सांकेतिक फोटो.
बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के बीच देश के विभिन्न राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन की कमी (medical oxygen shortage) की शिकायतें आ रही हैं. मरीजों के इसकी कमी से दम तोड़ने जैसे खबरें झकझोर रही हैं. वैसे तो वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन ही सांस लेने के लिए पर्याप्त है लेकिन कोरोना संक्रमण गंभीर होने पर फेफड़ों पर असर होता है, जिससे हवा में मौजूद ऑक्सीजन की बजाए मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत होती है. अब ऑक्सीजन के विकल्पों पर बात हो रही है.
किन्हें चाहिए मेडिकल ऑक्सीजन
सबसे पहले तो जानते हैं कि किन्हें ऑक्सीजन की जरूरत होती या हो सकती है. इनमें अस्थमा, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस, कन्जेस्टिन हार्ट फेल, सिस्टिक फाइब्रोसिस, लंग कैंसर, निमोनिया, पल्मोनरी फाइब्रोसिस या स्लीप एप्निया जैसी बीमारियां शामिल हैं.
कितनी ऑक्सीजन ली जानी चाहिए
ये डॉक्टर तय करता है कि किसी बीमारी के मरीज को हर मिनट कितनी ऑक्सीजन की जरूरत, कब होती है. कई लोगों को सोने के दौरान ऑक्सीजन थैरेपी चाहिए होती है, जैसे स्लीप एप्निया के मरीज को, जिसकी सांस सोते हुए बाधित रहती है. कईयों को व्यायाम करते हुए इसकी जरूरत होती है, वहीं कई लोग चौबीसों घंटे ऑक्सीजन पर रखे जाते हैं.
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कैसी होती है स्टैंडर्ड ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
इस बीच ऑक्सीजन सिलेंडर के विकल्पों पर भी बात हो रही है, मिसाल के तौर पर ऑक्सजीन कंसन्ट्रेटर. इसे स्टैंडर्ड ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर (Standard oxygen concentrator) भी कहा जाता है. इस मशीन में मोटर होती है और ये बिजली से चलती है. या फिर इसे बैटरी से भी चलाया जा सकता है. ये हवा से ऑक्सीजन लेती है और बाकी गैसों को बाहर निकाल देती है. मशीन लगभग 50 पाउंड वजनी है और चलाने के लिए इसमें नीचे की ओर चक्के लगे होते हैं.
चाहिए कौन से उपकरण
ये कंसन्ट्रेटर ठीक ऑक्सीजन सिलेंडर की तर्ज पर काम करते हैं और नाक के केनुला या मास्क की मदद से मरीज को सीधे ऑक्सीजन दी जा सकती है. हालांकि जहां ऑक्सीजन सिलेंडर में एक नियत मात्रा में ऑक्सीजन होती है, वहीं कंसन्ट्रेटर में लगातार हवा के जरिए ऑक्सीजन तैयार करके, तब मरीज को दी जा सकती है. अगर बिजली चली जाए और मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत हो तो इसे बैटरी से भी भरा जा सकता है.
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पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
एक अन्य मशीन होती है, जिसे पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर (Portable oxygen concentrator) कहते हैं. ये तब काफी बढ़िया चॉइस है, जब आपको कोई काम करना हो और इसे कैरी भी करना हो. इसका वजन 3 से 20 पाउंड तक होता है, जिससे ये उठाया जा सके. कई मॉडल ऐसे भी आ रहे हैं, जिसे कार में प्लग-इन करके चार्ज किया जा सके. ऐसे में घर से बाहर रहते हुए भी ऑक्सीजन दी या ली जा सकेगी.
जहां एक ओर ऑक्सीजन लेने के लिए ये विकल्प हैं तो ऑक्सीजन को मरीज के शरीर तक ले जाने के लिए भी कुछ चीजें चाहिए.
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Tags: Coronavirus Cases In India, Medical oxygen, Research on corona
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