राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अब माइक्रो ब्लागिंग सोशल साइट ट्विटर पर आ गए हैं. उनका अकाउंट वेरिफाइड भी हो गया है. अब इस आफिशियल हैंडल के जरिए हम उनके विचार जान सकेंगे. भागवत के बारे में कहा जाता रहा है कि वो तकनीक को लेकर काफी सेलेक्टिव हैं लेकिन संघ ने उन्हीं के कार्यकाल में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई है.
दरअसल ट्विटर पर मोहन भागवत के नाम से कई फेक अकाउंट मौजूद थे. लेकिन ये पहला मौका है जबकि अब वो आधिकारिक हैंडल के साथ सोशल मीडिया पर रू-ब-रू होंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आने के बाद से ही पूछा जाता रहा था कि खुद भागवत क्यों किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं हैं. लेकिन उन्हीं के हवाले से ये बातें भी मीडिया में आईं कि ट्विटर और फेसबुक पर कुछ भी पोस्ट करने में जल्दबाजी नहीं दिखाई जानी चाहिए. ये प्लेटफार्म सूचना देने के लिए हैं न कि खुद को आगे रखने के लिए.
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भागवत को ऐसे संघ प्रमुख के तौर पर जाना जाता है, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में संघ को विस्तार देने के साथ नए जमाने के लिहाज से इसे मजबूती भी दी. जानते हैं भागवत के बारे में...
1. तीन पीढ़ियों से परिवार संघ के साथ
मोहन मधुकर भागवत का जन्म महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में हुआ. उनका परिवार तीन पीढ़ियों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा है. पहले उनके बाबा नानासाहेब इससे जुड़े रहे. वो संघ संस्थापक केबी हेडगेवार के साथ मिलकर काम करते थे. इसके बाद उनके पिता मधुकर राव भी संघ से सक्रिय तौर पर जुड़े रहे. वो गुजरात के प्रचारक भी बने. मां मालती संघ के महिला विंग की सदस्य थीं. भागवत परिवार के बारे में कहा जाता है कि वो टकराव की बजाय लोगों का दिल जीतने में ज्यादा विश्वास रखते हैं.
2. सुपर कूल और सुपर फिट
भागवत की उम्र फिलहाल 68 साल है लेकिन संघ के सूत्र बताते हैं कि वो न केवल सुपर फिट हैं बल्कि सुपर कूल भी. रोजाना शारीरिक अभ्यास जरूर करते हैं. वो संघ के राष्ट्रीय शारीरिक प्रमुख भी रह चुके हैं. उन्हें आमतौर पर नाराज होते हुए शायद ही किसी ने देखा हो. वो किसी की भी बात बहुत ध्यान से सुनते हैं और उसका जवाब देते हैं.
3. सादा खानपान और जीवन
संघ के अन्य स्वयंसेवकों और पदाधिकारियों की ही तरह भागवत के दिन की शुरुआत तड़के चार बजे से होती है और अक्सर रात 12 बजे तक वो कार्यों और गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं. खानपान उनका एकदम सादा है. वो कम की बजाय यथोचित मात्रा में भोजन करते हैं.
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4. लगातार यात्राएं
उन्हें ऐसे संघ प्रमुख के रूप में जाना जाता है, जो खूब यात्राएं करता है. उन्होंने देश ही नहीं विदेशों की भी काफी यात्राएं की हैं. लेकिन इतनी यात्राओं के बीच भी वो अपने जीवन को संतुलित करना बखूबी जानते हैं. यात्राओं के दौरान वो काफी पढ़ते रहते हैं, लेकिन क्या पढ़ना है क्या नहीं-इसे लेकर भी वो सेलेक्टिव हैं.
5. वेटनरी डॉक्टर का काम छोड़ संघ से जुड़े
मोहन भागवत चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं. उनकी शुरुआती पढाई चंद्रपुर में ही हुई. फिर उन्होंने नागपुर के गवर्नमेंट वेटनरी कॉलेज से वेटनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंड्री में बीएससी की. छह महीने तक उन्होंने पशु चिकित्सक के तौर पर चंद्रपुर के ग्रामीण इलाकों में काम भी किया लेकिन फिर पूरी तरह से संघ से जुड़ गए.
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