वैज्ञानिकों ने बाह्यग्रहों (Exoplanet) की तलाश में तीन अभूतपूर्व ग्रहों की खोज की है. ये तीन विशाल ग्रह अपने तारे के बहुत पास है. लेकिन इनमें से एक ग्रह को जल्दी ही उसका तारा निगल सकता है. नासा (NASA) के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) ने अब तक हमारे सौरमंडल से बाहर हजारों ग्रहों की खोज की है. इन तीन गैसीय विशाल ग्रहों को पहली बार देखा गया है. इनकी कक्षा बहुत ही कम समय की है लेकिन एक ग्रह ऐसा है जो ‘जल्दी’ ही अपने तारे की खुराक बनने वाला है. यह बाह्यग्रह अब तक के खोजे गए ग्रहों में सबसे जल्दी निगला जाना वाला ग्रह होगा.
एक ग्रह जल्दी बनेगा शिकार
हवाई यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी के खगोलविदों की टीम ने हाल ही में इन तीन ग्रहों को खोजा है जो खतरनाक तौर पर अपने तारे के नजदीक चक्कर लगा रहे हैं. इन तीन ग्रहों को TOI-2337b, TOI-4329b और TOI-2669b नाम दिए गए हैं. इनमें से TOI-2337b ग्रह सबसे पहले अपने तारे का 10 लाख साल बाद शिकार बनेगा, जो खगोलीय समय के लिहाज से बहुत जल्दी है.
खुलेंगे नए आयाम
इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सैमुअल ग्रनब्लैट ने बताय कि यह खोज बाह्यग्रहों के एक और पहलू के लिहाज से बहुत अहम है. वह यह है कि ग्रहों के तंत्र समय के साथ कैसे विकसित होते हैं. ये अवलोकन अपने तारे के पास वाले ग्रहों के अध्ययन के नए आयाम खोल सकेंगे. इस अध्ययन को एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए स्वीकार किया जा चुका है.
गुरु ग्रह जितने विशाल
अभी तक हमारे वैज्ञानिक और खगोलविद तारों के द्वारा ग्रह को निगलने की प्रक्रिया नहीं देख सके हैं. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि इन ग्रहों का भार गुरु ग्रह के भार का 0.5 से 1.7 गुना हो सकता है. शोधकर्ताओं उम्मीद कर रहे हैं वे टेस से ही इस तरह के हजारों ग्रह खोज सकेंगे जिससे वे यह जान सकेंगे कि कैसे ग्रह आपस में और अपने सूर्य से अंतरक्रिया कर बड़े होते हैं, तारे का चक्कर लगाते हैं अंततः उनमें मिल जाते हैं.
केक वेधशाला के अवलोकन
शोधकर्ताओं ने टेस के आंकड़ों का अध्ययन हवाई की डब्लू एम केक वेधशाला के उच्च विभेदन एश्ले स्पैक्ट्रोमीटर (HIRES) उपकरण के जरिए किया था और इन बाह्यग्रहों की उप्स्थिति की पुष्टि की थी. शोधकर्ताओं ने बताया कि इन ग्रह तंत्रों को और उनकी उत्पत्ति को समझने के लिए इन ग्रहों के केक अवलोकनों का अध्ययन करना जरूरी था. इनसे हमें अपने ही सौरमंडल के अंत के बारे में पता चल सकेगा.
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आकार और घनत्व
अध्ययन में बताया गया है कि ये ग्रह गुरु के आकार से थोड़े छोटे से लेकर 1.6 गुना तक बड़े हैं. इनका धनत्व भी काफी अलग अलग है. ये कॉर्क के घनत्व से लेकर पानी से तीन गुना ज्यादा घनत्व वाले ग्रह हैं. इस तरह के अध्ययन ग्रह तंत्रों के भूत वर्तमान और भविष्य की काफी जानकारी दे सकते हैं और हमें ब्रह्माण्ड में अन्यत्र जीवन के और करीब ले जा सकते हैं.
कैसे होगा टकराव या विलय
अभी तक का विश्लेषण बताता है कि यह ग्रह अपने तारे के विकास के साथ सर्पिल आकार में उसमें समाते जाएंगे. ऐसा तारे के जीवन के अंतिम 10 प्रतिशत वाले हिस्से में होगा. यह प्रक्रिया ग्रहों को गर्म भी कर देगी जिससे उनका वायुमडंल उड़ जाएगा. लेकिन इससे ग्रह तारे के पास भी आते जाएंगे जिससे उनके टकराने की संभावना बढ़ती जाएगी. इससे उनका पूरा ग्रह तंत्र अस्थिर हो सकता है.
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शोधकर्ताओं ने कहा कि भविष्य में अब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के भी नए आंकड़े मिल सकेंगे जो नए खोजे गए ग्रहों के बारे में और ज्यादा जानकारी दे सकेंगे. अभी तक जितने भी टेलीस्कोप से अध्ययन हुए हैं वे बाह्यग्रहों के वायुमंडल के बारे में अधिक जानकारी नहीं दे सके हैं. लेकिन जेम्स वेब टेलीस्कोप उनके वायुमंडल की विस्तार से जानकारी दे सकता है.
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