तीन तलाक मामले में भारत से सीख ले रहा पाकिस्तान, आ सकता है बड़ा फैसला

सांकेतिक तस्वीर
पाकिस्तान की इस्लामिक आइडोलॉजी काउंसिल आज तीन तलाक पर अहम रिपोर्ट देने वाली है, जिसमें ऐसा करने वालों पर कड़े दंड का प्रावधान हो सकता है
- News18Hindi
- Last Updated: November 27, 2018, 12:15 PM IST
तुरंत तीन तलाक के मुद्दे पर पाकिस्तान में आज अहम घोषणा हो सकती है. पाकिस्तान की काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडोलॉजी (सीआईआई) ने संकेत दिया है कि वो इसको अवैध और दंडनीय करार देगी.
पाकिस्तान की ये काउंसिल इस मामले पर जनवरी से काम कर रही है. काउंसिल के सदस्यों के बीच लंबी बहस के बाद तुरंत तीन तलाक के कानून पर जरूरी संशोधन किए जाएंगे. काउंसिल के चेयरमैन डॉ. किबाला अयाज ने कई मामलों में एक बार तीन तलाक बोलने तलाक लेने पर चिंता जाहिर की है. पाकिस्तान में तुरंत तीन तलाक पर 1961 से ही बैन है लेकिन किसी सजा का प्रावधान नहीं होने पर लोग धड़ल्ले से इस तलाक को हरकत में ला रहे हैं.
माना जा रहा है अगर पाकिस्तान में किसी ने एक बार में तीन तलाक बोलकर तलाक लेने की कोशिश की, तो उस पर दंड लगाया जाएगा. काउंसिल के बहुत से लोग इसे शरीयत और अल्हे हैदी धार्मिक संस्था के अनुसार बिल्कुल खत्म करने के पक्ष में हैं.
भारत के फैसले का भी अध्ययनसीआईआई आज जो भी फैसला करेगी, वो शरीयत के प्रावधानों और दायरों में रहते हुए ही करेगी. सीआईआई ने अपनी चर्चा में भारत के सुप्रीम कोर्ट के इस बारे में आए फैसले की चर्चा की, जिसमें भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में त्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित कर दिया है.
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अब ये उस पत्र की भी जांच करेगी, जो उसे आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में भेजा है. बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है लेकिन उसने भी माना है कि तीन बार तलाक बोलने को हतोत्साहित किया जाना चाहिए.

पाक में शिकायतें
पाकिस्तान में तुरंत तीन तलाक पर सजा का प्रावधान नहीं होने पर वहां लोग धड़ल्ले से इस तरह तलाक ले रहे हैं. इसकी शिकायतें लगातार सरकार के बार आ रही हैं. इसी के मद्देनजर सरकार ने सीआईआई से इस बार में समीक्षा करने को कहा है.इसके बाद इस पर कड़ा कानून बनाने का काम शुरू हो जाएगा.
मौजूदा समय में पाकिस्तान में तलाक की बढ़ती दर में ट्रिपल तलाक का अहम योगदान है. लोग एक ही सांस में तीन बार तलाक बोल कर फारिग हो जाते हैं. काउंसिल इस संबंध में एक प्रस्ताव समीक्षा के लिए पाकिस्तान सरकार को भी सौंपा जाएगा. इस पर कानून बनाने के लिए जल्द काम शुरू हो जाएगा.
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पाकिस्तान इस्लामिक आइडोलॉजी काउंसिल की चेयरपर्सन का कहना है कि पाकिस्तान में एक बार में ही तीन तलाक एक बड़ा सामाजिक मुद्दा बन गया है. रोजाना मस्जिदों में इस प्रकार की शिकायतें आ रही है. कुछ मामलों को अदालत में भी लेकर जाया जा रहा है।.
23 देशों में तीन तलाक बैन
भारत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दुनियाभर में 23 ऐसे देश हैं, जहां तीन तलाक बैन है. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका में भी तीन तलाक पर बैन लगा हुआ है.
मिस्र पहला देश
मिस्र दुनिया का पहला ऐसा देश था जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था. 1929 में मुस्लिम जजों की खंडपीठ ने सर्वसम्मति से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया था. साल 1929 में ही मिस्र को देखते हुए सूडान की अदालत ने अपने देश में तीन तलाक को बैन कर दिया.
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इनके अलावा साइप्रस, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, इराक, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर, कुवैत, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, लेबनान, लीबिया, सीरिया, मलेशिया जैसे देशों में तुरंत तीन तलाक पर बैन है.

