 13 पेज रिपोर्ट में नासा ने अपनी योजना का सार लिखा है कि वह कैसे अपने 2024 के चांद पर जाने के मिशन को पूरा करेगी. इस रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी गई है कि अमेरिका चांद पर दीर्घकालिक उपस्थिति से क्या हासिल करेगा.

नासा चांद पर लंबे समय के लिए लोगों को भेजने की तैयारी कर रहा है.
नासा के मंगल अभियान के लिए मदद मिलेगी
नासा के प्रशासक जिम ब्रिडनस्टाइन ने रिपोर्ट के साथ जारी बयान में कहा, “आने वाले सालों में आर्टिमस हमारे लिए एक उत्तरी तारे की काम करेगा जब हम चांद के बारे और खोजबीन करेंगे, यह हमारे मंगल के पहले मानव अभियान के लिए मददगार साबित होगा.
चांद पर बेस कैम्प बनाने की है योजना
इस अभियान के तहत नासा की योजना चांद के साउथ पोल में आर्टिमस बेस कैम्प बनाने की है. नासा की योजना चांद और उसके आसपास कुछ शोध संबंधी गतिविधियां चलाने की हैं जहां लंबे समय तक लोग रह सकेंगे.
बेस कैम्प के लिए इन कामों की होगी प्राथमिकता
शुरुआती योजना में वैज्ञानिकों को वहां एक-दो महीने तक ठहराने की योजना है जिस दौरान वे चांद और ब्रह्माण्ड के बारे में अध्ययन करेंगे. नासा के मुताबिक दीर्घावधि में लैंडिंग पैड और रेडिएशन से बचाव की व्यवस्था के अतिरिक्त ऊर्जा, वेस्ट प्रबंधन, कम्यूनिकेशन जैसी जरूरतों पर काम होगा.

नासा की चांद पर बेस कैम्प बनाने की तैयारी है. (प्रतीकात्मक फोटो)
रिपोर्ट के मुताबिक यह बेस कैम्प अंतरिक्ष में अमेरिका के नेतृत्वकी बादशाहत का प्रतीक होगा जो आगे मानव को पहली बार मंगल पर ले जाने में मददगार साबित होगा.
क्या है नासा का मंगल के लिए अभियान
गौरतलब है नासा मंगल पर एक रोवर पहले ही भेज चुका है और अब मानव को वहां भेजने ले पहले पर्सवियरेंस नाम दूसरा रोवर भेजने की तैयारी कर रहा है जो मंगल पर उसके मानव भेजने के अभियान की तैयारी के तहत भेजा जा रहा है. यह रोवर पूरी तरह से तैयार होने को है. उसके पहिए और पैराशूट उसमें लगाए जा चुके हैं और वह अपनी एक सेल्फी भी ले चुका है.

मंगल ग्रह पर पर्सवियरेंस एक रोबोट वैज्ञानिक की तरह काम करेगा(तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है.)
कब तक तैयार करना है नासा को यह बेस
नासा की योजना 2028 चांद में अपना बेस इस तरह से तैयार करने की है जिससे वह मंगल पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पड़ाव की तरह काम करने लगे. हाल के दिनों में जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ने में लगी है नासा के शोधकार्य जारी हैं. अमेरिका में अभी तक भारत की जैसा पूरी तरह से लॉकडाउन लागू नहीं किया गया है. जहां दुनिया में बाकी ज्यादातर आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां ठप्प हैं वहीं लोगों को नासा की गतिविधियों की जानकारी लगातार मिल रही है.
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Tags: Science, Space
FIRST PUBLISHED : April 05, 2020, 20:38 IST