जितना सोचा गया था उससे कहीं पहले खत्म हो जाएगा हमारा सौरमंडल

नए अध्ययन से शोधकर्ताओं एक बार फिर से हमारे सौरमंडल (Solar System) के अंत (End) के बारे में पता लगाने की कोशिश की है.
खगोलविद और भौतिकविद हमारे सौरमंडल के खात्मे के बारे पूरी तरह से जानने की कोशिश सैकड़ों सालों से कर रहे हैं. 1999 में पूर्वानुमान लगा कि सौरमंडल कम से कम एक ‘अरब-अरब’ सालों में बिखर जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: November 30, 2020, 6:46 AM IST
हमारे सौरमंडल (Solar System) के खत्म (End) होने में बहुत ज्यादा समय है. लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों ने उसकी उम्र का अनुमान लगाया था. खगोलविदों और वैज्ञानिकों ने केवल सौरमंडल की उम्र का अनुमान लगाया है बल्कि यह भी आंकलन किया है कि यह अंत कैसे होगा. लेकिन ताजा अध्ययन से पता चला है कि जितना सोचा गया था उससे कहीं पहले हमारे सौरमंडल का अंत हो जाएगा.
सबसे आखिर में होगा सूर्य का अंत
हमारेसौ रमंडल में सबसे आखिर में हमारे सूर्य का अंत होगा. उस समय वह सिकुड़कर एक स्फेद वामन तारा हो जाएगा और धीरे धीरे उसकी ऊष्मा खत्म होने के बाद वह एक मृत ठंडी चट्टान में बदल जाएगा. इसमें हजारों खरबों साल लगेंगे, लेकिन उससे पहले सौरमंडल के बाकी हिस्सों का अंत हो चुका होगा.
बिखर कर खो जाएंगे सारे ग्रहनए सिम्यूलेशन्स के मुताबिक हमारे सौरमंडल के ग्रहों को केवल 100 अरब सालों का समय लगेगा. जब वे गैलेक्सी में बिखर जाएंगे और सूर्य को धीरे धीरे मरने के लिए छोड़ देंगे. खगोलविद और भौतिकविद हमारे सौरमंडल के खात्मे के बारे पूरी तरह से जानने की कोशिश सैकड़ों सालों से कर रहे हैं.
न्यूटन के समय से चल रही है कोशिश
अपने नए शोध में लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया यूनिवर्सटी के खगोलविद जोन जिंक और मिशिगन यूनिवर्सिटी के खगोलविद फ्रेड एडम्स और कैल्टेक के कोन्सटैनटिन बैटिजिन ने लिखा है कि एस्ट्रोफिजिक्स के सबसे पुरानी पड़तालों में से एक हमारे सौरमंडल के लंबे समय तक के स्थायित्व को समझना था. खुद न्यूटन ने यह जानने की कोशिश की थी. उन्होंने यह अनुमान लगाया था कि ग्रहों के आपसी अंतरक्रिया अंततः सौरमंडल के स्थायित्व को अस्थिर कर देगी.

आसान नहीं है ये
मामला उतना आसान नहीं है बल्कि जितना लगता है उससे कहीं अधिक पेचीदा है. किसी गतिशील सिस्टम में जब बहुत सारे पिंड शामिल होते हैं जो एक दूसरे से अंतरक्रिया करते हैं तो सिस्टम और ज्यादा जटिल हो जाता है. ऐसे सिस्टम का पूर्वानुमान लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसे एन बॉडी प्रॉब्लम कहा जाता है.
जानिए कैसे पता लगा कि हमारे सूरज में होती है एक और Fusion प्रक्रिया
जटिलता की समस्या
इस जटिलता के कारण, सौरमंडल की कक्षाओं के पिछले समय के कुछ पैमानों पर निश्चित अनुमान लगाना नामुमकिन है. 50 लाख से एक करोड़ साल के बाद यह निश्चितता पूरी तरह से खत्म हो जाती है. लेकिन अगर हम यह पता लगा सके कि हमारे सौरमंडल के अंत में क्या होगा तो उससे हम यह पता चल सकता है कि हमारे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कैसे हुई थी. वह भी उसकी 13.8 अरब साल की उम्र से कहीं पहले.
पिछली सदी के अंत का अनुमान
साल 1999 में खगोलविदों ने पूर्वानुमान लगाया कि सौरमंडल धीरे धीरे कम से कम एक ‘अरब-अरब’ सालों में बिखर जाएगा. यह गुरू और शनि के ऑर्बिटल रेजोनेस को यूरेनस को अलग करने में समय लगेगा. अब जिंक की टीम के अनुसार इस गणना में कुछ अहम प्रभाव छोड़ दिए गए थे जो सौरमंडल को जल्दी बिखरा सकते हैं.

