रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी (Russian politician Alexei Navalny) अब तक कोमा में हैं. जर्मनी का आरोप है कि उन्हें एक खास तरह का जहर नोविचोक (Novichok) दिया गया है. वैसे रूस में विरोध करने वाले लीडरों को जहर देकर रास्ते से हटाने का तरीका हमेशा से ही चलन में रहा. अकेले विकिपीडिया को ही देखें तो उसमें 120 ऐसे राजनैतिक नाम हैं, जिन्हें मारने के लिए रूस ने जहर दिया. इनमें से कई मारे भी गए थे. जानिए, कितना जहरीला है रूस का राजनैतिक इतिहास.
पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक एलेक्सी नवेलनी (साइबेरिया से एक विमान पर उड़ान के दौरान बीमार हो गए थे. जिसके बाद उन्हें जर्मनी लाया गया, जहां वे कोमा में हैं. जर्मनी ने रूस पर आरोप लगाया है कि रूस ने एलेक्सी को नोविचोक नाम का जहर दिया.

एलेक्सी को पुतिन के कट्टर विरोधी के तौर पर जाना जाता है
क्यों जताया जा रहा है जहर का संदेह
44 वर्षीय एलेक्सी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कड़े आलोचक माने जाते हैं. वे लगातार पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी में भ्रष्टाचार का विरोध करते आए हैं. जून में ही संवैधानिक सुधारों पर हुई वोटिंग को एलेक्सी ने बगावत कहा था और कहा था कि ये संविधान का उल्लंघन है. बता दें कि पुतिन का मौजूदा कार्यकाल साल 2024 में खत्म होना है. हालांकि उन्होंने इसी साल जून में संवैधानिक सुधारों पर देशस्तर पर वोटिंग कराई. इससे वे 2024 के बाद भी अगले 16 सालों के लिए सत्ता में रह सकते हैं. एलेक्सी ने इसे संविधान के साथ सीधी छेड़छाड़ बताया था और लगातार आलोचना कर रहे थे. यही वजह है कि उनके समर्थक अब उनकी सेहत को किसी खतरे से जोड़ रहे हैं.
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लगातार हुआ हमला
इसी तरह से साल 2017 में उनपर हमला हुआ, जिसमें उनकी दाईं आंख बुरी तरह से प्रभावित हुई. साल 2018 में एलेक्सी ने पुतिन के विरोध में राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होने की कोशिश की थी लेकिन उनपर गबन के आरोप के साथ चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिली. पिछले ही साल उन्हें संसदीय प्रक्रिया को गलत कहने के कारण महीनेभर की जेल हुई. इस दौरान भी वे एकाएक बुरी तरह से बीमार हो गए थे और कहा जा रहा था कि उन्हें जेल में जहर दिया गया था.

एलेक्सी के हवाई अड्डे पर चाय पीने और फिर विमान में सेहत बिगड़ने के कई वीडियो वायरल हुए थे
रूस में कॉमन प्रैक्टिस
वैसे विरोधियों को जहर देकर मारना रूस की राजनीति में एक कॉमन प्रैक्टिस मानी जाती है. विकीपीडिया में भी List of Soviet and Russian assassinations टाइप करने पर उन नामों की सूची मिलती है, जिन्हें कथित तौर पर सत्ता पार्टी ने जहर देकर मारने की कोशिश की थी.
पोलोनियम-210 से मौत
स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2006 में अलेक्जेंडर लिटनिवेनको (Alexander Litvinenko) को रेडियो एक्टिव तत्व पोलोनियम 210 देकर मार दिया गया था. जहर उन्हें एक चर्चा के दौरान चाय या फिर सुशी में मिलाकर दिया गया. कुछ ही हफ्तों के भीतर रेडिएशन सिंड्रोम के कारण काफी भयावह ढंग से लंदन में एलेक्जेंडर की मौत हुई थी. पोलोनियम-210 कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अगर नमक के छोटे कण जितना भी इंसान में चला जाए तो उसकी मौत तय है.
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साल 1978 में जॉर्जी मार्कोव (Georgi Markov) नाम के एक बल्गेरियन लेखक की मौत एकाएक हो गई. सालों बाद पता चला कि रूस की खुफिया एजेंसी KGB ने जहर देकर जॉर्जी की हत्या करवाई थी क्योंकि वो रूस के खिलाफ बोलते थे. उन्हें जेली के फॉर्म में कोई जहर दिया गया था, जिसकी कोई पहचान नहीं हो सकी और न ही इसके लिए किसी पर कोई कार्रवाई हुई.
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इसी तरह से साल 2018 में एक पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिप्ल और उनकी बेटी जूलिया की जहर देकर हत्या की कोशिश की गई. खुद ब्रिटिश सरकार ने इसकी पुष्टि की. हालांकि दोनों ही ठीक हो गए. ब्रिटिश सरकार के मुताबिक इन्हें नर्व एजेंट नोविचोक दिया गया था. बता दें कि ये वही खतरनाक जहर है जो अभी एलेक्सी को दिए जाने के आरोप लगे हैं. यूएसए टुडे के अनुसार ये दोनों पिता-बेटी अब न्यूजीलैंड में नई पहचान के साथ रह रहे हैं और किसी को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं.

जोसेफ स्टालिन के दौर में भी कई विरोधियों को कथित तौर पर जहर देकर मारा गया (Photo-pixabay)
स्टालिन के वक्त में भी आम
साल 1940 में लिऑन ट्रोट्स्की (Leon Trotsky) को भी बुरी तरह से मारा गया था. ये जोसेफ स्टालिन के विरोधी थे और उस वक्त मैक्सिको की शरण में रह रहे थे. इसी दौरान स्टालिन के एक सीक्रेट कर्मचारी ने उनके सिर पर जहर भरा बर्फ का टुकड़ा डाल दिया. कहा जाता है कि ये काम भी KGB के कहने पर किया गया ताकि स्टालिन का रास्ता साफ ही रहे. लिऑन के आखिरी शब्द थे- इस हमले के बाद मेरी मौत पक्की है. स्टालिन ने आखिरकार वो कर दिखाया, जो वो कई बार करने की कोशिश कर चुका था.
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कुल मिलाकर रूस की राजनीति में विरोधियों को जहर देकर मारना आम बात है. वहां की खुफिया एजेंसी इस काम में अहम भूमिका निभाती आई है. और विरोधी चाहें अपने देश में रहें या फिर रूस छोड़कर किसी दूसरे देश की शरण ले लें लेकिन हर हाल में खोजकर उन्हें मार दिया जाता है. मारने के तरीकों में जहर देना ही सबसे प्रचलित तरीका है. रूस खासतौर पर ऐसे जहर का इस्तेमाल करता है, जिसे आसानी से पहचाना न जा सके या जिसके जहर से शरीर में तुरंत ऐसे लक्षण न आएं, जो पॉइजनिंग से आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2020, 10:07 IST