अमेरिका (America) में अश्वेत मूल के व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद से लगभग सारे ही स्टेट्स में हिंसा (violence in America) भड़की हुई है. इसी बीच 29 मई को हजारों की भीड़ में प्रदर्शनकारी वाइट हाउस (White House) के सामने जमा हो गए. प्रेसिडेंट को किसी इमरजेंसी से सुरक्षित रखने के लिए आनन-फानन एक खुफिया बंकर (secret bunker in white house) में ले जाया गया, जो वहीं जमीन के नीचे बना हुआ है. बंकर के अलावा वाइट हाउस में कई सुरंगें भी हैं जो आपात काल में प्रेसिडेंट, उनके परिवार और वाइट हाउस स्टाफ को सुरक्षित बाहर ले जा सकती हैं और किसी को कानोंकान खबर भी नहीं होगी.
जब सुरंगें नहीं बनी थीं, तब से ही
यूएस के पत्रकारों में इसे लेकर अफवाहें उड़ने लगी थीं. साल 1930 में ये बात इतने जोरों पर थी कि वाइट हाउस कवर करने वाले पत्रकारों में ये बात मजाक के तौर पर भी कही जाने लगी थी. बाद में साल 1941 में पर्ल हार्बर अटैक के बाद वास्तव में इसके निर्माण की जरूरत महसूस की गई और काम चल पड़ा.

वाइट हाउस के लोअर बेसमेंट से गुजरती सुरंग (Photo- whitehouse website)
सुरंगों का बनना साल 1950 में तत्कालीन प्रेसिडेंट हैरी एस ट्रूमैन (Harry S. Truman) के कार्यकाल में शुरू हुआ था. तब लगभग डेढ़ सौ साल पहले बने इस प्रेसिडेंट हाउस की हालत खस्ता होने लगी थी और उसकी दीवारों में जगह-जगह दरारें बनने लगी थीं. ये देखते हुए तय किया गया कि भवन को दोबारा बनाए जाने की जरूरत है. तब प्रेसिडेंट ट्रूमैन पास के ही ब्लेयर हाउस में शिफ्ट हो गए और पूरे 3 सालों तक वहीं रहें. इस दौरान वाइट हाउस का निर्माण नए सिरे से हुआ. इसी बीच सेफ्टी को देखते हुए एक टनल भी तैयार हुई जो ईस्ट विंग को वेस्ट विंग से जोड़ती थी. इसके जरिए खुफिया बंकर तक पहुंचा जा सकता था.
साल 1987 में दूसरी सीक्रेट सुरंग तैयार हुई, तब यूएस के 40वें राष्ट्रपति Ronald Reagan हुआ करते थे. रीगन के कार्यकाल में लगातार बढ़ती आतंकी हमलों की धमकी के कारण ये सुरंग तैयार की गई. वाइट हाउस की वेबसाइट के मुताबिक सुरंग के जरिए राष्ट्रपति एक खुफिया सीढ़ी तक पहुंच सकते हैं, जो कि ओवल ऑफिस के पास है, यहां पहुंचकर एक बटन दबाने पर सीक्रेट दरवाजा खुल जाता है. हालांकि ये दरवाजा कहां ले जाता है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.

सुरंगों का बनना साल 1950 में तत्कालीन प्रेसिडेंट हैरी एस ट्रूमैन के कार्यकाल में शुरू हुआ (Photo- whitehouse website)
इसके अलावा एक और सुरंग भी है, जिसके बारे में काफी लोग जानते हैं. ये ईस्ट विंग के बेसमेंट से होते हुए ट्रेजरी बिल्डिंग तक जाती है. इसे 33वें राष्ट्रपति Franklin D. Roosevelt ने बनवाया था. ये इस तरह से बनाई गई है कि हवाई हमलों का इसपर कोई असर न हो. एक और सुरंग वाइट हाउस को ओल्ड एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग से जोड़ती है. हालांकि कहा जाता है कि ये टनल बहुत सी जगहों पर खुलती है, जहां से बाहर कई सुरक्षित और अज्ञात जगहों पर पहुंचा जा सकता है. हालांकि इस बात का कोई लिखित प्रमाण नहीं.
वाइट हाउस में खुफिया सुविधाओं को President's Emergency Operations Center (PEOC) नाम दिया गया है. इसके तहत सरकारी इमारतों की सुरक्षा तय करने वाली संस्था GSA (General Services Administration) ने खुफिया बंकर और सुरंगें तैयार कीं. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक निर्माण कार्य को पूरी तरह से गुप्त रखा गया और कामगारों के फोन तक टैप होते रहे. यहां के सीक्रेट बंकर की दीवार इतने मोटे कंक्रीट की बनी है कि उसपर परमाणु बम और किसी भी रिडेएशन का असर नहीं हो सकता है. साथ ही ऐसी व्यवस्था है कि जमीन के भीतर होने के बाद भी बंकर और सुरंगों में पर्याप्त ऑक्सीजन आती-जाती रहे. सिएटल टाइम्स के अनुसार भीतर इतना खाना हरदम रखा रहता है जो आपात हालातों में कई महीने चल सकता है.
साल 2017 में जब डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभाली, तब उन्हें और कुछ आला अधिकारियों को सुरक्षा के सारे इंतजाम दिखाए गए थे. वे काफी देर के लिए भूमिगत रहे और उतनी देर के लिए भी उनके पास इमरजेंसी में निकलने के विकल्प सुझाए गए थे.
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FIRST PUBLISHED : June 02, 2020, 13:09 IST