शरीर में त्वचा (Skin) में बदलाव व्यक्ति के खून में शुगर लेवल के बढ़ने के संकेत देता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
आज पूरी दुनिया के लोग लाइफस्टाइल के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. जीवन में तनाव और बेपरवाह खान-पान के कारण हाइपरटेंशन और डायबिटिज जैसे विकार तो आम जीवन का हिस्सा बनते जा रहे हैं. इसमें डायबिटीज से बहुत सारे युवा तक पीड़ित होने लगे हैं. . डाइबिटीज अपने साथ कई बीमारियों को न्यौता देता है. इस विकार से शरीर के बहुत सारे अंग खराब होने लगते हैं जिसमें हमारे शरीर की त्वचा भी शामिल है. त्वचा के ऐसे बहुत से संकेत हैं जो बताते देते हैं कि व्यक्ति की शुगर सामान्य नहीं हैं.
कई समस्याओं को न्यौता
डायबिटीज से आंखों की कमजोरी, हृदय की समस्याएं, किडनी के कार्य में व्यवधान और त्वचा सहित अन्य अंगों की समस्याएं प्रमुख तौर पर दिखने लगती है. यह एक साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं को आमंत्रित करने वाला विकार कही जाती है. इसका सही समय पर निदान होना बहुत जरूरी है. शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने के संकेत त्वचा पर भी साफ तौरपर दिखाई देने लगते हैं.
कैसे होता है त्वचा पर असर
शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से इंसान को बार बार पेशाब आने लगती है. डायबिटीज से मरीजे के शरीर में पानी का स्तर भी बार बार कम होने लगता है जिसेस डीहाइड्रेशन की समस्या भी हो जाती है. इसी डीहाइड्रेशन की वजह से मरीज की त्वचा पर सीधा असर होता है और त्वचा में रूखापन दिखाई देने लगाता है.
नहीं बरतें लापरवाही
इनके अलावा भी शरीर की त्वचा में ऐसे संकेत दिखने लगते हैं जिससे डायबिटीज होने का पता चल जाता है. इन्हें प्री डायबिटिक लक्षण कहते हैं. सलाह दी जाती है कि इस तरह के संकेत दिखने पर हमें फौरन ही उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए नहीं तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है.
त्वचा के धब्बों को पहचानें
बहुत से डायबिटीज मरीजों को उनकी त्वचा पर काले धब्बे दिखाई देने लगते हैं. ऐसा खास तौर पर गर्दन और कांख में होता है. इन हिस्सों को छूने पर उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे कोई वेल्वेट छू रहे हैं. यह भी एक प्री डायबिटिक लक्षण है जिसे चिकित्सकीय भाषा में एकैनथोसिस निग्रीकैन्स कहा जाता है. इससे पता चलता है कि शरीर में शुगर या इंसुलिन की मात्रा बढ़ गई है
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अलग-अलग रंग के धब्बे
इसके अलावा त्वचा पर लाल, पीले और कत्थई धब्बे भी काफी कुछ बता सकते हैं. ये धब्बे प्री-डायबटिक लक्षणों के संकेत बना देते हैं. इनसे त्वचा में खुजली और दर्द की स्थिति बन जाती है. बहुत से लोगों को उनकी त्वचा पर लाल, पीले और कत्थई पिंपल जैसे धब्बे दिखने लगते हैं. चिकित्सकीय भाषा में इसे नेक्रोबायोसिस लिपोडिका कहते हैं जो एक और प्री डाबटिक लक्षण है. ऐसे लक्षण दिखने पर फौरन ही शुगर की जांच करानी चाहिए.
चोट के घाव
अगर शरीर में कोई चोट लगी है और उससे त्वचा पर भी घाव हो गया है और वह धाव भरने में बहुत ज्यादा समय लग रहा है, तो इसका मतलब यही हो सकता है कि शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ गई है. इससे तंत्रिकाएं नष्ट हो हो जाती हैं जिसके कारण त्वचा के जख्मों की भरने में समस्या आती है. इस तरह की समस्या को डायबिटिक अल्सर कहा जाता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
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डायबिटीज को लाइफ स्टाइल की बीमारी कहा जाता है.यह ना केवल खराब खान पान और अनहेल्दी लाइफस्टाल के कारण होती है, बल्कि इसके पता चलने के बाद मरीज को भी एक खास तरह के लाइफ स्टाइल अपनानी होती है. अपने स्वास्थ्य पर खासतौर पर नजर रखनी होती है और उसमें आने वाले उतार चढ़ाव के संकेत दिखने पर फौरन चिकित्सक की सलाह के अनुसार कदम उठाने होते हैं.
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Tags: Diabetes, Health, Research, Science
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