नई दिल्ली: दुनिया की बड़ी महाशक्तियों में अंतरिक्ष अभियानों (Space missions) को लेकर भी तगड़ी प्रतियोगिता चल रही है. जहां अमेरिका की मंगल (Mars) पर इंसान भेजने की तैयारी जोरों पर है तो चीन भी इस साल के अंत में मंगल के लिए अपना अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी कर रहा है. अब खबर है कि कार बनाने वाली कंपनियां भी चांद (Moon) के लिए रोवर बनाने की तैयारी में है.
चांद के लिए कई देश कर रहे हैं बड़ी तैयारी
चांद पर भी कई देशों के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान बन रहे हैं. अमेरिका चांद पर इंसानी बस्ती बसाने की तैयारी में है तो भारत सहित जापान और चीन भी चांद पर रोवर भेजने की तैयारी कर रहे हैं. भारत का एक प्रयास असफल हो चुका है. चीन भी इसी साल जनवरी में चांद के पिछले हिस्से में अपना अंतरिक्ष उतार चुका है और ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश है.
चीन की कंपनी बनाएगी रोवर
चीन की कार निर्माता कंपनी बाइक (BAIC) ग्रुप चीन के चंद्र अनवेषण अभियान के साथ मिलकर काम कर रही है. शंघाई ऑटो शो के दौरान कंपनी ने बताया कि वह एक लैब बनाएगी जिसमें बाइक एक रोवर विकसित कर सकेगी.

चंद्रमा पर कई देश अपना रोवर उतारने की तैयारी कर रहे हैं.
2030 तक चांद पर इंसान भेजना चाहता है चीन
चीन का इरादा साल 2030 तक अपने खास अभियान के तहत चांद पर इंसान उतारने का है. इसके लिए उसने 8 बिलियन डॉलर का बजट रखा है. यह अमेरिका के बाद सबसे बड़ा बजट है चीन अगले दस सालों में अंतरिक्ष की शीर्ष तीन सबसे बड़ी ताकतों में से एक बनना चाहता है.
और भी कार कंपनियां उतर रही हैं इस व्यवसाय में
बाइक इस दिशा में काम करने वाली अकेली कंपनी नहीं है. इससे एक महीने पहले टोयटा मोटर कॉर्पोरेशन भी इसी तरह जापान स्पेस एजेंसी से जुड़ी है. वह जापान के चंद्राभियान के लिए रोवर बना रही है. टोयटा कंपनी जापान के लिए छह पहिए वाला एक स्वचलित रोवर बना रही है जो दोलोगों को दस हजार किलोमीटर तक का सफर करा सके. जापान की योजना 2029 तक चांद पर यह रोवर ले जाने की है.
कैसा होगा टोयटा का रोवर
अपने रोवर की ऊर्जा के लिए टोयटा फ्यूल सेल तकनीक का उपयोग करेगी. यह दो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए काफी होगा. वे अपना अंतरिक्ष सूट उतार कर रोवर के अंदर ही रहते हुए चांद की सतह का अवलोकन कर सकेंगे.

नासा जल्दी ही चांद पर एक बेस कैंप बनाने की तैयारी में हैं.
चांद से आना जाना हो जाएगा तेज
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि जल्दी ही चांद पर भीड़ होगी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री पांच साल में ही व्यवसायिक रॉकेट्स से चांद से वापस आने लगेंगे. अमेरिका मे कुछ निजी कंपनियां इस क्षेत्र में तेजी से काम कर रही है.
चीन की भी बड़ी योजनाएं हैं
गौरतलब है कि चीन इस साल के अंत में अपने एक अंतरिक्ष यान मंगल पर भेजने वाला है. यह पहला ऐसा यान होगा जो मंगल की कक्षा में उसका चक्कर लगाकर वहां की सतह पर एक रोवर भी उतारेगा. यह चीन का मंगल के लिए दूसरा प्रयास होगा. इससे पहले साल 2011 में चीन ने एक अंतरिक्ष यान रूस की सहायता से मंगल पर भेजने की कोशिश की थी, लेकिन वह अभियान विफल हो गया था.
क्यों होगी रोवर की जरूरत
अंतरिक्ष व्यवसाय आगे जाकर बहुत फलने फूलने वाला व्यवसाय है. इसी कड़ी में चंद्रमा या मंगल पर वैज्ञानिक भेजकर वहां अन्वेषण और शोध किए जाने की बड़े पैमाने पर होने की संभावना है. वहीं इन अभियानों में उसी तरह के कैप्सूल, रोवर, या कार बहुत काम आएगी जिस तरह की कार टोयटा बना रही है. इस रोवर में उसी तरह की सुविधाएं होंगी जो एक अतरिक्ष यान में होती हैं.
एक व्यवसाय का रूप ले लेगा रोवर निर्माण
इसमें कोई शक नहीं रोवर बनाने का काम एक तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय है. दुनिया के कई देश अपने अंतरिक्ष यात्री चांद और मंगल पर भेजने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिका मंगल में भी अपना एक रोवर भेज चुका है और इसई साल जुलाई में ही वह दूसरा रोवर वहां भेजने वाला है. वहीं भारत भी चांद पर अपना रोवर भेजने का प्रयास कर चुका हैं.
यह भी पढ़ें:
क्या हमारे सौरमंडल के बाहर से आए हैं वैज्ञानिकों को दिख रहे 19 क्षुद्रग्रह
पृथ्वी के इतिहास की सबसे खतरनाक जगह: जानिए कैसे जानवर रहते थे यहां
क्या 4 अरब साल पहले चंद्रमा पर था जीवन, शोध से मिला इस सवाल का रोचक जवाब
बंद हो गया Arctic के ऊपर ओजोन परत का छेद, क्या कोरोना की वजह से हुआ ऐसाundefined
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Mission Moon, Research, Science, Space
FIRST PUBLISHED : April 27, 2020, 13:06 IST