तो कैसे होगा अंत
इस अध्ययन के मुताबिक सूर्य 5 अरब साल बाद पहले लाल बड़े पिंड में बदलेगा और बुध, शुक्र और पृथ्वी को निगल लेगा. इसके बाद वह अपना आधा भार उत्सर्जित कर देगा. इसके बाद उसकी दूसरे ग्रहों पर गुरुत्व पकड़ ढीली हो जाएगी. ऐसे में गैलेक्सी के दूसरे तारे भी ग्रहों पर प्रभाव डालेंगे जो हर 2.3 करोड़ साल में हमारे सौरमंडल के पास आते हैं. इन सबका बहुत अधिक प्रभाव होगा. इससे कुछ ग्रहों का आपस में संबंध खत्म होगा और वे स्वतंत्र होकर अलग हो जाएंगे.
11 अरब साल पुरानी घटना ने बदल दिया था हमारी गैलेक्सी का पूरा आकार
इन सब के असर को शामिल कर शोधकर्ताओं ने दस एन बॉडी सिम्यूलेशन दूसरे ग्रहों के लिए चलाए जिसमें मंगल ग्रह को छोड़ दिया क्योंकि उसका प्रभाव बहुत कम पड़ेगा. 30 अरब साल में बाकी ग्रह दूर होना शुरू हो जाएंगे, उसके अगले 50 अरब साल बाद अंतिम ग्रह भी सौरमंडल से अलग होगा और 100 अरब साल बाद सूर्य भी खत्म हो जाएगा.
सबसे आखिर में होगा सूर्य का अंत
हमारेसौ रमंडल में सबसे आखिर में हमारे सूर्य का अंत होगा. उस समय वह सिकुड़कर एक स्फेद वामन तारा हो जाएगा और धीरे धीरे उसकी ऊष्मा खत्म होने के बाद वह एक मृत ठंडी चट्टान में बदल जाएगा. इसमें हजारों खरबों साल लगेंगे, लेकिन उससे पहले सौरमंडल के बाकी हिस्सों का अंत हो चुका होगा.
बिखर कर खो जाएंगे सारे ग्रहनए सिम्यूलेशन्स के मुताबिक हमारे सौरमंडल के ग्रहों को केवल 100 अरब सालों का समय लगेगा. जब वे गैलेक्सी में बिखर जाएंगे और सूर्य को धीरे धीरे मरने के लिए छोड़ देंगे. खगोलविद और भौतिकविद हमारे सौरमंडल के खात्मे के बारे पूरी तरह से जानने की कोशिश सैकड़ों सालों से कर रहे हैं.
न्यूटन के समय से चल रही है कोशिश
अपने नए शोध में लॉस एंजेलिस कैलिफोर्निया यूनिवर्सटी के खगोलविद जोन जिंक और मिशिगन यूनिवर्सिटी के खगोलविद फ्रेड एडम्स और कैल्टेक के कोन्सटैनटिन बैटिजिन ने लिखा है कि एस्ट्रोफिजिक्स के सबसे पुरानी पड़तालों में से एक हमारे सौरमंडल के लंबे समय तक के स्थायित्व को समझना था. खुद न्यूटन ने यह जानने की कोशिश की थी. उन्होंने यह अनुमान लगाया था कि ग्रहों के आपसी अंतरक्रिया अंततः सौरमंडल के स्थायित्व को अस्थिर कर देगी.

