बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar assembly election) की मतगणना जारी है. रुझानों के मुताबिक राज्य में फिर से एक बार नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार बना सकती है. वैसे कई जगहों पर आरजेडी इसे कांटे की टक्कर दे रही है. इस बीच ये भी दिख रहा है कि बिहार में वोटों की काउंटिंग लेट हो रही है, जबकि अमूमन दोपहर तक ही नतीजे लगभग सामने आ जाते हैं.
वोट काउंटिंग में समय लगने के पीछे एक बड़ा कारण कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव है. दरअसल चुनाव महामारी के दौरान ही हुए. इस दौरान संक्रमण का खतरा कम से कम करने के लिए कई इंतजाम किए गए. राज्य में करीब 7.3 करोड़ मतदाताओं में से 57.09 प्रतिशत लोग वोट के लिए गए थे. इनमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाई गई थी और अब काउंटिंग में भी इसी कारण समय लग रहा है.

सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाई गई थी- सांकेतिक फोटो
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक चुनाव आयोग ने हर बूथ पर अधिकतम लोगों की संख्या 1000 कर दी थी. अब ज्यादा पोलिंग बूथ होने का साफ मतलब है कि ईवीएम की संख्या भी बढ़ेगी. पहले 73 हजार पोलिंग स्टेशन की काउंटिंग होती थी इस बार 34 हजार पोलिंग स्टेशन ज्यादा हैं. यानी लगभग 1 लाख 6 हजार पोलिंगि स्टेशन हैं. इसी वजह से वोटों की गणना में समय लग रहा है.
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ये देरी इतनी लंबी रही कि दोपहर तक भी लगभग 10 प्रतिशत वोटों की काउंटिंग हो सकी. ये भी एक वजह है कि हार रही पार्टियों को उम्मीद बंधी हुई है कि कई जगहों पर काउंटिंग पूरी होने में 30 से 35 राउंड भी लग सकते हैं. ऐसे में उनकी जीत की संभावना भी बन सकती है.
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यहां बता दें इस बार किसी भी विधानसभा सीट पर रिजल्ट घोषित करने से पहले कम से कम 19 राउंड गिनती होगी और बड़ी सीटों पर 50 के लगभग काउंट भी जा सकता है. चुनाव आयोग के अनुसार किसी भी सीट पर विजेता का पता लगने के लिए इस बार करीब 35 सीटों तक की गणना देखी जाएगी. इससे पहले के रुझान अस्पष्ट हो सकते हैं. इस बात की पिछले चुनावों से तुलना की जाए तो दिखता है कि पहले 26 राउंड की गणना के दौरान ही विजेता चेहरा साफ हो जाया करता था.

सोशल डिस्टेंसिंग तय करने के लिए बढ़े मतगणना केंद्र बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को अस्पष्ट रखे हुए हैं- सांकेतिक फोटो
कुल मिलाकर सोशल डिस्टेंसिंग तय करने के लिए बढ़े मतगणना केंद्र बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को अस्पष्ट रखे हुए हैं. इस बीच हालांकि नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी करते दिखे. जैसे आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार वोट काउंटिंग की प्रक्रिया धीमी करवा रहे हैं. उनके मुताबिक इससे नीतीश की हार बस लंबी खिंच सकेगी, और कुछ नहीं होगा.
वैसे देश में स्थानीय स्तर पर ही नहीं, अमेरिका जैसे देश में भी वोट काउंटिंग की प्रक्रिया और उसकी रफ्तार पर बात होती रही है. जैसे अमेरिका में 3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि डेमोक्रेट्स जान-बूझकर काउंटिंग की प्रक्रिया धीमी करवा रहे हैं ताकि छेड़छाड़ का मौका मिल जाए. पोस्टल बैलेट पर भी उन्होंने सवाल उठाए थे.
यहां तक कि ट्रंप ने उसी रात तक काउंटिंग पूरी करवा डालने के लिए भी धमकाया था. उनका कहना था कि अगले रोज से होने वाली गणना को अवैध करार दे दिया जाना चाहिए. ये और बात है कि ट्रंप की धमकी बेअसर रही और काउंटिंग चलती रही.undefined
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2020, 20:08 IST