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क्या बुनियादी ढांचा है सीरिया में आए भूकंप से हुई इतनी ज्यादा मौतों की वजह?

भूकंप (Earthquake) के कारण सीरिया और तुर्किये दोनों में ही इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है. . (AFP फोटो)

भूकंप (Earthquake) के कारण सीरिया और तुर्किये दोनों में ही इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है. . (AFP फोटो)

सीरिया (Syria) और तुर्किये में आए भूकंप (Earthquake) ने सबसे ज्यादा तबाही दक्षिण तुर्कीये और उत्तर पश्चिम सीरिया में मच ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

भूकंप की वजह से सीरिया में अभूतपूर्व तबाही का मंजर दिखाई दिया.
सीरिया में खास तौर पर इमारतों को बहुत ही ज्यादा नुकसान हुआ.
अब भी सैकड़ों परिवार मलबे के नीचे दबे हुए हैं.

इस सप्ताह के शुरू से तुर्कीये में भूकंप (Earthquake in Turkey) की शुरुआत हुई जिसने दक्षिणी तुर्किये के साथ साथ  उत्तर पश्चिमी सीरिया (North western Syria) में भारी तबाही मचा दी. तब से आपातकाल की स्थिति में बचाव दल के लोग कार्य में लगातार लगे हुए हैं. वे गिरे हुए मकानों के मलबे में से लोगों को अब भी निकाला जा रहा है जबकि भूकंप को आए दो दिन से भी ज्यादा का समय हो चुका है. अब भी सैंकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं जिन्हें बचाने की बहुत ही बड़ी चुनौती है. इसकी एक वजह वहां के बुनियादी ढांचे (Infrastructure) को भी माना जा रहा है जिसकी वजह से वहां की इमारतें भूकंप के झटकों के लिहाज से बहुत ही कमजोर साबित हुई हैं.

नए मकान पूरी तरह से हुए ध्वस्त
आलम यह है कि अब मारे जाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ने की आशंका है और मौसम की मार राहत कार्यों में बाधा पहुंचा रही है. लेकिन इमारतों का कमजोर होने का दावा खोखला नहीं है.  12 साल से युद्ध में उलझे हुए देश का उत्तर पश्चिमी इलाका विपक्ष के नियंत्रण में है. यह सरकार द्वारा जबर्दस्ती से हटाए गए लोगों के लिए हाल ही में बनाए गए रिहायशी मकान पूरी तरह से ढह गए थे.

मकान नहीं थे मजबूत
लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है. इदलीब के बाहर स्लकीन और हरम के साथ एलोप्पो में अल एतरेब और जेनदेरेज में रिहायशी मकानों की हालत बहुत खस्ता हुई है. अल जरीरा की रिपोर्ट मुताबिक इदलीब केउत्तरी शहर के हाती हयाती वॉलिएंटरिंग समूह के प्रमुख और सिविल इंजियर सारिया बितार ने बताया है कि सीरिया में इमारतों का बुनियादी ढांचा भूकंप को झेलने के स्थिति में नहीं था.

नहीं रखा गया ध्यान
यह बात खास तौर पर मजबूत इमारतों पर भी लागू होती है. उन्होंने बताया कि सीरिया में बनाई गई इमारतें विशेषकर पुरानी इमारतें बिना किसी प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखकर बनाई गई थीं. जहां कुछ  इमारतें बच गई हैं लेकिन इन संरचनाओं का इंजीनियरों ने निरीक्षण किया था और यह सुनिश्चित किया था कि वे अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर खरे उतरें.

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सीरिया (Syria) के शहरों की इमारतें पहले से ही प्राकृतिक आपदा को झेलने के लिए नहीं बनाई गई थीं. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

युद्ध भी रहा एक कारण
बितार का कहना है कि लेकिन यह भी सच है कि इदलीब और एलोप्पो में पिछले 10 साल से हर तरह के भारी हथियार हुए बहुत सारे हिंसक हमले हुए थे. उनका इशारा सीरिया के युद्ध से ही था. उन्होंने बताया कि पूर्वी एलोप्पो में जहां अल बसद शासनकाल के दौरान बहुत ज्यादा हमले हुए थे जहां पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचा था.

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और ये भी कारण
इसके अलावा बितार यह भी कहते हैं कि उत्तर पश्चिमी सीरिया में इमारतों के ध्वस्त होने की एक और वजह तकनीकी और इंजीनियरिगं नियामकों का अभाव भी है. इसकी एक मिसाल इमारतों की नींव में पर्याप्त संख्या में धातु की छड़ों का अभाव है इतना ही नहीं, नींवों के लिए पर्याप्त गहराई तक खुदाई भी नहीं की गई.

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सीरिया (Syria) के कुछ शहरों की इमारतों युद्ध के कारण हुए हमलों से पहले ही जर्जर हो चुकी थीं. (तस्वीर: Wikimedia Commons)हजारों लोग टेंट में रहने को मजबूर
कई इलाकों को खतरे के क्षेत्र के अंदर घोषित कर दिया गया है. बहुत सारी बहुमंजिला इमारतें पूरी की पूरी ध्वस्त हो चुकी हैं. बीसियों परिवार अब भी मलबे में दबे हैं. एक प्रत्यक्षदर्शी जिसे मलबेसे निकाला जा चुका है कि कहना है कि भूकंप आते ही उनका पूरा मकान मलबे में बदल गया और सौभाग्य से उसे डेढ़ घंटे बाद निकाला जा सका. कई इलाकों में हजारों लोग टेंट में या दूसरी सुरक्षित इमारतों में रह रहे हैं.

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लेकिन बचाव दल भी कई चुनौतियों से जूझ रहा है.  उनके पास प्रयावप्त उपकरण नहीं है जिससे वे भारी मलबा हटा सकें. ऐसा चार पांच मंजिला इमारतों के साथ ज्यादा हो रहा है. लोग और यहां तक कि कई राहत कर्मी तक मानते हैं कि  हालात बहुत खराब हैं क्योंकि सैकड़ों परिवार अब भी फंसे हैं और बचाव दल नहीं जानता है कि वह उन्हें कब तक निकाल सकेगा. वहीं बचे हुए लोगों को ठंडसे बचाते  हुए पानी और भोजन की व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती है.

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