सौरमंडल (Solar System) के अंतिम समय में सूर्य के खत्म होने से बहुत पहले ग्रह (Planets) बिखर जाएंगे.
आसान नहीं है ये
मामला उतना आसान नहीं है बल्कि जितना लगता है उससे कहीं अधिक पेचीदा है. किसी गतिशील सिस्टम में जब बहुत सारे पिंड शामिल होते हैं जो एक दूसरे से अंतरक्रिया करते हैं तो सिस्टम और ज्यादा जटिल हो जाता है. ऐसे सिस्टम का पूर्वानुमान लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसे एन बॉडी प्रॉब्लम कहा जाता है.
जानिए कैसे पता लगा कि हमारे सूरज में होती है एक और Fusion प्रक्रिया
जटिलता की समस्या
इस जटिलता के कारण, सौरमंडल की कक्षाओं के पिछले समय के कुछ पैमानों पर निश्चित अनुमान लगाना नामुमकिन है. 50 लाख से एक करोड़ साल के बाद यह निश्चितता पूरी तरह से खत्म हो जाती है. लेकिन अगर हम यह पता लगा सके कि हमारे सौरमंडल के अंत में क्या होगा तो उससे हम यह पता चल सकता है कि हमारे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कैसे हुई थी. वह भी उसकी 13.8 अरब साल की उम्र से कहीं पहले.
पिछली सदी के अंत का अनुमान
साल 1999 में खगोलविदों ने पूर्वानुमान लगाया कि सौरमंडल धीरे धीरे कम से कम एक ‘अरब-अरब’ सालों में बिखर जाएगा. यह गुरू और शनि के ऑर्बिटल रेजोनेस को यूरेनस को अलग करने में समय लगेगा. अब जिंक की टीम के अनुसार इस गणना में कुछ अहम प्रभाव छोड़ दिए गए थे जो सौरमंडल को जल्दी बिखरा सकते हैं.

सौरमंडल (Solar System) के ग्रह एक समय में धीरे-धीरे उससे बाहर होते जाएंगे.
तो कैसे होगा अंत
इस अध्ययन के मुताबिक सूर्य 5 अरब साल बाद पहले लाल बड़े पिंड में बदलेगा और बुध, शुक्र और पृथ्वी को निगल लेगा. इसके बाद वह अपना आधा भार उत्सर्जित कर देगा. इसके बाद उसकी दूसरे ग्रहों पर गुरुत्व पकड़ ढीली हो जाएगी. ऐसे में गैलेक्सी के दूसरे तारे भी ग्रहों पर प्रभाव डालेंगे जो हर 2.3 करोड़ साल में हमारे सौरमंडल के पास आते हैं. इन सबका बहुत अधिक प्रभाव होगा. इससे कुछ ग्रहों का आपस में संबंध खत्म होगा और वे स्वतंत्र होकर अलग हो जाएंगे.
11 अरब साल पुरानी घटना ने बदल दिया था हमारी गैलेक्सी का पूरा आकार
इन सब के असर को शामिल कर शोधकर्ताओं ने दस एन बॉडी सिम्यूलेशन दूसरे ग्रहों के लिए चलाए जिसमें मंगल ग्रह को छोड़ दिया क्योंकि उसका प्रभाव बहुत कम पड़ेगा. 30 अरब साल में बाकी ग्रह दूर होना शुरू हो जाएंगे, उसके अगले 50 अरब साल बाद अंतिम ग्रह भी सौरमंडल से अलग होगा और 100 अरब साल बाद सूर्य भी खत्म हो जाएगा.