कोरोना की नई लहर, वैक्सीन के असर पर शक: जानिये ब्रिटेन के कोविड स्ट्रेन के बारे में सबकुछ

देश में बढ़ रहा है ब्रिटेन के कोरोना वायरस वैरिएंट का खतरा. (File pic)
Coronavirus: ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का यह नया रूप पहले वाले असल रूप से 30 फीसदी से 70 फीसदी तक अधिक तेजी से फैल सकता है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 24, 2021, 4:12 PM IST
नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) एक बार फिर चरम पर पहुंच रहा है. रोजाना नए मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है. इस बीच पंजाब से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. दरअसल पंजाब सरकार ने राज्य में 401 सैंपल लिए थे और उन्हें ब्रिटेन के कोरोना स्ट्रेन (UK Corona Strain) की संभावित पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा था. अब इन 401 सैंपल में से 81 फीसदी सैंपल में ब्रिटेन का कोरोना स्ट्रेन पाया गया है. इससे चिंता और बढ़ गई है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का यह नया रूप पहले वाले असल रूप से 30 फीसदी से 70 फीसदी तक अधिक तेजी से फैल सकता है. वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी कहा था कि नए कोरोना वायरस का रूप शुरुआती जांच में अधिक जानलेवा पाया गया है.
विशेषज्ञों के अनुसार ब्रिटेन के इस कोरोना वायरस वैरिएंट के करीब 20 म्यूटेशन हैं. यानी कि यह 20 अलग-अलग रूपों में है, जो इंसान के शरीर में जाकर कोशिकाओं को प्रभावित करता है. मीडिया रिपोर्ट में स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रूज के संक्रामक रोग विशेषज्ञ का कहना है कि ये म्यूटेशन कोरोना वायरस को तेजी और आसानी से फैलने के लायक बना देते हैं.
ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के स्ट्रेन को बी.1.1.7 नाम दिया गया है. ऐसा इसकी आणविक संरचना के कारण हुआ है. ब्रिटेन की सरकार की ओर से किए गए अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञों का दावा है कि यह नया स्ट्रेन अधिक जानलेवा है.भारत में ब्रिटेन के नए कोरोना वायरस स्ट्रेन को 29 दिसंबर, 2020 को छह लोगों में पाया गया था. ये सभी ब्रिटेन से लौटे थे. देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बीच मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के कोरोना वैरिएंट के अब तक कुल 795 मामले सामने आ चुके हैं. 18 मार्च को यह संख्या 400 थी लेकिन इसके म्यूटेशन के कारण अब यह संख्या 700 से पार चली गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अब तक तीन देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिले हैं. इनमें ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील शामिल हैं. लेकिन इनमें से ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का कोरोना वायरस वैरिएंट इतना खतरनाक है कि ये उन लोगों को भी दोबारा हो सकता है जो इससे पहले संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं.
अब तक 45 देशों में ब्रिटेन का कोरोना वायरस वैरिएंट पाया जा चुका है. वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि आने वाले कुछ हफ्तों में इस वैरिएंट से कई और देश प्रभावित हो सकते हैं. अब तक 13 ऐसे देश है जहां ब्रिटेन के कोरोना वायरस वैरिएंट का कम्युनिटी ट्रांसमिशन फैल चुका है. विशेषज्ञों के अनुसार यह वैरिएंट असल वैरिएंट से 56 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है.

हालांकि भारत की कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सिन, जो कि कोविड 19 के खिलाफ प्रभावी है, वो ब्रिटेन के नए कोरोना वायरस वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हो सकती है. ऐसा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक रिसर्च में पता चला है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का यह नया रूप पहले वाले असल रूप से 30 फीसदी से 70 फीसदी तक अधिक तेजी से फैल सकता है. वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी कहा था कि नए कोरोना वायरस का रूप शुरुआती जांच में अधिक जानलेवा पाया गया है.
विशेषज्ञों के अनुसार ब्रिटेन के इस कोरोना वायरस वैरिएंट के करीब 20 म्यूटेशन हैं. यानी कि यह 20 अलग-अलग रूपों में है, जो इंसान के शरीर में जाकर कोशिकाओं को प्रभावित करता है. मीडिया रिपोर्ट में स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रूज के संक्रामक रोग विशेषज्ञ का कहना है कि ये म्यूटेशन कोरोना वायरस को तेजी और आसानी से फैलने के लायक बना देते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अब तक तीन देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिले हैं. इनमें ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील शामिल हैं. लेकिन इनमें से ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का कोरोना वायरस वैरिएंट इतना खतरनाक है कि ये उन लोगों को भी दोबारा हो सकता है जो इससे पहले संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं.
अब तक 45 देशों में ब्रिटेन का कोरोना वायरस वैरिएंट पाया जा चुका है. वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि आने वाले कुछ हफ्तों में इस वैरिएंट से कई और देश प्रभावित हो सकते हैं. अब तक 13 ऐसे देश है जहां ब्रिटेन के कोरोना वायरस वैरिएंट का कम्युनिटी ट्रांसमिशन फैल चुका है. विशेषज्ञों के अनुसार यह वैरिएंट असल वैरिएंट से 56 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है.
हालांकि भारत की कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सिन, जो कि कोविड 19 के खिलाफ प्रभावी है, वो ब्रिटेन के नए कोरोना वायरस वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हो सकती है. ऐसा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक रिसर्च में पता चला है.