बांग्लादेश काफी आगे
बांग्लादेश इस मामले में काफी आगे है. यहां महिला हितों को ध्यान में रखते हुए एक साथ तीन बार बोलकर लिया जाने वाला तलाक बैन है. अगर किसी दंपत्ति को तलाक लेना भी है तो वह तलाक-ए-बिद्दत के तहत नहीं बल्कि एक पूरी प्रक्रिया निभाकर अलग होते हैं.
बांग्लादेश में तलाक से पहले यूनियन काउंसिल के चेयरमैन को शादी खत्म करने से जुड़ा एक नोटिस देना अनिवार्य माना जाता है, जिसकी कॉपी बीवी को भी दी जाती है.
श्रीलंका में भी तीन तलाक बैन
श्रीलंका में भी तीन तलाक बैन है. यहां मैरिज एंड डिवोर्स (मुस्लिम) एक्ट 1951 के तहत तलाक के लिए पति को एक मुस्लिम जज को नोटिस देना होता है.
इस दौरान पहले घर परिवार और समाज के बड़े बुजुर्ग तलाक ले रहे दंपत्ति को समझाने का प्रयास करते हैं. सुलह का हर संभव प्रयास होता है लेकिन सफल न होने पर एक मुसलमान जज और दो गवाहों के सामने 30 दिन बाद तलाक हो जाता है.
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पाकिस्तान की ये काउंसिल इस मामले पर जनवरी से काम कर रही है. काउंसिल के सदस्यों के बीच लंबी बहस के बाद तुरंत तीन तलाक के कानून पर जरूरी संशोधन किए जाएंगे. काउंसिल के चेयरमैन डॉ. किबाला अयाज ने कई मामलों में एक बार तीन तलाक बोलने तलाक लेने पर चिंता जाहिर की है. पाकिस्तान में तुरंत तीन तलाक पर 1961 से ही बैन है लेकिन किसी सजा का प्रावधान नहीं होने पर लोग धड़ल्ले से इस तलाक को हरकत में ला रहे हैं.
माना जा रहा है अगर पाकिस्तान में किसी ने एक बार में तीन तलाक बोलकर तलाक लेने की कोशिश की, तो उस पर दंड लगाया जाएगा. काउंसिल के बहुत से लोग इसे शरीयत और अल्हे हैदी धार्मिक संस्था के अनुसार बिल्कुल खत्म करने के पक्ष में हैं.
भारत के फैसले का भी अध्ययनसीआईआई आज जो भी फैसला करेगी, वो शरीयत के प्रावधानों और दायरों में रहते हुए ही करेगी. सीआईआई ने अपनी चर्चा में भारत के सुप्रीम कोर्ट के इस बारे में आए फैसले की चर्चा की, जिसमें भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में त्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित कर दिया है.
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अब ये उस पत्र की भी जांच करेगी, जो उसे आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले में भेजा है. बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है लेकिन उसने भी माना है कि तीन बार तलाक बोलने को हतोत्साहित किया जाना चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर
पाक में शिकायतें
पाकिस्तान में तुरंत तीन तलाक पर सजा का प्रावधान नहीं होने पर वहां लोग धड़ल्ले से इस तरह तलाक ले रहे हैं. इसकी शिकायतें लगातार सरकार के बार आ रही हैं. इसी के मद्देनजर सरकार ने सीआईआई से इस बार में समीक्षा करने को कहा है.इसके बाद इस पर कड़ा कानून बनाने का काम शुरू हो जाएगा.
मौजूदा समय में पाकिस्तान में तलाक की बढ़ती दर में ट्रिपल तलाक का अहम योगदान है. लोग एक ही सांस में तीन बार तलाक बोल कर फारिग हो जाते हैं. काउंसिल इस संबंध में एक प्रस्ताव समीक्षा के लिए पाकिस्तान सरकार को भी सौंपा जाएगा. इस पर कानून बनाने के लिए जल्द काम शुरू हो जाएगा.
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पाकिस्तान इस्लामिक आइडोलॉजी काउंसिल की चेयरपर्सन का कहना है कि पाकिस्तान में एक बार में ही तीन तलाक एक बड़ा सामाजिक मुद्दा बन गया है. रोजाना मस्जिदों में इस प्रकार की शिकायतें आ रही है. कुछ मामलों को अदालत में भी लेकर जाया जा रहा है।.
23 देशों में तीन तलाक बैन
भारत में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दुनियाभर में 23 ऐसे देश हैं, जहां तीन तलाक बैन है. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका में भी तीन तलाक पर बैन लगा हुआ है.
मिस्र पहला देश
मिस्र दुनिया का पहला ऐसा देश था जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था. 1929 में मुस्लिम जजों की खंडपीठ ने सर्वसम्मति से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया था. साल 1929 में ही मिस्र को देखते हुए सूडान की अदालत ने अपने देश में तीन तलाक को बैन कर दिया.
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इनके अलावा साइप्रस, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, इराक, ब्रुनेई, मोरक्को, कतर, कुवैत, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, लेबनान, लीबिया, सीरिया, मलेशिया जैसे देशों में तुरंत तीन तलाक पर बैन है.

सांकेतिक तस्वीर
बांग्लादेश काफी आगे
बांग्लादेश इस मामले में काफी आगे है. यहां महिला हितों को ध्यान में रखते हुए एक साथ तीन बार बोलकर लिया जाने वाला तलाक बैन है. अगर किसी दंपत्ति को तलाक लेना भी है तो वह तलाक-ए-बिद्दत के तहत नहीं बल्कि एक पूरी प्रक्रिया निभाकर अलग होते हैं.
बांग्लादेश में तलाक से पहले यूनियन काउंसिल के चेयरमैन को शादी खत्म करने से जुड़ा एक नोटिस देना अनिवार्य माना जाता है, जिसकी कॉपी बीवी को भी दी जाती है.
श्रीलंका में भी तीन तलाक बैन
श्रीलंका में भी तीन तलाक बैन है. यहां मैरिज एंड डिवोर्स (मुस्लिम) एक्ट 1951 के तहत तलाक के लिए पति को एक मुस्लिम जज को नोटिस देना होता है.
इस दौरान पहले घर परिवार और समाज के बड़े बुजुर्ग तलाक ले रहे दंपत्ति को समझाने का प्रयास करते हैं. सुलह का हर संभव प्रयास होता है लेकिन सफल न होने पर एक मुसलमान जज और दो गवाहों के सामने 30 दिन बाद तलाक हो जाता है.
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