पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) में पीने के पानी की भारी किल्लत ने वहां के लोगों की की मुसीबतों को बढ़ा दिया है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)
इन दिनों पाकिस्तान (Pakistan) में बिजली की समस्या सुर्खियों में हैं. यह समस्या पाकिस्तान के आर्थिक संकट (Economic crisis in Pakistan) के दौर के बीच आई है जिससे पाकिस्तान में हड़कम्प मचा हुआ है. लेकिन पाकिस्तान इन दिनों बहुत सारी समस्याओं से एक साथ जूझ रहा है जिसमें आर्थिक समस्या सबसे प्रमुख है. इसके अलावा उत्तर पश्चिमी सीमांत इलाकों में तालिबानी आतंकवाद के कारण उसके अफगानिस्तान के तालिबान से संबंध खराब हो रहे हैं तो वही बलूचिस्तान में पीने के पानी का संकट (Drinking water problem in Baluchistan) अभी से गहरा गया है.
एक साथ कई मुसीबतें
पाकिस्तान की समस्याओं में हाल में बिजली के ग्रिड फेल होने के अलावा खाने की समस्या और महंगाई के कारण ज्यादा परेशानियां देखने को मिल रही हैं. यह समस्याएं जल्दी खत्म हो जाएंगी इसकी गुंजाइश कम ही लगती है इसके साथ ही बलूचिस्तान में पानी की बहुत ही ज्यादा किल्लत ने मुसीबतों को गहरा दिया है.
संकट की वजह खराब रखरखाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस नई समस्या की वजह बलूचिस्तान के पानी साफ करने वाले फिल्टरेशन प्लांट में खराबी आने की वजह से पैदा हुई है जिनका रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है. इलाके के ही एक सिविल सोसाइटी के सदस्य का कहना है कि अब बूलचिस्तान के केवल 25 फीसद लोगों के पास ही साफ पीने के पानी तक पहुंच रह गई है.
एक महीने का वक्त
लोगों को सरकार से अपील करनी पड़ी है कि वे पानी साफ करने वाले संयंत्रों को जल्द से जल्द ठीक कर उन्हें बहाल करे जिससे वे साफ पीने का पानी हासिल कर सकें. इससे पहले बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अब्दुल कद्दस ने जिम्मेदार संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वे सभी बंद पड़े संयंत्रों को सुधार कर उन्हें एक महीने के भीतर बहाल करें.
सिंध में भी है पानी की समस्या
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान में इस तरह से पानी की किल्लत का सामाना हो रहा है. इससे पहले सिंध प्रांत में भी कई तरह के रैलियां और विरोध प्रदर्शन पानी की किल्लतों की वजह से ही देखने को मिले हैं. इन रैलियों को संबोधित करने वाले नेताओं का आरोप है कि यह सब पंजाब प्रांत की वजह से हुआ है जहां सिंधु नदी को सुखाने की साजिश की जा रही है.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की प्रमुख गैर नाटो साथी का दर्जा खत्म करने का क्यों हो रही है कोशिश?
पंजाब पर आरोप
पंजाब प्रांत पर इस तरह के आरोप लगाने वाले नेताओं का कहना है कि पंजाब की सरकार ने 1991 में हुए पानी के वितरण को लेकर हुए समझौते का कभी पालन नहीं किया. विरोधियों ने यहां तक कहा है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से जुड़े अमीरों को तो सिंध में हमेशा ही बेरोकटोक पानी मिलता रहा है, बिना किसी सियासी असर या रसूख वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
पंजाब में भी पहले से है किल्लत
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी पानी की कमी की बड़ी समस्या है. हकीकत यह है कि पाकिस्तान का पंजाब प्रांत भी 75 फीसद पानी की कमी का समाना कर रहा है. पंजाब प्रांत ने अपनी जरूरत की 127800 क्यूसेक पानी के विपरीत केवल 53100 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की थी. जबकि पिछले साल ही पाकिस्तान ने पंजाब और सिंध इलाकों ने ही भीषण और अभूतपूर्व बाढ़ का सामाना किया था.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के दो प्रातों की विधानसभा भंग कर आखिर चाहते क्या हैं इमरान खान?
बलूचिस्तान के प्रशासन का कहना है कि वहां के पानी साफ करने के संयंत्रों को एक महीने के भीतर ठीक कर लिया जाएगा. बलूचिस्तान में हर जिले में पानी साफ करने के संयंत्र लगे हैं. लेकिन रखरखाव में लापरवाही ने इस समस्या को पैदा कर दिया है. बलूचिस्तान में यह संकट ऐसे समय में पैदा हुआ है जब पाकिस्तान पहले से ही महंगाई की चपेट में हैं जिसकी वजह से पेट्रोल, आटा, चावल, शक्कर जैसी जरूरी खाने के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं. कुछ सब्जियों के दामों में तो 500 फीसद का इजाफा देखने को मिला है. ऊपर से बिजली संकट ने पाकिस्तानियों के लिए एक और नई मुसीबत खड़ी कर दी है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|