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इस्लाम की उत्पति से पहले बनी ये कंपनी, आज भी करती है कारोबार, यूं ही सबसे अमीर नहीं हैं ये लोग

मंदिर बनाने का काम करने वाली ये कंपनी 578 ईसी में बनी थी.

मंदिर बनाने का काम करने वाली ये कंपनी 578 ईसी में बनी थी.

किसी के भी देश या समुदाय की आर्थिक प्रगति वहां लोगों में बिजनेस की संस्कृति से तय होती है. केवल सरकारी नौकरी की बदौलत क ...अधिक पढ़ें

सरकारी नौकरी या बाबू संस्कृति से किसी समाज का आर्थिक विकास नहीं हो सकता. यह बात पूरी दुनिया पर लागू होती है. आज की तारीख में दुनिया के जितने भी विकसित राष्ट्र हैं उनका इतिहास खंगालें तो आपको पता चलेगा कि उनके खून में कारोबार की संस्कृति रही है. ये राष्ट्र कोई एक दिन में अमीर नहीं बन गए. आज एक ऐसे ही देश की बात हो रही है जो दुनिया में आज की तारीख से एक सबसे विकसित राष्ट्र है. विकसित का मतलब केवल पैसे से नहीं, बल्कि मानव विकास सूचकांक के हर एक पैरामीटर पर यह देश अव्वल है. इस देश के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा जीने वाले लोगों में शामिल हैं. यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में सबसे बेहतरीन है. विज्ञान और तकनीक के मामले में ये दुनिया से 50 साल आगे हैं.

आप इस देश की अव्वलता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसने आज से करीब 1450 साल पहले दुनिया की सबसे पहली कंपनी बनाई थी. यह कंपनी आज भी कारोबार कर रही है. इस बात को आप इस तरह समझ सकते हैं कि इस कंपनी की जब स्थापना हुई तब इस दुनिया में इस्लाम का कोई नामोनिशान नहीं था. इस्लाम की उत्पति की तारीख 630 ईसवी है. ईसाई धर्म को मानने वाले भी गिने-चुने लोग थे. उस वक्त दुनिया में बौद्ध धर्म का प्रभाव सबसे ज्यादा था.

हर 38 आदमी पर एक कॉरपोरेट कंपनी
हम आज से 1450 पहले के जिस देश के बारे में बात कर रहे हैं उसका नाम जापान है. आज आर्थिक रूप से जापान दुनिया का एक सबसे ताकतवर देश है. यहां की प्रति व्यक्ति आय 44,570 डॉलर यानी करीब 36.60 लाख रुपये सालाना है. वहीं भारत में प्रति व्यक्ति आय केवल 7,130 डॉलर है. अमेरिका में प्रति व्यक्ति आय जरूर 70 हजार डॉलर से अधिक है. जहां तक जापान में कारोबार की संस्कृति की बात है तो यह दुनिया का संभवतः सबसे अव्वल देश है. वेबसाइट स्टैटिस्टा (Statista) डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में जापान में करीब 33 लाख कंपनियां रजिस्टर थीं. भारत के मामले में यह आंकड़ा केवल 14 लाख का है. अमेरिका की बात करें तो वहां करीब 77 लाख कंपनियां काम कर रही हैं. आबादी के हिसाब से आंकड़ें बैठाएं तो जापान में हर 38 आदमी पर एक कॉरपोरेट कंपनी है.

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करीब 1450 साल पहले आज के जापान में दुनिया की सबसे पहली कंपनी की नीव पड़ी. उस कंपनी का नाम है कोंगो गुमी (Kongo Gumi). यह अपनी स्थापना यानी 578 ईसी से लगातार कारोबार कर रही है. इसका मुख्यालय जापान के ओसाका शहर में है. इस कंपनी का काम दुनिया में बौद्ध मंदिरों की स्थापना करना था. यह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी थी और आज भी कंस्ट्रक्शन का ही काम करती है. वर्ष 2006 में इस कंपनी की आर्थिक सेहत थोड़ी गड़बड़ा गई और इसका ताकामास्तु समूह ने अधिग्रहण कर लिया. इससे पहले यानी करीब 1400 सालों तक एक ही परिवार ने इस कंपनी का संचालन किया. 2006 में इस कंपनी का करीब 600 करोड़ रुपये का कारोबार था.

ऐसे पड़ी कोंगो गुमी की नींव
वर्ष 578 में शाही परिवार के आमंत्रण पर कोरिया के एक व्यक्ति शिगेमित्सु कोंगो ने जापान की यात्रा की. जापान के राजा ने उनको बौद्ध मंदिर बनाने का काम सौंपा. कोंगो ने इसे अवसर मानते हुए बढ़ई और अन्य कामगारों को एकजुट कर एक कंपनी बना ली. दरअसल, उस वक्त जापान के लोग मंदिर बनाने में दक्ष नहीं थे. इसलिए उन्होंने कोरियाई लोगों को इस काम के लिए न्योता दिया. जापान में उस वक्त बौद्ध धर्म का तेजी से प्रसार हो रहा था. इस तरह कोंगो गुमी नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी की नींव पड़ी जो 1482 सालों तक चली. इसके बाद इस कंपनी का ताकामास्तु समूह ने अधिग्रहण कर लिया और वह अब इस समूह की एक सहायक कंपनी बन गई है.

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सभी 5 सबसे पुरानी कंपनियां जापान की
जापान में कारोबार की संस्कृति का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इसी देश में दुनिया की सभी पांच सबसे पुरानी कंपनियों भी स्थापित हुई थीं. वर्ष 578 में कोंगो गुमी की स्थापना के बाद 705 में निशियाम ओनसेन केइयूंकन, 717 में कोमन जापान होटल और 718 में होशी रयोकान जापान होटल की स्थापना हुई. ये तीनों कंपनियां होटल कारोबार से जुड़ी थीं. दुनिया की 5वीं सबसे पुरानी कंपनी का नाम गेंडा शिग्यो है जिसकी स्थापना 771 में हुई और यह पेपर गुड्स बनाने वाली कंपनी थी.

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भारत की सबसे पुरानी कंपनी होने का रुतबा वाडिया समूह के पास है. इस समूह की स्थापना मुगल काल में यानी 1736 ईसवी में किया गया था. यह समूह आज भी कारोबार कर रही है और इस समूह की कई फ्लैगशिप कंपनियां हैं. इस समूह की कंपनियों में सबसे अहम नाम ब्रिटेनिया इंडस्ट्रीज, बांबे डाइंग, बांबे बर्मन ट्रेडिंग कंपनी हैं. इस समूह के चेयरमैन नुस्ली वाडिया हैं. इस परिवार में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी डिना जिन्ना ब्याही गई थी. वह नुस्ली वाडिया की मां थीं.

Tags: Company, Japan, Ness Wadia

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