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कौन हैं ब्रेन ट्रांसप्लांट की तैयारी कर रहे डॉ. सर्गियो कैनावेरो? 2017 में 'सिर प्रत्‍यारोपण' के बाद विवादों में घिरे थे

इटली के न्‍यूरासर्जन सर्गियो कैनावेरो मस्तिष्‍क प्रत्‍यारोपण के अपने दावे को लेकर फिर सुर्खियों में हैं.

इटली के न्‍यूरासर्जन सर्गियो कैनावेरो मस्तिष्‍क प्रत्‍यारोपण के अपने दावे को लेकर फिर सुर्खियों में हैं.

Brain Transplant - इटली के न्‍यूरोसर्जन डॉ. सर्गियो कैनावेरो ने 6 साल पहले हेड ट्रांसप्लांट की योजना बनाई थी. डॉ. कैनाव ...अधिक पढ़ें

Brain Transplant: इटली के एक डॉक्‍टर ने दावा किया है कि अब पूरे के पूरे इंसानी दिमाग को एक शरीर से दूसरे शरीर में ट्रांसप्लांट करना तकनीकी तौर पर व्‍यवहारिक है. इससे पहले दिसंबर 2017 में न्‍यूरोसर्जन डॉ. सर्गियो कैनावेरो ने सिर प्रत्‍यारोपण करने का दावा किया था. उस समय उन्‍होंने दो मर चुके लोगों के हेड ट्रांसप्लांट सफपतापूर्वक करने का दावा किया था. हालांकि, इस पर काफी विवाद हुआ था. डॉ. सर्गियो कभी जानवरों के सिर प्रत्‍यारोपण करने तो कभी चूहों के हेड ट्रांसप्लांट को लेकर काफी सुर्खियों में रह चुके हैं. अब वही डॉ. कैनावेरो दावा कर रहे हैं कि वह जल्‍द इंसानी दिमाग को ट्रांसप्लांट करेंगे.

न्‍यूरोसर्जन सर्गियो कैनावेरो साल 2017 में तब पूरी दुनिया में सुर्खियों में रहे थे, जब उन्‍होंने दावा किया था कि चीन की हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी में उन्‍होंने दो लोगों के हेड ट्रांसप्लांट में सफलता पाई है. तब उन्‍होंने मीडिया के सामने आकर कहा था कि मानव शवों पर पहले हेड ट्रांसप्लांट में सफलता मिल गई है. अब अगले चरण में ब्रेन डेड ऑर्गन डोनर का हेड ट्रांसप्लांट किया जाएगा. यही मेडिकल सेक्‍टर में औपचारिक हेड ट्रांसप्लांट का आखिरी चरण होगा.

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डॉ. सर्गियो कभी बंदरों, कभी चुहों और कभी इंसानी सिर को प्रत्‍या‍रोपित करने को लेकर सुर्खियों में रहे हैं. (फोटो: ShutterStock)

दावे पर जताया गया गंभीर संदेह
दुनिया के कई न्‍यूरोसाइंटिस्‍ट और मेडिकल प्रोफेशनल्‍स ने ऐसे दावे पर गंभीर संदेह जताया था. लेखक और न्यूरोसाइंटिस्ट डीन बर्नेट ने लिखा था कि हेड ट्रांसप्लांट को सफलता कहना बढ़ा-चढ़ाकर किया गया दावा कहा जा सकता है. पहले ही मर चुके लोगों पर की गई ऐसी कोई भी सर्जिकल प्रक्रिया को सफलता कहना अतिशयोक्ति है. ये हो सकता है कि डॉ. सर्गियो ने दो शवों के हेड ट्रांसप्लांट के दौरान कुछ नर्व्‍स और ब्‍लड वेसेल्‍स को जोड़ने में सफलता पा ली हो, लेकिन इसे बड़ी सफलता कहना बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना ही है. अभी हम सफल हेड ट्रांसप्लांट से कोसों दूर ही हैं.

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वॉलिंटियर ने नाम वापस लिया
डीन बर्नेट ने लिखा, ‘आप अलग-अलग दो कारों के इंजन के दो हिस्‍सों को एकसाथ वेल्‍ड कर जोड़ सकते हैं. इसे आप अपनी बड़ी सफलता कह सकते हैं. लेकिन, जैसे ही आप कार के इग्निशन में चाभी घुमाते हैं तो कार फट सकती है. इसे फिर से करने के लिए आपको अपनी पूरी प्रतिभा का इस्‍तेमाल कर कड़ी मेहनत करनी होगी.’ इसके बाद डॉ. कैनावेरो ने दावा किया कि उनके पास मांसपेशियों की गंभीर बीमारी वाला एक सब्‍जेक्‍ट है. वह बॉडी ट्रांसप्लांट के उनके परीक्षण के लिए वॉलिंटियर कर रहा है. हालांकि, 2019 में उनके सब्‍जेक्‍ट वैलेरी स्पिरिडोनोव ने बच्‍चा होने के बाद इस प्रोजेक्‍ट में शामिल होने से इनकार कर दिया.

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डॉ. सर्गियो ने मस्तिष्‍क प्रत्‍यारोपण की परियोजना को प्रोजेक्‍ट पर्सियस नाम दिया है.

लेख लिखकर किया नया दावा
डॉ. सर्गियो ने इसके बाद दावा किया कि उनके पास कई लोग हेड ट्रांसप्लांट प्रोजेक्‍ट में शामिल होने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, इसके बाद मानव, बंदर, चूहे पर हेड ट्रांसप्लांट को लेकर उनकी ओर से कोई दावा नहीं किया. दुनिया से मान लिया कि उन्‍होंने अपना हेड ट्रांसप्लांट प्रोजेक्‍ट बंद कर दिया है. लेकिन, अब डॉ. कैनावेरो ने मेडिकल जर्नल सर्जिकल न्‍यूरोलॉजी इंटरनेशनल में एक लेख लिखकर दावा किया है कि अब मस्तिष्‍क प्रत्‍यारोपण अब तकनीकी तौर पर संभव है. वह कहते हैं कि अभी ऐसी तकनीक नहीं बनी, जो बूढ़े हो चुके शरीर को फिर से सफलतापूर्वक युवा कर सके. लेकिन, एक वृद्ध शरीर के मस्तिष्‍क को युवा शरीर में प्रत्‍यर्पित किया जा सकता है.

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क्‍या है प्रोजेक्‍ट पर्सियस?
डॉ. कैनावेरो ने लिखा है कि उनके ‘प्रोजेक्ट पर्सियस’ का मकसद पुराने मस्तिष्क को एक युवा प्रतिरक्षी शरीर या नॉनसेंटेंट क्लोन में स्थानांतरित करना है. उन्‍होंने लिखा कि एक उपन्‍यास का प्‍लॉट ही तैयार किए गए क्‍लोन के शरीर के हिस्‍सों को सफलतापूर्वक प्रत्‍यारोपित करना था. इसके बाद उन्‍होंने लेख में बताया है कि वह कैसे कैसे पूर्ण मस्तिष्‍क प्रत्‍यारोपण की कोशिश करेंगे. उन्‍होंने लिखा कि प्रत्‍यारोपण के दौरान स्‍पाइनल कॉर्ड को भी घेरने वाली ड्यूरल थैली के अंदर मौजूद मस्तिष्‍क को प्रत्‍यारोपित किया जाएगा. इसके बाद डोनर और रिसीवर के शरीरों को ट्रेकियोटोमाइज़ व वेंटिलाइज़ किया जाएगा. इस दौरान उनके शरीरों को उलटा लटकाया जाएगा.

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