रूस और ईरान (Russia Iran) के बीच यह ड्रोन फैकट्री पर हुए समझौते को अमेरिका हलके में नहीं ले रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
मेरिका दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति (USA as superpower) है, लेकिन पिछले कुछ सालों से उसकी स्थिति को चुनौतियां मिल रही हैं. आज दुनिया के किसी भी कोने में कुछ भी घटित होता है तो वह अमेरिका के लिए अहम होती है क्योंकि उसे यह तौलना होता है कि वह घटना उसके हितों के खिलाफ तो नहीं है. हाल में अमेरिका की गहरी नजरें रूस, ईरान, उत्तर कोरिया, चीन सहित कई देशों पर है. हाल ही में ईरान और रूस (Russia and Iran) ने समझौता किया है जिसके तहत ईरानी तकनीक वाले ड्रोन अब मॉस्को में भी निर्मित होंगे.अमेरिकी मीडिया ने इस खबर को रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine war) के लिहाज से बहुत महत्व दिया है.
अकेला नहीं यूक्रेन
रूस यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के पीछे अमेरिका की अगुआई में नाटो खड़ा है जिसमें यूरोप के अधिकांश देश शामिल हैं. पिछले कुछ सालों से रूस यूक्रेन की नाटो सदस्यता पाने की कोशिशों पर सख्त ऐतराज कर रहा था. और इसी का नतीजा रूस यूक्रेन युद्ध है. अभी यूरोप सहित पश्चिमी देश यूक्रेन का साथ देकर युद्ध संतुलन लाने का काम कर रहे हैं.
ईरानी ड्रोन का असर
यही वजह है कि युद्ध एक तरफा नहीं हुआ जो केवल यूक्रेन और रूस को ही देखकर लगता है. अब रूस को ईरानी कामीकाजे ड्रोन की क्षमता मिलने से माना जा रहा हैकि रूस की आक्रमण क्षमता इससे बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगी. अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल का कहना है कि इस मॉस्को के पास प्रस्तावित फैक्ट्री में कम से कम 6 हजार ड्रोन बनाए जा सकते हैं.
नए इंजन का विकास
रिपोर्ट के मुताबिक ईरान का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछल महीने के ही शुरू में रूस की यात्रा की है जहां उन्होंने साइट देखने के साथ इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के विस्तार से चर्चा की. इस बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारी का कहना है कि ईरान और रूस शाहीद-136 यूएवी के लिए नए इंजन का विकास करने में लगे हैं जिससे ड्रोन ज्यादा दूर तक और तेजी से भाग सकेंगे.
मध्य पूर्व में भी खतरा
इस नए इंजन को नई फैक्ट्री में निर्माण किया जाएगा. यह रिपोर्ट तब आई है जब अमेरिका ने दो महीने पहले दिसंबर 2022 में घातक ड्रोन के लिए संयुक्त प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने का ऐलान किया था. इस रिपोर्ट पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि यह साझेदारी ना केवल यूक्रेन के लिए खतरा है बल्कि ईरान के आसपास भी खतरा होगी. बाद में अमेरिका के नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इसकी पुष्टि भी की है.
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अमेरिका की चिंता
अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि ईरान ने रूस को पहले ही सैकड़ों ड्रोन दे रखे हैं जिनका वह यूक्रेन में किए जा रहे रूसी हमलों में उपयोग कर रहा है. बाइडन प्रशासन ने रूस और ईरान के बीच इस तरह की रक्षा साझेदारी पर चिंता व्यक्त की है. व्हाइट हाउस का कहना है कि रूस ईरान को इस साल के अंत में रूसी जेट फाइटर भी प्रदान करेगा.
चेतावनी के संकेत
दिसंबर में ही व्हाइट हाउस चेतावनी दी थी कि मॉस्को और तेहरान रूस में एक संयुक्त ड्रोन उत्पादन पंक्ति बने के लिए सहयोग कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 5 जनवरी को इस पर अमली जामा पहनाने के लिए बातचीत मॉस्को से 600 मील दूर येलाबुगा में हुई थी. इरानी प्रतिनिधिमंडल की अगुआई ब्रिगेडियर जनरल अब्दुला मेहराबी ने की थी जो इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स एरोस्पेस फोर्स रिसर्च एंड सेल्फ सफीशियेंसी जेहाद संगठन के प्रमुख है.
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अमेरिका का कहना है कि इस प्रतिनिधिमंडल में ईरान के प्रमुख रक्षा निर्माता उद्योग के प्रमुख घासेम दामावेंदियन भी थे. यह कपंनी ईरान के ड्रोन बनाने और विकसित करने का काम करती है. अमेरिका का कहना है कि नया ड्रोन यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के लिए बहुत परेशानी पैदा कर सकता है. यह फैक्ट्री रूस और ईरान के बीच हुए 1 अरब डॉलर की डील का हिस्सा है.
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