अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NSDS) आने वाले सालों में कई बड़े अभियानों पर काम करने जा रही है. इसमें चंद्रमा और मंगल (Mars) पर भेजे जाने वाले मानव अभियान भी शामिल हैं. हाल ही में एजेंसी ने अमेरिकी उद्योग,शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय, और लोगों से अपने डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन अभियानों (Deep Space Exploration Missions) और कार्यक्रमों की रणनीति और उद्देश्यों के लिए सुझाव मांगे हैं. इसके साथ ही नासा ने मंगल और चंद्रमा अभियानों के लिए उच्च स्तरीय उद्देश्यों की सूची भी जारी की है. इसमें उनसे मंगल अभियान की योजना के बारे में भी कुछ जानकारी भी है.
कितने दिन रुकेंगे मंगल पर
नासा के लक्ष्यों में मंगल के लिए उसका महत्वाकांक्षी मानव अभियान है. इस अभियान में दो लोग मंगल की सतह पर 30 दिन के लिए रुकेंगे. नासा ने लोगों से फीडबैक मांगा है कि उसकी योजना कैसी चल रही है. इसके लिए पूर्वनियत आखिरी तारीख को 31 मई से आगे बढ़ा कर 3 जून कर दिया गया है.
क्या आगे खिसका है अभियान
नासा ने बताया है कि उसका लक्ष्य मंगल पर जाने के लिए 2030 दशक के अंत या फिर 2040 के दशक के शुरुआत में है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि दो साल पहले ही यह लक्ष्य 2030 के दशक की शुरुआत से मध्य तक का अनुमानित किया गया था. फिर भी इस बार तो समय बताया जा रहा है उसमें माना गया रहै कि फंडिंग और तकनीकी की वजह से इस कार्यक्रम के कालक्रम में बदलाव नहीं आएगा.
गुरुत्व की विविधता
नासा के अनुसार अब भी पृथ्वी से मंगल तक जाने, वहां रुकने और फिर वापस आने में 500 दिन का ही समय लगेगा. इसके अलावा कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा. गुरुत्व की विविधता भी एक समस्या होगी. अंतरिक्ष यात्री महीनों सूक्ष्मगुरुत्व में रहकर सफर करते हुए मंगल पर पहुंचेंगे जहां उन्हें मंगल के गुरुत्व का सामना करना होगा जो पृथ्वी के गुरुत्व का एक तिहाई है.
नासा का सुझाव
नासा ने सुझाया है कि इस समस्या से निपटना का एक रास्ता यह हो सकता है कि मिशन के दौरान क्रू सदस्य दबाव वाले रोवर में ही रहें. नासा क स्पेस आर्कीटेक्चर्स के निदेशक कर्ट वोगेल ने कहा, “हम विज्ञान पर ज्यादा जोर देना चाहते हैं इसले हमें उन्हें हालात के आदी होने से पहले बाहर चहलकदमी करने पर जोर नहीं देंगे.
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अपोलो कार्यक्रम की तरह
फिलहाल नासा के इस मिशन की योजना शुरुआती चरणों में हैं और बाद में बदल भी सकती है. फिलहाल नासा ऐसे अंतरिक्ष यान के उपयोग पर विचार कर रहा है जो हाइब्रिड रॉकेट चरण हो (यानि जिसमें रासानियक और विद्युत नोदन (Propulsion) दोनों का उपयोग हो. इस अभियान में चार लोग मंगल तक लंबी यात्रा तक जाएंगे जिनमें से दो सतह पर उतरेंगे. यह अपोलो कार्यक्रम की ही तरह है जिसमें तीन यात्री जाते थे.
कुछ सामान पहले से ही
इस अभियान में करीब 25 टन का सामान पहले से ही मंगल ग्रह पर पहुंच कर क्रू सदस्यों का इंतजार करेगा जिसे पिछले रोबोटिक अभियान पहुंचाएंगे. इनमें क्रू के उतरने का यान होगा जोपहले ही से ही ईंधन से भरा होगा और यात्रियों को मंगल से वापस अपनी कक्षा में पहुंचाने का काम करेगा.
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अभी नासा ने इस अभियान के लिए सूचना के लिए मानक निवेदन औपचारिक अनुबंधों जैसे कार्य शुरू नहीं किए हैं. फिलहाल उसका ध्यान चंद्रमा के लिए आर्टिमिस अभियान पर है जिसके तहत 2025 तक चंद्रमा पर अगला पुरुष और पहली महिला चंद्रयात्री पहुंचाया जाएगा. लेकिन मंगल पर जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा. कोविड दौर के बाद से इसमें और तेजी आने की उम्मीद है.
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